गुरुग्राम: सीएम फ्लाइंग की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर एलपीजी गैस सिलेंडर के डिलीवरी बॉय और अवैध बोरवेल पर कार्रवाई की. सीएम फ्लाइंग की टीम ने शहर में चार अलग-अलग स्थानों पर ताबड़तोड़ छापामारी की. इसमें गैस गोदाम की तीन गाड़ियों को पकड़ने के साथ उनके डिलीवरी बॉय को काबू किया है. टीम ने इनके कब्जे से 82 LPG सिलेंडर बरामद किए हैं. जिनमें गैस कम पाई गई है.
इसके अलावा टीम ने अलग-अलग स्थानों पर रेड कर अवैध रूप से किए गए बोरवेल भी सील किए. इन बोरवेल से भूजल दोहन कर बेचा जा रहा था. दरअसल, सीएम फ्लाइंग की टीम को शीतला कॉलोनी व अशोक विहार में गैस सिलेंडर के डिलीवरी बॉय द्वारा अवैध रूप से गैस सिलेंडर से गैस निकालने की सूचना मिली थी. इस पर टीम ने मौके पर रेड की. रेड के दौरान सीएम फ्लाइंग की टीम ने तीन टेम्पो सिलेंडर के बरामद किए.
इन तीनों टेम्पो में टीम को कुल 82 सिलेंडर मिले. खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम को जब मौके पर बुलाकर जांच की गई, तो पाया गया कि इन सभी सिलेंडरों में 1 से 8 किलो तक गैस कम है. जिसके बाद सीएम फ्लाइंग की टीम ने डिलीवरी बॉय होशियार सिंह, मुकेश कुमार और इजराज अली को काबू किया. इनके खिलाफ सेक्टर-5 थाने में केस दर्ज कराए गए हैं. टीम ने ये सभी सिलेंडर कब्जे में ले लिए हैं.
सीएम फ्लाइंग की टीम ने सूचना के आधार पर गांव धनकोट, बसई, धुनेला और उल्लावास में ताबड़तोड़ रेड कर अवैध रूप से चलाए जा रहे बोरवेल को सील किया. टीम जब सूचना के आधार पर गांव धनकोट और बसई पहुंची, तो पाया कि यहां बोरवेल कर भूजल दोहन कर आरओ प्लांट लगाया गया है. जिसे टीम ने सील कर दिया. धनकोट में कमल सिंह और बसई में कृष्ण कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
जब सीएम फ्लाइंग की टीम गांव धुनेला में मंजीत के घर और उल्लावास में देवेंद्र के घर पर रेड की, तो वहां अवैध रूप से बोरवेल के साथ-साथ बिजली चोरी होना पाया गया. यहां बोरवेल से पानी के टैंकर भरे जा रहे थे. सोहना नगर परिषद ने इन बोरवेल को सील कर दिया और आरटीओ विभाग ने टैंकर सील करने के साथ ही बिजली निगम ने बिजली चोरी का केस बना दिया है. जिस पर जुर्माने का आकलन किया जा रहा है.
सीएम फ्लाइंग के अधिकारियों की मानें तो टीम द्वारा इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी है. खाद्य आपूर्ति विभाग और सीएम फ्लाइंग के अधिकारियों ने बताया कि नियमानुसार जब सिलेंडर डिलीवरी बॉय घर पर सिलेंडर देने आता है, तो उस वक्त उसे डिजिटल तराजू लेकर जाना होता है. उसे गैस की निर्धारित 14 किलो 200 ग्राम गैस के साथ सिलेंडर का वजन (जो कि प्रत्येक सिलेंडर पर लिखा होता है) को जोड़कर उपभोक्ता को चेक करना होता है.
इसके अलावा सिलेंडर पर लगी सील को भी उपभोक्ता के सामने ही तोड़कर, लीकेज चेक करनी होती है, लेकिन ज्यादातर डिलीवरी बॉय ना तो अपने साथ डिजिटल तराजू रखते हैं और ना ही सिलेंडर की जांच कराते हैं. उपभोक्ता द्वारा डिजिटल तराजू मांगने पर डिलीवरी बॉय बहाने बनाते हैं. वहीं, बोरवेल करने पर जिला प्रशासन ने रोक लगाई हुई है. प्रशासन की अनुमति के बिना बोरवेल कर भूजल निकालने पर पूर्ण रूप से पाबंदी है. ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाती है.
ये भी पढ़ें- रेवाड़ी सीएम फ्लाइंग की टीम ने जन स्वास्थ्य विभाग का किया औचक निरीक्षण, 14 कर्मचारी मिले नदारद
ये भी पढ़ें- रिश्तेदार के घर मातम मनाने जा रहे परिवार का एक्सीडेंट, एक महिला की मौत, 8 लोग घायल
ये भी पढ़ें- यमुनानगर में रेड सैंड बोआ तस्करी मामले में 3 आरोपियों को ज़मानत, मुरसलीन की तलाश तेज़