गुरुग्राम: बुधवार को नगर निगम की बैठक एक बार फिर से हंगामेदार रही. बैठक में इको ग्रीन कंपनी का शहर में चल रही मनमानी का मुद्दा उठा और सभी पार्षदों ने इको ग्रीन कंपनी के टेंडर को रद्द करने की मांग की.
जिसके साथ ही सदन की बैठक में पार्षदों की सहमति से इको ग्रीन कंपनी के टेंडर को रद्द करने का प्रस्ताव पास हुआ. जिसे अब राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा. इसके साथ ही शहर की ग्रीन बेल्ट पर रेडियो के कब्जे का मुद्दा भी काफी गरमाया.
इस मुद्दे पर गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने गुरुग्राम शहर में 2 दिसंबर तक तमाम रेडियो को हटाने के आदेश दे दिए. बैठक में वार्ड नंबर-34 के पार्षद आरएस राठी ने एफडी (फिक्स डिपॉजिट) खर्च करने का मुद्दा उठाया. आरएस राठी ने निगम के अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि निगम के अधिकारियों की नजर एफडी पर है, ना की निगम की आय बढ़ाने पर.
आरएस राठी ने बताया कि हाल ही में 100 करोड़ से ज्यादा की एफडी तोड़कर खर्च किए गए हैं. जिससे आने वाले समय में निगम को नुकसान हो सकता है. निगम की हर बैठक में शहर का कूड़ा उठाने वाली कंपनी इकोग्रीन के टेंडर को रद्द करने की मांग उठती है, लेकिन इसे प्रदेश सरकार की मेहरबानी कहिए कि ये टेंडर रद्द नहीं किया जाता.
जिसके चलते इकोग्रीन कंपनी गुरुग्राम शहर में अपनी मनमानी करती नजर आती है और गुरुग्राम के अलग-अलग हिस्सों में कूड़े का ढेर देखने को मिलते हैं. जिससे ना ही शहर में बीमारियां बढ़ती हैं बल्कि लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.