चरखी दादरी: जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बेहद खराब स्थिति में पहुंच चुका है. जिले की आबोहवा सांस लेने योग्य तक नहीं है. लगातार जहरीली होती जा रही वायु से निजात दिलाने के लिए चरखी दादरी जिले में ग्रैप-4 की पाबंदियां लगाई गई थी, जिसके तहत क्रशर व माइनिंग बंद किए गए हैं. साथ ही निर्माण कार्य पर भी रोक है. बावजूद इसके ये पाबंदिया केवल कागजों तक ही सीमित हैं. क्रशर जोन से निर्माण सामग्री को धड़ल्ले से ले जाया जा रहा है और प्रशासन अनभिज्ञ बना हुआ है.
सोमवार को कलियाणा क्रशर जोन में कई डंपर निर्माण सामग्री से भरे हुए निकलते देखे गए, उन्हें टोकने वाला कोई नहीं था. हालांकि प्रशासन की ओर से मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है.
प्रदूषण को बढ़ा रहे डंपर : बता दें कि बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने ग्रैप-4 की पाबंदियां लगाते हुए स्पेशल टास्क फोर्स का भी गठन किया है. बावजूद इसके क्रशर जोन सहित दादरी जिले की सड़कों पर निर्माण सामग्री लेकर डंपर धड़ल्ले से चल रहे हैं. पाबंदियों के तहत जिले में क्रशर व माइनिंग जोन में कार्य बंद हुए करीब दस दिन बीत चुके हैं. इसके बावजूद भी यहां से निर्माण सामग्री वाहनों से दूसरे स्थानों पर भेजी जा रही है. जिससे हालात ऐसे बन गए हैं कि दिनभर सड़कों पर धूल के गुब्बार उठ रहे हैं, जो प्रदूषण के स्तर में इजाफा कर रहे हैं.
"अधिकारियों पर करेंगे कार्रवाई" : हालांकि प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि जिले में क्रशिंग का कार्य पूरी तरह से बंद हैं और यदि पुराना स्टॉक बचा है तो संबंधित अधिकारियों को बोलकर जांच करवाई जाएगी. दादरी एसडीएम नवीन कुमार ने बताया कि जिले में अभी भी वायु गुणवत्ता स्तर करीब 250 तक है, जिसके चलते सोमवार को भी जिले के स्कूल बंद रखे गए हैं. क्रशर व माइनिंग जोन से निर्माण सामग्री से भरे वाहन निकलने का मामला उनके संज्ञान में आया है, इसको लेकर ग्रैप-4 की पाबंदियों की उल्लंघना करने वालों पर संबंधित अधिकारियों के माध्यम से ठोस कार्रवाई की जाएगी.
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