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फतेहाबाद: जोहड़ में डूबा 10 साल का बच्चा, बचाने के लिए कूदे 2 अन्य बच्चों की भी हुई मौत

शनिवार को फतेहाबाद के गांव दिवाना में उस वक्त मातम पसर गया, जब गांव के तीन बच्चों की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई. डूबने वाले तीनों बच्चे दोस्त थे. ग्रामीणों ने किसी तरह बच्चों के बाहर तो निकाला, लेकिन बच्चे बच नहीं पाए.

डूबने से तीन बच्चों की हुई मौत
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Published : Aug 3, 2019, 9:09 PM IST

फतेहाबाद: गांव दिवाना में शनिवार को 10 से 12 साल के तीन बच्चों की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई. 3 बच्चों की मौत से गांव में मातम पसरा है. गांव के सरपंच प्रतिनिधि जगजीत सिंह के अनुसार गांव में नैना देवी का लंगर लगा हुआ था और तीनों बच्चे लंगर लेकर गांव में बने जोहड़ के पास से गुजर रहे थे. इस दौरान 10 साल के शंकर का पैर अचानक फिसल गया और वो जोहड़ में जा गिरा.

जैसे ही शंकर जोहड़ में डूबने लगा तो उसके दोस्त लवली और बादल उसे बचाने के लिए जोहड़ में कूद पड़े, लेकिन जोहड़ की मिट्टी चिकनी थी और तीनों जोहड़ से बाहर नहीं निकल पाए. फिसलकर तीनों बच्चे जोहड़ में डूब गए. इस दौरान बच्चों की आवाज सुनकर मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाया और आनन-फानन में तीनों को निकालने का प्रयास किया गया.

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तीनों बच्चों को ग्रामीणों की मदद से जोहड़ से निकालकर तुरंत टोहाना के आरएमसी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया. बच्चों को जोहड़ से निकालने वाले ग्रामीण सुभाष ने बताया कि जोहड़ की मिट्टी चिकनी होने के कारण बच्चे जोहड़ से निकल नहीं सके.

गांव के सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि तीनों बच्चों के माता-पिता खेतों में मजदूरी का काम करते हैं और तीनों ही बच्चे गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे.

फतेहाबाद: गांव दिवाना में शनिवार को 10 से 12 साल के तीन बच्चों की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई. 3 बच्चों की मौत से गांव में मातम पसरा है. गांव के सरपंच प्रतिनिधि जगजीत सिंह के अनुसार गांव में नैना देवी का लंगर लगा हुआ था और तीनों बच्चे लंगर लेकर गांव में बने जोहड़ के पास से गुजर रहे थे. इस दौरान 10 साल के शंकर का पैर अचानक फिसल गया और वो जोहड़ में जा गिरा.

जैसे ही शंकर जोहड़ में डूबने लगा तो उसके दोस्त लवली और बादल उसे बचाने के लिए जोहड़ में कूद पड़े, लेकिन जोहड़ की मिट्टी चिकनी थी और तीनों जोहड़ से बाहर नहीं निकल पाए. फिसलकर तीनों बच्चे जोहड़ में डूब गए. इस दौरान बच्चों की आवाज सुनकर मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाया और आनन-फानन में तीनों को निकालने का प्रयास किया गया.

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तीनों बच्चों को ग्रामीणों की मदद से जोहड़ से निकालकर तुरंत टोहाना के आरएमसी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया. बच्चों को जोहड़ से निकालने वाले ग्रामीण सुभाष ने बताया कि जोहड़ की मिट्टी चिकनी होने के कारण बच्चे जोहड़ से निकल नहीं सके.

गांव के सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि तीनों बच्चों के माता-पिता खेतों में मजदूरी का काम करते हैं और तीनों ही बच्चे गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे.

Intro:गांव दिवाना में लंगर लेकर जाते हुए अचानक पैर फिसलने से जोहड़ में डूबा 10 साल का बच्चा, दोस्त को बचाने के लिए कूदे हमउम्र 2 अन्य बच्चे भी साथ डूबे, 10 से 12 साल की उम्र के तीनों बच्चों की मौत, तीनों को जोहड़ से निकालने वाला ग्रामीण बोला-घर पर बैठा था, अचानक शोर सुना तो बच्चों के जोहड़ में डूबने का पता चला, चिकनी मिट्टी होने के कारण तीनों बच्चों को निकालने में हुई परेशानी, अस्पताल में तीनों की मौत, गांव के सरपंच प्रतिनिधि जगजीत सिंह बोले-गांव में आज नैना देवी का लंगर लगा हुआ था, तीनों बच्चे लंगर लेकर जोहड़ के पास से जा रहे थे, अचानक 1 बच्चे का पैर फिसलने से जोहड़ में गिरा, जोहड़ में गिरे बच्चे को बचाने के लिए 2 और बच्चे जोहड़ में कूदे लेकिन चिकनी मिट्टी होने के कारण तीनों बच्चे जोहड़ से नहीं निकल पाए, तीनों जोहड़ में डूबे, ग्रामीणों ने तीनों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया, अस्पताल में डॉक्टर ने तीनों बच्चों को मृत घोषित किया, तीनों बच्चे गांव के सरकारी स्कूल के थे छात्र, तीनों के माता-पिता खेतों में करते हैं मजदूरी का काम।
Body:फतेहाबाद के गांव दिवाना में आज 10 से 12 साल के तीन बच्चों की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई। 3 बच्चों की मौत से गांव में मातम पसरा है। गांव के सरपंच प्रतिनिधि जगजीत सिंह के अनुसार गांव में आज नैना देवी का लंगर लगा हुआ था और तीनों बच्चे लंगर लेकर गांव में बने जोहड़ के पास से गुजर रहे थे। इस दौरान 10 वर्षीय शंकर का पैर अचानक फिसल गया और वह जोहड़ में जा गिरा। जैसे ही शंकर जोहड़ में डूबने लगा तो उसके साथी 10 वर्षीय लवली व 12 वर्षीय बादल उसे बचाने के लिए जोहड़ में कूद पड़े। लेकिन जोहड़ की मिट्टी चिकनी थी और तीनों जोहड़ से बाहर नहीं निकल पाए। फिसलकर तीनों बच्चे जोहड़ में डूब गए। इस दौरान बच्चों की आवाज सुनकर मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाया और आनन-फानन में तीनों को निकालने का प्रयास किया गया। तीनों बच्चों को ग्रामीणों की मदद से जोहड़ से निकालकर तुरंत टोहाना के आरएमसी अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। बच्चों को जोहड़ से निकालने वाले ग्रामीण सुभाष ने बताया कि जोहड़ की मिट्टी चिकनी होने के कारण बच्चों को निकालने में काफी परेशानी हुई। गांव सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि तीनों बच्चों के माता-पिता खेतों में मजदूरी का काम करते हैं और तीनों ही बच्चे गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। Conclusion:vis1_जोहड़ में डूबे तीनों बच्चों के अस्पताल में रखे शव, अस्पताल के बाहर जमा ग्रामीणों और बच्चों के परिजनों की भीड़, रोते हुए परिजनों के शॉट्स, बच्चों को जोहड़ से निकालने वाले ग्रामीण व गांव के सरपंच प्रतिनिधि से बातचीत।

bite2 : बाइट : सुभाष, बच्चों को जोहड़ से निकालने वाला ग्रामीण।

bite1 जगजीत सिंह, सरपंच प्रतिनिधि, ग्राम पंचायत दिवाना, फतेहाबाद।

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