गुरुग्राम: भारतीय रेल नेटवर्क पूरे विश्व में सबसे बड़ा दूसरा रेलवे नेटवर्क है. जो अंग्रेजों के वक्त से चलता आ रहा है. लेकिन आज भी रेल हादसों के लोग अपनी जान गवां रहे हैं. भारतीय रेलवे स्टेशन भले ही वाईफाई लगने से मॉडर्न हो गया हो. लेकिन भारतीय रेल की सुरक्षा पर आज भी प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है क्योंकि साइबर सिटी गुरुग्राम में बीते साल 2019 में 139 लोगों ने रेल हादसे में अपनी जान गवांई है.
139 लोगों में से 132 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं. इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि 72 लोगों की जान रेलवे की लापरवाही से गई है, तो वहीं 47 लोगों ने रेल के आगे कूदकर खुद अपनी जान दी है और 20 मौत नेचुरल डेथ है. वहीं 139 मौतों में से 34 मृतक ऐसे हैं जिनकी पहचान नहीं हो सकी है.
जब ईटीवी भारत की टीम गुरुग्राम के रेलवे स्टेशन पहुंची तो वहां लोगों की लापरवाही का नजारा सामने आया. यह नजारा गुरुग्राम के फाटक का है और कुछ ही देर में ट्रेन यहां से गुजरने वाली है. जिसके चलते यह फाटक बंद है, लेकिन उसके बावजूद भी लोग इतनी आपाधापी जल्दबाजी में है कि अपनी जान को जोखिम में डालकर फाटक के नीचे से निकलकर रेलवे लाइन को क्रॉस कर रहे हैं. हालांकि कुछ ही देर में ट्रेन पास होने वाली है और कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.
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इन बढ़ते आंकड़ों की सबसे बड़ी वजह लोगों की लापरवाही भी है. क्योंकि आज भी लोग पटरी पर रेल क्रॉसिंग करते हुए नजर आते हैं. जबकि प्रशासन द्वारा सख्त आदेश जारी किए हैं कि कोई भी व्यक्ति रेल लाइन क्रॉस नहीं करेगा, क्योंकि पर्याप्त फुटब्रिज हर रेलवे स्टेशन पर बनाए हुए हैं. उसके बावजूद भी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर रेल पटरी पार करते हैं. जिससे कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं. आखिरकार अब जरूरत है तो उन लोगों को जागरूक होने की और रेलवे प्रशासन को भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की.