गुरुग्राम: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और इसके कारण लगे लॉकडाउन में कई इंडस्ट्रीस को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा है, लेकिन एक इंडस्ट्री ऐसी है जो इस समय भी फायदे में है और वो है कंप्यूटर इंडस्ट्री. लॉकडाउन के कारण स्कूल नहीं खुल रहे हैं और स्कूलों का जोर अब ऑनलाइन एजुकेशन की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में छात्र घर बैठकर ही लैपटॉप और कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं.
लॉकडाउन के बाद से कंप्यूटर और लैपटॉप की बिक्री में काफी वृद्धि देखने को मिली है. कंप्यूटर व्यापारियों ने बताया कि ऑनलाइन एजुकेशन और वर्क फ्रॉम होम के कारण अब लोगों की रुचि लैपटॉप और कंप्यूटर की ओर बढ़ी है. कंप्यूटर व्यापारी अजय गर्ग ने बताया कि लॉकडाउन से पहले रोजाना 3 से 4 लैपटॉप बिकते थे, लेकिन अब 7 से 8 लैपटॉप और कंप्यूटर रोजना बिक रहे हैं.
लैपटॉप-कंप्यूटर के बढ़े दाम, लेकिन कम नहीं हुई डिमांड
गुरुग्राम के कंप्यूटर व्यापारी सचिन कुमार बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले स्थिति सामान्य थी और मार्केट में सप्लाई और डिमांड भी ठीक थी, लेकिन ऑनलाइन एजुकेशन और वर्क फ्रॉम होम ने लैपटॉप की डिमांड बढ़ा दी है. जिससे कंपनियों ने इनके रेट में 5 से 6 हजार की वृद्धि की है.
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण मैन्युफैक्चरिंग काफी समय से बंद रही और अब चाइना से भी काफी कम सामान आ रहा है. जिससे मार्केट में स्टॉक काफी कम है और डिमांड ज्यादा, इसलिए कंप्यूटर कंपनियों ने इनके रेट में काफी वृद्धि की है. उन्होंने बताया कि जो लैपटॉप लॉकडाउन से पहले 30 हजार रुपये का बिकता था. आज उसी लैपटॉप की कीमत 36 हजार तक हो गई है.
'मोबाइल स्क्रीन से आंखों को पहुंचता है नुकसान, इसलिए खरीद रहे लैपटॉप'
कोरोना काल में सभी स्कूल बंद हैं और सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास लगाई जा रही है. रोजाना बच्चों की 4 से 5 ऑनलाइन क्लास लगाई जाती हैं. जिसके चलते बच्चों को लैपटॉप या कंप्यूटर की आवश्यकता होती है. वैसे तो ये ऑनलाइन क्लासेस को मोबाइल या टैबलेट से भी लिया जा सकता है, लेकिन लैपटॉप खरीदने आए अभिभावकों का कहना है कि मोबाइल की स्क्रीन छोटी होती है, जिसके कारण बच्चों की आंखों को बहुत नुकसान होता है और पढ़ाई में भी दिक्कतें आती हैं. इसलिए वो लैपटॉप खरीदने को मजबूर हैं.
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