एर्नाकुलम: केरल हाईकोर्ट ने कन्नूर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) नवीन बाबू की मौत मामले में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को बुधवार को स्वीकार कर लिया. यह याचिका नवीन की की पत्नी के. मंजूषा की तरफ से दायर की गई है. मंजूषा ने अपने पति की मौत मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.
बीते अक्टूबर महीने में नवीन बाबू अपने सरकारी आवास पर फांसी पर लटके पाए गए थे.
याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सीबीआई से इसपर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. अदालत ने निर्देश दिया है कि केस डायरी और जांच अधिकारी का हलफनामा 6 दिसंबर तक उसके समक्ष पेश किया जाए.
हालांकि, केरल हाईकोर्ट ने मामले में अंतिम रिपोर्ट पर रोक लगाने के परिवार के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया. कोर्ट ने सवाल किया कि वे जांच पूरी होने का विरोध क्यों कर रहे हैं. एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि भले ही आरोप-पत्र दाखिल हो जाए, लेकिन न्यायालय का अधिकार समाप्त नहीं हो जाता. आरोप पत्र दाखिल होने के बाद भी सीबीआई जांच का आदेश दिया जा सकता है.
हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या नवीन बाबू का मामला आत्महत्या है या फिर हत्या. नवीन बाबू के परिवार के वकील ने जवाब दिया कि आरोपी पीपी दिव्या राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है और हत्या का संदेह है.
जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर विचार किया.
14 अक्टूबर को कथित तौर पर बिना बुलाए नवीन बाबू के विदाई समारोह में शामिल होकर सीपीएम नेता दिव्या ने चेंगलई में पेट्रोल पंप की मंजूरी में कई महीनों तक देरी करने के लिए एडीएम की आलोचना की थी. अगले दिन नवीन बाबू कन्नूर में अपने क्वार्टर में मृत पाए गए.
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