फतेहाबाद: टोहाना के युवाओं ने इमरजेंसी युवा ब्रिगेड बनाई है. ये ब्रिगेड किसान आंदोलन के समर्थन में 100 गाड़ियों का काफिला लेकर दिल्ली बॉर्डर के लिए रवाना हुई. किसान नेता नरेश ने कहा 26 जनवरी के बाद जो किसान आंदोलन को खत्म करने का प्रयास हुआ. उससे सबक सीखते हुए गाड़ियों का काफिला तैयार किया. जिस बॉर्डर पर जरूरत हुई. वहीं जाकर किसानों की मदद करेंगे.
इस दौरान उन्होंने अनुशासन बनाए रखने के लिए सभी गाड़ियों के पीछे नंबर भी लगाए हैं, ताकि सभी गाड़ियां अनुशासन में रहें और उनकी पहचान की जा सके. इसके बारे में जानकारी देते हुए युवा किसान नेता नरेश कुमार ने बताया कि 26 जनवरी के बाद किसान आंदोलन को जिस तरह से जबरदस्ती कुचलने का प्रयास हुआ. ऐसे नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछली बार किसान नेताओं के आह्वान पर दिल्ली जाने में देरी हो गई थी.
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किसान नेता ने कहा कि अब की बार टोहाना के युवा किसानों ने ये निर्णय लिया कि क्यों ना गाड़ियों का काफिला तैयार किया जाए. जिससे जब भी किसी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दमन की कोशिश की जाएगी, तो यह काफिला तुरंत वहां पहुंचकर किसान नेताओं के पीछे खड़े होकर शांतिपूर्ण व अनुशासन में इस आंदोलन को मजबूती देने का काम करेगा. किसान नेता नरेश ने बताया कि उनके साथ भारी संख्या में युवा जुड़ रहे हैं.
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राज्यसभा में पीएम के संबोधन पर किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री यह तो मान रहे हैं कि आज देश में किसान, मजदूर, वकील हर तबका आंदोलन पर उतारू है ऐसे में प्रधानमंत्री को भी यह सोचना चाहिए कि आखिर उनके खिलाफ इतने आंदोलन क्यों हो रहे हैं? नरेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि यही नीतियां मनमोहन सिंह लाना चाहते थे, उन्होंने कहा युवा किसान इसका ये जवाब देना चाहता हैं कि इन नीतियों को किसान ना तो मनमोहन सिंह को लाने देते और ना ही आपको लाने देंगे. इन नीतियों को बनाने में कहीं भी किसान की राय नहीं ली गई यह किसानों के विरुद्ध है.