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सऊदी अरब की 1 साल की बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट, खून पहुंचाने के लिए लगाई गई गाय की नसें

गुरुग्राम के एक अस्पताल में सऊदी की रहने वाली एक साल की बच्ची का सफल लिवर ट्रांसप्लांट किया गया. जिसमें गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया.

liver transplant of saudi girl in gurugram
गुरुग्राम: सऊदी की 1 साल की बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट
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Published : Jan 10, 2020, 10:00 AM IST

गुरुग्राम: दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक अस्पताल में दुनिया का ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है. जिस करने में गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया है. ये लिवर ट्रांसप्लांट सऊदी अरब की रहने वाली 1 साल की मासूम बच्ची का किया गया है.

हूर को मिला नया जीवन
करीब 14 घंटें लंबी चली इस सर्जरी के बाद बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है. दरअसल, सऊदी अरब के रहने वाले एक दंपत्ति की 1 साल की बच्ची हूर को पित्त नलिकाओं के विकसित ना होने की वजह से लिवर में प्रॉब्लम हो गई थी. सऊदी के डॉक्टर्स ने उसका इलाज किया लेकिन वो सफल नहीं हो पाए.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

14 घंटे लंबा चला ऑपरेशन
सऊदी के डॉक्टर्स ने बच्ची के माता-पिता को उसका इलाज हिंदुस्तान जाकर कराने के लिए कहा. जिसके बाद माता-पिता अपनी बेटी को लेकर दिल्ली पहुंचे. इसके बाद गुरुग्राम के एक जाने माने अस्पताल में बच्ची का सफल ऑपरेशन किया गया. डॉक्टर्स ने बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट किया और इस दौरान नए लीवर तक खून का संचार कराने के लिए गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया गया.

ये भी पढ़िए: खेत में नहीं चल पा रहा था कोई कृषि यंत्र, किसान ने खुद बैल बन जोत डाला खेत

विदेश से मंगाई गई गाय की नसें

बच्चे का लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर्स की मानें तो दिल्ली-एनसीआर में ये ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट है. जो इतनी कम उम्र की बच्ची का किया गया है, जबकि विश्व का ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट है जिसमें नए लीवर तक खून का संचार करने के लिए गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया है. इन नसों को विदेशी कंट्री से मंगाया गया है .

गुरुग्राम: दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक अस्पताल में दुनिया का ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है. जिस करने में गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया है. ये लिवर ट्रांसप्लांट सऊदी अरब की रहने वाली 1 साल की मासूम बच्ची का किया गया है.

हूर को मिला नया जीवन
करीब 14 घंटें लंबी चली इस सर्जरी के बाद बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है. दरअसल, सऊदी अरब के रहने वाले एक दंपत्ति की 1 साल की बच्ची हूर को पित्त नलिकाओं के विकसित ना होने की वजह से लिवर में प्रॉब्लम हो गई थी. सऊदी के डॉक्टर्स ने उसका इलाज किया लेकिन वो सफल नहीं हो पाए.

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14 घंटे लंबा चला ऑपरेशन
सऊदी के डॉक्टर्स ने बच्ची के माता-पिता को उसका इलाज हिंदुस्तान जाकर कराने के लिए कहा. जिसके बाद माता-पिता अपनी बेटी को लेकर दिल्ली पहुंचे. इसके बाद गुरुग्राम के एक जाने माने अस्पताल में बच्ची का सफल ऑपरेशन किया गया. डॉक्टर्स ने बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट किया और इस दौरान नए लीवर तक खून का संचार कराने के लिए गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया गया.

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विदेश से मंगाई गई गाय की नसें

बच्चे का लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर्स की मानें तो दिल्ली-एनसीआर में ये ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट है. जो इतनी कम उम्र की बच्ची का किया गया है, जबकि विश्व का ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट है जिसमें नए लीवर तक खून का संचार करने के लिए गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया है. इन नसों को विदेशी कंट्री से मंगाया गया है .

Intro:दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के एक अस्पताल में दुनिया का ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है... जिसमें गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया.... यह लिवर ट्रांसप्लांट सऊदी अरब की रहने वाली 1 साल की मासूम बच्ची का किया गया है... 14 घंटों की लंबी सर्जरी के बाद बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है...


Body:अपनी मां की गोद में बैठी इस मासूम बच्ची का नाम है हूर जिसकी उम्र मात्र 1 साल है.... यह सऊदी अरब की रहने वाली है...और हमारे भारत के डॉक्टर इस बच्चे के लिए भगवान का रूप बनकर आए हैं.... जिन्होंने इतनी कम उम्र की बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट किया और दुनिया का यह एक मात्र ऐसा सफल ऑपरेशन बन गया जिसमें लिवर तक खून पहुंचाने के लिए गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया....दरअसल सऊदी अरब के रहने वाले इस दंपत्ति की 1 साल की बच्ची हूर को पित्त नलिकाओं के विकसित ना होने की वजह से बच्ची के लिवर में प्रॉब्लम हो गई...जिसके बाद सऊदी के डॉक्टर नए बच्चे का इलाज भारत में कराने की सलाह दी जिसके बाद इस बच्ची के माता-पिता इसे गुरुग्राम के आर्टेमिस अस्पताल लाए.... जहां पर इस बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है और बच्ची के नए लीवर तक खून का संचार करने के लिए गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया...

बाइट= डॉक्टर गिरिराज बोरा, सीनियर कंसलटेंट, आर्टेमिस अस्पताल

बच्चे का लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टरों की मानें तो दिल्ली एनसीआर में यह ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट है...जो इतनी कम उम्र की बच्ची का किया गया है जबकि विश्व का ऐसा पहला लिवर ट्रांसप्लांट है जिसमें नए लीवर तक खून का संचार करने के लिए गाय की नसों का इस्तेमाल किया गया है.... इन नसों को विदेशी कंट्री से मंगाया गया है ....गुरुग्राम के आर्टेमिस अस्पताल में बच्ची के लिवर ट्रांसप्लांट किया जिसका ऑपरेशन करीब 14 घंटों में सफल हो पाया

बाइट= डॉक्टर गिरिराज बोरा, सीनियर कंसलटेंट, आर्टेमिस अस्पताल


Conclusion:फिल्मों में अक्सर आपने और हमने यह सुना है कि डॉक्टर भगवान का रुप होते हैं लेकिन सऊदी अरब के रहने वाले इस दंपत्ति के लिए यह डॉक्टर भी भगवान से कम नहीं है जिन्होंने दुनिया का रेयर ट्रांसप्लांट करके इनकी बच्ची को नया जीवनदान दिया है
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