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मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों ने सीएम को लिखा खून का पत्र, अगला पत्र पीएम के नाम

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Published : Feb 5, 2019, 11:05 PM IST

कर्मचारियों ने सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए खून से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा. जिसे लेकर 5 और 6 फरवरी को हड़ताल की गई.

हड़ताल करते कर्मचारी.

गुरुग्राम: एनएचएम कर्मचारियों अपनी लंबित मागों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल की. जिसके चलते सभई स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही. अपनी मांगों की आवाज सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को खून पत्र लिखा.
बता दें कि अपनी लंबित मांगों को लेकर एचएचएम कर्मचारी पिछले लंबे समय से संर्घष कर रहे हैं. जिसे लेकर 5 और 6 फरवरी को हड़ताल की गई. जिससे आम लोगों को भी भारी दिक्कतों का समाना उठाना पड़ा. यही नहीं इनकी इस हड़ताल से एंबुलेंस सेवा भी बाधित रही.


कर्मचारियों ने सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए खून से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा. वहीं कर्मचारियों का कहना हैं कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वो अगला पत्र खून से पीएम के नाम लिखेंगे. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की परमानेंट किये जाने जैसी मांगो के अतिरिक्त अन्य मांगे भी शामिल है.

हड़ताल करते कर्मचारी.
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आपको बता दें कि पिछले 6 महीने से एनएचएम कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी एक नहीं मानी. कर्मचारियों का कहना हैं कि अगर सरकार ने अपना अड़ियल रवैया नहीं छोड़ा तो वो आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार को इसका जवाब जरूर देंगे.

गुरुग्राम: एनएचएम कर्मचारियों अपनी लंबित मागों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल की. जिसके चलते सभई स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही. अपनी मांगों की आवाज सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को खून पत्र लिखा.
बता दें कि अपनी लंबित मांगों को लेकर एचएचएम कर्मचारी पिछले लंबे समय से संर्घष कर रहे हैं. जिसे लेकर 5 और 6 फरवरी को हड़ताल की गई. जिससे आम लोगों को भी भारी दिक्कतों का समाना उठाना पड़ा. यही नहीं इनकी इस हड़ताल से एंबुलेंस सेवा भी बाधित रही.


कर्मचारियों ने सरकार तक अपनी बात को पहुंचाने के लिए खून से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा. वहीं कर्मचारियों का कहना हैं कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वो अगला पत्र खून से पीएम के नाम लिखेंगे. हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की परमानेंट किये जाने जैसी मांगो के अतिरिक्त अन्य मांगे भी शामिल है.

हड़ताल करते कर्मचारी.
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आपको बता दें कि पिछले 6 महीने से एनएचएम कर्मचारी लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी एक नहीं मानी. कर्मचारियों का कहना हैं कि अगर सरकार ने अपना अड़ियल रवैया नहीं छोड़ा तो वो आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार को इसका जवाब जरूर देंगे.

Intro:बिहार स्वास्थ्य सेवाएं गुरुग्राम नागरिक हस्पताल में एनएचएम के तहत कार्यरत कर्मचारियों हड़ताल पर एनएचएम के तहत 700 कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गए है यही नहीं कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को खून से लिखा है पत्र....


Body:एनएचएम के कर्मचारी 2 दिन की हड़ताल पर हैं 5 और 6 फरवरी को एनएचएम कर्मचारियों ने हड़ताल का किया था ऐलान जिप्सी साइबर सिटी गुरुग्राम में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई है यही नहीं एंबुलेंस सेवा भी हो रही है बाधित हो रही ह यही नहीं सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए इन कर्मचारियों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को खून से पत्र तक लिख डाला और कर्मचारियों की माने तो अभी इनकी मांगे नहीं मानी गई तो यह अब अगल खून से पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा जाएगा...

बाइट=हरिराम, खून से पत्र लिखने वाला कर्मचारी
बाइट=राजरानी, एनएचएम कर्मचारी

हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की परमानेंट किये जाने जैसी मांगो से लेकर कहीं और मांगे हैं शामिल जिसे यह सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं यही नहीं बीते 6 महीने में कहीं बार एनएचएम के कर्मचारी हड़ताल पर उतर चुके हैं लेकिन अभी तक सरकार उनकी बात मानने को तैयार नहीं है वहीं कर्मचारियों का कहना है कि सरकार निकम्मी के साथ साथ भेरी है और अगर अब भी सरकार ने इनकी बात नहीं मानी तो आने वाले आगामी चुनावों सभी कर्मचारी उसका जवाब चुनाव में देंगे...

बाइट-अनिता,एनएचएम नाचकर्मचारी


Conclusion:सभी कर्मचारी हड़ताल पर होने से आम आदमी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है...यही नही एम्बुलेंस तक ना चलने से लोगो को ऑटो का सहारा लेकर हस्पताल पहुचना पड़ रहा ह
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