कुरुक्षेत्र: एक छात्र 6 मार्च 2008 को जन्मदिन की पार्टी से लौट रहा था. तभी उसका अपहरण हो गया. 9 दिन बाद स्नेहिल को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गन्ने के खेतों से बरामद किया था. उसके साथी ने ही अपहरणकर्ताओं के साथ मिलकर स्नेहिल का अपहरण करवाया था.
किडनैपर की आपराधिक प्रवृत्ति के चलते स्नेहिल को न्यान नहीं मिला था. उसने कोर्ट कचहरी के बहुत चक्कर लगाए. स्नेहिल पूरी तरह से निराश हो चुका था. इस निराशा ने स्नेहिल को नई ताकत दी. इंजीनियर की चाहत रखने वाला स्नेहिल जज बन गया.
ईटीवी से बात करते हुए स्नेहिल ने सारी घटना के बारे में बताया. सिस्टम की उलझनों ने उसके कैरियर का रास्ता बदल दिया. उसने ठान लिया कि वो लोगों को न्याय दिलाने का जरिया बनेगा. आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई. दिल्ली न्यायिक परीक्षा पास कर ली. स्नेहिल को सिविल जज कम पोलिटन मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है.