गुरुग्राम: हरियाणा अब कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की रफ्तार में कमी आई है. अब कोरोना के मरीजों की संख्या उतनी जल्दी नहीं बढ़ रही जितनी तेजी से पहले बढ़ रही थी, लेकिन जो आंकड़े हमारे सामने हैं, इनसे दो सवाल खड़े होते हैं. पहला ये कि क्या वाकई प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम हुआ है और दूसरा ये कि क्या राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की टेस्ट करने में कमी लाई गई है?
इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हमने पिछले 40 दिनों के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी किए जा रहे स्वास्थ्य बुलेटिन की स्टडी की. इस स्टडी में हमें वाकई सकारात्म परिणाम मिले. 1 जुलाई को जब स्वास्थ्य विभाग ने प्रति दस लाख लोगों पर 10 हजार 640 लोगों की टेस्टिंग की तो प्रदेश में 393 लोग संक्रमित मिले. 1 जुलाई को प्रदेश में 70.27 प्रतिशत रिकवरी रेट थी. वहीं अगले हफ्ते जब स्वास्थ्य विभाग ने करीब प्रति दस लाख पर 3 हजार टेस्ट और बढ़ा दिए तो 691 लोग संक्रमित मिले, इसके साथ ही प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़ कर 75.80% हो गया.
स्वास्थ्य विभाग हफ्ते दर हफ्ते टेस्टिंग बढ़ाता गया है, लेकिन नए संक्रमित मरीजों की संख्या में कुछ खास इजाफा नहीं हुआ है. इसके साथ ही प्रदेश में रिकवरी रेट में भी इजाफा हो रहा है.
गुरुग्राम में आया जबरदस्त सुधार
अनलॉक वन से पहले हरियाणा में सबसे बुरी हालत गुरुग्राम जिले की थी, क्योंकि गुरुग्राम कई दिल्ली और राजस्थान बॉर्डर पर है, इसलिए यहां संक्रमण पर रोकथाम लगा पाना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन गुरुग्राम में अनलॉक-1 के बाद स्वास्थ्य विभाग की मेहनत रंग ला रही है. अचानक जिले के हालात में सुधार आए हैं. गुरुग्राम में कोरोना मरीजों का ग्रोथ रेट कम होकर 0.87% हो गया है.
कोरोना संक्रमितों का जो डबलिंग रेट 27 जुलाई को 52.88 था. वो अब बढ़कर 108.65 दिन हो गया है. यानी कि जहां लगभग 52 दिन में मरीजों की संख्या दोगुनी हो रही थी. अब उसकी अवधि बढ़ कर 108 दिन से अधिक हो गई है. अब मरीजों की संख्या उतनी जल्दी नहीं बढ़ रही जितनी तेजी से पहले बढ़ रही थी.
गुरुग्राम में टेस्टिंग की क्या स्थिति है?
पहले प्रतिदिन 400 से 500 कोरोना के सैंपल जांच के लिए जाते थे. तब संक्रमितों की संख्या भी काफी ज्यादा थी, लेकिन अब प्रतिदिन 2 हज़ार से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं. जबकि 29 जुलाई के बाद से गुरुग्राम में लगातार 100 से कम मामले सामने आए है. फिलहाल गुरुग्राम में अब तक सरकारी और निजी लैब को मिलाकर 1,27,255 टेस्ट किए जा चुके हैं. जिसमें से 1,15,079 की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो वहीं 9840 कि रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
टेस्टिंग सुविधा में भी हुआ है सुधार
प्रदेशभर में कोरोना महामारी की शुरुआत में टेस्टिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग को सैंपल रोहतक पीजीआई भेजने पड़ते थे. जिसकी रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिन का वक्त लगता था. जिससे संक्रमण भी बढ़ जाता था, लेकिन अब गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में ही 2 आरटी- पीसीआर मशीन उपलब्ध है. जिससे 24 घंटे के अंदर ही मरीज की रिपोर्ट आ जाती है और उससे जिला स्वास्थ्य विभाग को कांटेक्ट ट्रेसिंग करने में काफी मदद मिलती है.
दो तरह से हो रही हैं टेस्टिंग
RT-PCR और रैपिड एंटीजन किट, दोनों तरीकों से टेस्ट किया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि यहां प्राइवेट लैब की अपेक्षा सरकारी तौर पर टेस्टिंग ज्यादा हो रही है. वहीं टेस्टिंग के लिए उन क्षेत्रों पर फोकस किया जा रहा है. जहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक है ताकि संक्रमित पॉजिटिव व्यक्तियों की पहचान करके उन्हें अलग किया जा सके.
3T फार्मूला पर स्वास्थ्य विभाग ने किया काम
स्वास्थ्य विभाग ने 3T फार्मूला पर काम किया है. जिसमें टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट है. स्वास्थ्य विभाग पहले मरीज की टेस्टिंग करता है. उसके बाद उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाती है और बेहतर ट्रीटमेंट किया जाता है.
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