गुरुग्रामः सोहना अदालत में प्रक्टिस करने वाले एडवोकेट नवीन यादव की हत्या के बाद से वकीलों का धरना प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उचित मुआवजे का आश्वासन दिया. सांसद के आश्वासन के बाद वकीलों ने 7 दिनों के लिए धरना स्थगित कर दिया है.
'आरोपियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई'
केंद्रीय मंत्री ने वकीलों को आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की सिफारिश कि जाएगी. ताकि वकीलों को पूरी तरह से सुरक्षा मिल सके. उन्होंने कहा कि उदाका कांड में मृतक नवीन यादव को सरकार की तरफ से ज्यादा से ज्यादा मदद दिलाने का भी प्रयास जारी है. राव इंद्रजीत ने कहा कि पीड़ित परिवार को सरकार की तरह से हर संभव मदद मुहैया करवाई जाएगी. इसके अलावा जिन लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का आश्वासन सांसद ने दिया है.
शनिवार तक धरना स्थगित
वहीं बार एसोसिएशन के दिए गए ज्ञापन पर राव ने कहा कि ज्ञापन को प्रधानमंत्री के पास पहुंचा दिया जाएगा. सांसद ने उदाका कांड जैसी घटना की भारी निंदा भी की. जिसके बाद बार एसोसिएशन ने अपना धरना अगले शनिवार तक के लिए सस्पेंड कर दिया है. वकीलों का कहना है कि अगर सोमवार तक उनकी मांगे नहीं मानी गई तो फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार आंदोलन पूरे प्रदेश में किया जाएगा.
ये है मामलाः
बता दें कि नवीन यादव सोहना अदालत में वकालत कर रहे थे. उनके गांव में दो परिवारों के बीच लड़ाई हुई थी, जिसके लिए पंचायत हुई थी. उस पंचायत में नवीन भी शामिल हुए थे. वहां से लौटते वक्त हत्या मामले में आरोपित अख्तर और उनके परिवार ने उन पर कातिलाना हमला कर दिया था. घर में घसीट कर क्रिकेट के बल्ले से वार किए गए थे. हमले में नवीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया था. चार दिन बाद 24 जुलाई की रात नवीन ने दम तोड़ दिया था. इसके बाद से ही सोहना अदालत के अधिवक्ता धरने पर बैठे हैं. सोहना बार एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री को इस बारे में मांगपत्र भी दिया है.
ये हैं मुख्य मांगेंः
- अधिवक्ता नवीन यादव के परिवार को आर्थिक मदद के रूप में एक करोड़ की रकम दी जाए.
- बच्चों के बालिग होने तक फ्री शिक्षा के साथ मृतक नवीन की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए.
- गांव के जिन पंचों के सामने हमला किया गया, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.
- मुकदमा मेवात की नूंह अदालत की बजाय फास्ट ट्रैक अदालत गुरुग्राम में चलाया जाए.
- अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों को लागू कर उन्हें सुरक्षा दी जाए.