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गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित मरीजों के काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम शुरू

कोविड-19 के जिले में प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों के कॉन्टैक्ट्स को ट्रेस करना शुरू कर दिया है. गुरुवार को इस संबंध में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी-1 भारत भूषण गोगिया ने कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया कि किस तरह से उन्हें कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए कॉन्टैक्ट को ढूंढना है.

contact tracing start of corona positive patient in gurugram
गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित मरीजों के काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम शुरू
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Published : Jun 11, 2020, 10:40 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 10:35 AM IST

गुरुग्राम: मंडलायुक्त अशोक सांगवान की ओर से वरिष्ठ आईएएस और एचसीएस अधिकारियों को गुरुग्राम जिले में कोविड-19 का प्रसार रोकने की जिम्मेदारी दी गई है. जिसके बाद इन पर काम भी शुरू हो गया है. मंडल आयुक्त ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक जितेंद्र यादव को कई अहम जिम्मेदारी दी हैं. इस कार्य में उनका सहयोग करने के लिए प्राधिकरण के संपदा अधिकारी-1 भारत भूषण गोगिया को लगाया गया है.

ये है प्राथमिकता

  • कोरोना कॉन्टैक्ट पर्सन को तलाशना
  • प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग की टीम के जरिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
  • आरआरटी को सुविधाएं प्रदान करना
  • कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का डाटा तैयार करना
  • हाई रिस्क कॉन्टैक्ट्स की सैंपलिग करवाना
  • सैंपलिंग के बाद मरीज की निगरानी करना

इस कड़ी में गोगिया ने प्राधिकरण के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के बाद बताया कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को लेकर एक प्रोफॉर्मा बनाकर इन कर्मचारियों को दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रोफॉर्मा में सभी 28 अर्बन पीएचसी ये जानकारी भरकर देंगे कि मेडिकल अधिकारी, फार्मेसिस्ट, एएनएम, आशा वर्कर, कंप्यूटर ऑपरेटर, लैब टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट और सेवादार आदि के कितना पद स्वीकृत हैं.

इसी प्रकार के दूसरे प्रोफॉर्मा में हर अर्बन पीएचसी के क्षेत्र में आए कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या दी गई है, उन सभी मरीजों के परिवार के सदस्यों, पिछले सात दिनों में संपर्क में आए लोगों की संख्या, उनमें से कितने एसिंप्टोमैटिक हैं. कितने सिप्टोमैटिक होने के बाद अस्पताल, पेड आइसोलेशन या होम आइसोलेशन में रखे गए हैं. ये जानकारी संबंधित पीएचसी के मेडिकल अधिकारी की ओर से दी जाएगी.

दरअसल गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोरोना के कई ऐसे केस सामने आए हैं. जहां कोरोना संक्रमित मरीजों ने अपने घर का पता और मोबाइल नंबर गलत दिया. ऐसे में उनसे संपर्क नहीं हो पाता. इसलिए कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इन परेशानियों को हल करने के लिए अब से मोबाइल ओटीपी करना जरूरी कर दिया गया है. जिससे सही मोबाइल नंबर और घर का पता मिल सके.

ये भी पढे़ं:- कुरुक्षेत्र: सूर्य ग्रहण के मौके पर ब्रह्म सरोवर में श्रद्धालु नहीं लगा पाएंगे आस्था की डुबकी

गोगिया ने बताया कि एक प्रोफॉर्मा रैपिड रिस्पांस टीम के लिए भी बनाया गया है, जिसमें वो रोगी का नाम सहित पूरा विवरण भरने के साथ-साथ उसके परिजनों और पिछले सात दिन में नजदीकी संपर्क में आए व्यक्तियों का ब्यौरा भरकर देगी. उन्होंने बताया कि इसमें हर स्वास्थ्य केंद्र ये डाटा तैयार करेगा. पॉजिटिव केसों के संपर्क में आए, कितने लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग हो चुकी है. कितने व्यक्ति छूट गए हैं. इसके बाद, छूटे हुए व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच करके बैकलॉग पूरा किया जाएगा.

गुरुग्राम: मंडलायुक्त अशोक सांगवान की ओर से वरिष्ठ आईएएस और एचसीएस अधिकारियों को गुरुग्राम जिले में कोविड-19 का प्रसार रोकने की जिम्मेदारी दी गई है. जिसके बाद इन पर काम भी शुरू हो गया है. मंडल आयुक्त ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक जितेंद्र यादव को कई अहम जिम्मेदारी दी हैं. इस कार्य में उनका सहयोग करने के लिए प्राधिकरण के संपदा अधिकारी-1 भारत भूषण गोगिया को लगाया गया है.

ये है प्राथमिकता

  • कोरोना कॉन्टैक्ट पर्सन को तलाशना
  • प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग की टीम के जरिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
  • आरआरटी को सुविधाएं प्रदान करना
  • कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का डाटा तैयार करना
  • हाई रिस्क कॉन्टैक्ट्स की सैंपलिग करवाना
  • सैंपलिंग के बाद मरीज की निगरानी करना

इस कड़ी में गोगिया ने प्राधिकरण के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के बाद बताया कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग को लेकर एक प्रोफॉर्मा बनाकर इन कर्मचारियों को दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रोफॉर्मा में सभी 28 अर्बन पीएचसी ये जानकारी भरकर देंगे कि मेडिकल अधिकारी, फार्मेसिस्ट, एएनएम, आशा वर्कर, कंप्यूटर ऑपरेटर, लैब टेक्नीशियन, लैब असिस्टेंट और सेवादार आदि के कितना पद स्वीकृत हैं.

इसी प्रकार के दूसरे प्रोफॉर्मा में हर अर्बन पीएचसी के क्षेत्र में आए कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या दी गई है, उन सभी मरीजों के परिवार के सदस्यों, पिछले सात दिनों में संपर्क में आए लोगों की संख्या, उनमें से कितने एसिंप्टोमैटिक हैं. कितने सिप्टोमैटिक होने के बाद अस्पताल, पेड आइसोलेशन या होम आइसोलेशन में रखे गए हैं. ये जानकारी संबंधित पीएचसी के मेडिकल अधिकारी की ओर से दी जाएगी.

दरअसल गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोरोना के कई ऐसे केस सामने आए हैं. जहां कोरोना संक्रमित मरीजों ने अपने घर का पता और मोबाइल नंबर गलत दिया. ऐसे में उनसे संपर्क नहीं हो पाता. इसलिए कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इन परेशानियों को हल करने के लिए अब से मोबाइल ओटीपी करना जरूरी कर दिया गया है. जिससे सही मोबाइल नंबर और घर का पता मिल सके.

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गोगिया ने बताया कि एक प्रोफॉर्मा रैपिड रिस्पांस टीम के लिए भी बनाया गया है, जिसमें वो रोगी का नाम सहित पूरा विवरण भरने के साथ-साथ उसके परिजनों और पिछले सात दिन में नजदीकी संपर्क में आए व्यक्तियों का ब्यौरा भरकर देगी. उन्होंने बताया कि इसमें हर स्वास्थ्य केंद्र ये डाटा तैयार करेगा. पॉजिटिव केसों के संपर्क में आए, कितने लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग हो चुकी है. कितने व्यक्ति छूट गए हैं. इसके बाद, छूटे हुए व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच करके बैकलॉग पूरा किया जाएगा.

Last Updated : Jun 12, 2020, 10:35 AM IST
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