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झूठा रेप केस दर्ज कराने वाली महिला व साथी पर FIR, 76 वर्षीय डॉक्टर पर लगाया था दुष्कर्म का आरोप, जानें पूरा मामला - Fatehabad Crime News

फतेहाबाद के 76 वर्षीय डॉक्टर पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराने वाली महिला और उसके साथी पर डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने ब्लैकमेलिंग का केस (woman blackmailed doctor in Fatehabad) दर्ज किया है. आरोप है कि महिला ने 35 लाख रुपये लेने के बाद केस वापस लिया था.

woman blackmailed doctor in Fatehabad
झूठा रेप केस दर्ज कराने वाली महिला व साथी पर FIR
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Published : May 26, 2023, 8:27 PM IST

फतेहाबाद: 76 वर्षीय वरिष्ठ डॉक्टर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसके मित्र के खिलाफ अब पुलिस ने फतेहाबाद में ब्लैकमेलिंग को लेकर केस दर्ज किया है. महिला पर साथी मित्र के साथ मिलकर डॉक्टर को झूठे केस में फंसाकर 35 लाख रुपये और 2 लाख रुपये का सोना ऐंठने का आरोप है. महिला के डॉक्टर पर रेप का केस वापस लेने के बाद डॉक्टर ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर भट्टकलां पुलिस थाना फतेहाबाद ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 120बी, 384, 388, 389 के तहत केस दर्ज किया है.

पुलिस ने डॉ. बेनीवाल की रिसेस्पनिस्ट कम अकाउंटेंट महिला की शिकायत पर डॉक्टर के विरुद्ध पिछले वर्ष 13जून को रेप का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद 16 जून को ही महिला ने हल्फनामा दायर कर और कोर्ट में बयान देकर डॉक्टर बेनीवाल के विरुद्ध मुकदमा वापस ले लिया था. इस पर पुलिस ने सात अक्टूबर को एफआईआर कैंसिल कर दी थी. इस पर डॉक्टर बेनीवाल ने महिला के विरुद्ध झूठी एफआईआर करवाने के आरोप में धारा 182 का केस भी दर्ज कराया था.

पढ़ें : अंबाला: महिला हेड कांस्टेबल पर अपने से छोटे युवक पर शादी का दबाव बनाने का आरोप

बताया जाता है कि मुकदमा रद्द होने के बाद डॉक्टर बेनीवाल ने गृहमंत्री अनिल विज से मुलाकात कर उन्हें रेस्पनिस्ट द्वारा रेप के झूठे मामले में केस दर्ज कराकर ब्लैकमेल करने के बारे में बताया था. डॉ. बेनीवाल ने बताया कि उन्होंने महिला के हिसाब में गड़बड़ी पाई थी और उसे नौकरी से निकाल दिया था. इस पर वह 10 जून को पंचायत लेकर अस्पताल आ गई. उसने पूर्व नियोजित योजना के तहत फिर से नौकरी ज्वाइन कर ली थी. जिससे डॉक्टर को ब्लैकमेल किया जा सके.

डॉ. बेनीवाल ने बताया कि री ज्वाइनिंग के तीन दिन बाद ही 13 जून दोपहर ढाई बजे महिला ने डॉक्टर पर रेप का आरोप लगा दिया. डॉ. बेनीवाल ने बताया कि इस मामले में पंचायतें चल रही थी, इस बीच 16 जून को उनके पास महिला की व्हाट्सएप कॉल आई थी. जिसमें उसने इस मामले के निपटारे के लिए उन्हें अकेले अपने घर बुलाया था. डॉ. बेनीवाल ने बताया कि वह शाम को महिला के गांव पहुंचे जहां उन्हें महिला के साथ ही उसका मित्र बनारसी मिला था.

पढ़ें : करनाल: ब्लैकमेल करने व झूठे रेप केस में फंसाने की धमकी देने के मामले में महिला गिरफ्तार

इन्होंने बयान बदलने के लिए 50 लाख रुपये की डिमांड की थी. डॉ. बेनीवाल ने कहा कि उस समय उनके पास बचने का कोई दूसरा विकल्प नहीं था. ऐसे में उन्होंने 35 लाख रुपये में डील कर ली. 17 जून को उन्हें फिर व्हाट्सऐप कॉल पर बुलाया गया. इस पर उन्होंने आरोपियों को पेमेंट कर दिया और उन्होंने भी हलफनामा और बयान दे दिया.

18 जून को कोर्ट में भी बयान देकर महिला ने आरोप वापस ले लिया. डॉक्टर बेनीवाल की शिकायत पर गृहमंत्री ने एसपी को कार्रवाई के आदेश दिए थे. एसपी ने मामले की जांच डीएसपी चंद्रपाल को सौंप दी, लेकिन उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई. इस पर एसपी ने मामले की जांच डीएसपी अजायब सिंह को दी है. पुलिस ने महिला और उसके मित्र बनारसी के विरुद्ध ब्लैकमेलिंग कर 35 लाख रुपये ऐंठने का मामला दर्ज किया है.

फतेहाबाद: 76 वर्षीय वरिष्ठ डॉक्टर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसके मित्र के खिलाफ अब पुलिस ने फतेहाबाद में ब्लैकमेलिंग को लेकर केस दर्ज किया है. महिला पर साथी मित्र के साथ मिलकर डॉक्टर को झूठे केस में फंसाकर 35 लाख रुपये और 2 लाख रुपये का सोना ऐंठने का आरोप है. महिला के डॉक्टर पर रेप का केस वापस लेने के बाद डॉक्टर ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर भट्टकलां पुलिस थाना फतेहाबाद ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 120बी, 384, 388, 389 के तहत केस दर्ज किया है.

पुलिस ने डॉ. बेनीवाल की रिसेस्पनिस्ट कम अकाउंटेंट महिला की शिकायत पर डॉक्टर के विरुद्ध पिछले वर्ष 13जून को रेप का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद 16 जून को ही महिला ने हल्फनामा दायर कर और कोर्ट में बयान देकर डॉक्टर बेनीवाल के विरुद्ध मुकदमा वापस ले लिया था. इस पर पुलिस ने सात अक्टूबर को एफआईआर कैंसिल कर दी थी. इस पर डॉक्टर बेनीवाल ने महिला के विरुद्ध झूठी एफआईआर करवाने के आरोप में धारा 182 का केस भी दर्ज कराया था.

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बताया जाता है कि मुकदमा रद्द होने के बाद डॉक्टर बेनीवाल ने गृहमंत्री अनिल विज से मुलाकात कर उन्हें रेस्पनिस्ट द्वारा रेप के झूठे मामले में केस दर्ज कराकर ब्लैकमेल करने के बारे में बताया था. डॉ. बेनीवाल ने बताया कि उन्होंने महिला के हिसाब में गड़बड़ी पाई थी और उसे नौकरी से निकाल दिया था. इस पर वह 10 जून को पंचायत लेकर अस्पताल आ गई. उसने पूर्व नियोजित योजना के तहत फिर से नौकरी ज्वाइन कर ली थी. जिससे डॉक्टर को ब्लैकमेल किया जा सके.

डॉ. बेनीवाल ने बताया कि री ज्वाइनिंग के तीन दिन बाद ही 13 जून दोपहर ढाई बजे महिला ने डॉक्टर पर रेप का आरोप लगा दिया. डॉ. बेनीवाल ने बताया कि इस मामले में पंचायतें चल रही थी, इस बीच 16 जून को उनके पास महिला की व्हाट्सएप कॉल आई थी. जिसमें उसने इस मामले के निपटारे के लिए उन्हें अकेले अपने घर बुलाया था. डॉ. बेनीवाल ने बताया कि वह शाम को महिला के गांव पहुंचे जहां उन्हें महिला के साथ ही उसका मित्र बनारसी मिला था.

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इन्होंने बयान बदलने के लिए 50 लाख रुपये की डिमांड की थी. डॉ. बेनीवाल ने कहा कि उस समय उनके पास बचने का कोई दूसरा विकल्प नहीं था. ऐसे में उन्होंने 35 लाख रुपये में डील कर ली. 17 जून को उन्हें फिर व्हाट्सऐप कॉल पर बुलाया गया. इस पर उन्होंने आरोपियों को पेमेंट कर दिया और उन्होंने भी हलफनामा और बयान दे दिया.

18 जून को कोर्ट में भी बयान देकर महिला ने आरोप वापस ले लिया. डॉक्टर बेनीवाल की शिकायत पर गृहमंत्री ने एसपी को कार्रवाई के आदेश दिए थे. एसपी ने मामले की जांच डीएसपी चंद्रपाल को सौंप दी, लेकिन उनकी सड़क हादसे में मौत हो गई. इस पर एसपी ने मामले की जांच डीएसपी अजायब सिंह को दी है. पुलिस ने महिला और उसके मित्र बनारसी के विरुद्ध ब्लैकमेलिंग कर 35 लाख रुपये ऐंठने का मामला दर्ज किया है.

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