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गौशालाओं में चारे की कमी, लघु सचिवालय पहुंचे गौशाला संचालक, डीसी को सौंपा ज्ञापन - गौवंशों के लिए चारा मुहैया

फतेहाबाद की गौशलाओं में चारे की कमी के चलते आज गौशाला संचालक जिला लघु सचिवालय पहुंचे. यहां गौशालाओं में गौवंशों के लिए चारा मुहैया करवाने को लेकर मुख्यमंत्री के नाम डीसी यशपाल को ज्ञापन सौंपा.

Shortage of fodder in Fatehabad Gaushalas
फतेहाबाद गौशालाओं में चारे की कमी
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Published : Apr 17, 2023, 3:16 PM IST

फतेहाबाद: हरियाणा के जिला फतेहाबाद की गौशालाओं में चारे की कमी देखी जा रही है. जिसको लेकर जिले भर के गौशाला संचालक जिला लघु सचिवालय पहुंचे. यहां गौशाला संचालकों ने सरकार को दो टूक कह दिया है कि गौवंश के चारे के लिए सरकार अनुदान दे, वरना गौशाला की चाबियां सरकार को ही सौंप देंगे. बढ़ते दामों के चलते गौशालाओं में तूड़ी और सूखे चारे की कमी आ रही है. तूड़ी का संकट गौशालाओं में प्रति गाय 5 हजार रुपये के हिसाब से सूखे चारे और तूड़ी के लिए अनुदान की मांग की है. जिसके समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम डीसी यशपाल को ज्ञापन सौंपा गया है.

दरअसल, मामला ये है कि सूखे चारे/तूड़ी के संकट से जूझ रहे जिलेभर के गौशाला संचालक सोमवार को लघु सचिवालय पहुंचे और ज्ञापन के माध्यम से सरकाए से अनुदान की मांग की. लघु सचिवालय पहुंचे गौ संचालकों ने शासन और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग को पूरा नही किया, तो मजबूरन उन्हें गौशालाओं के गेट खोल देने पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि गौशालाओ के गेट खोलने के साथ ही वे अपने पद से इस्तीफा देकर गौशालाओं की चाबियां प्रशासन को सौंप देंगे.

ये भी पढ़ें: करनाल में 11 हजार वोल्टेज की तार से लगा करंट, डेयरी संचालक की मौके पर हुई मौत

लघु सचिवालय पहुंचे गौ सेवकों ने बताया की जिले में करीब 60 से अधिक गौशालाओ में 50 हजार से अधिक गौ वंश है. जिनकी देखभाल और चारे का इंतज़ाम गौशाला संचालक समाज सेवियों की मदद से कर रहे हैं. सरकार नाममात्र का पैसा गौशाला को दे रही हैं. जबकि इस वक़्त तूड़ी के दाम आसमान छू रहे हैं. इतनी बड़ी मात्रा में अपने दम पर तूड़ी खरीदना उनके बुते की बात नही है. गौशाला संचालकों ने डीसी को सौंपे ज्ञापन में सरकार से प्रति गाय 5 हज़ार अनुदान दिए जाने की मांग की है.

फतेहाबाद: हरियाणा के जिला फतेहाबाद की गौशालाओं में चारे की कमी देखी जा रही है. जिसको लेकर जिले भर के गौशाला संचालक जिला लघु सचिवालय पहुंचे. यहां गौशाला संचालकों ने सरकार को दो टूक कह दिया है कि गौवंश के चारे के लिए सरकार अनुदान दे, वरना गौशाला की चाबियां सरकार को ही सौंप देंगे. बढ़ते दामों के चलते गौशालाओं में तूड़ी और सूखे चारे की कमी आ रही है. तूड़ी का संकट गौशालाओं में प्रति गाय 5 हजार रुपये के हिसाब से सूखे चारे और तूड़ी के लिए अनुदान की मांग की है. जिसके समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम डीसी यशपाल को ज्ञापन सौंपा गया है.

दरअसल, मामला ये है कि सूखे चारे/तूड़ी के संकट से जूझ रहे जिलेभर के गौशाला संचालक सोमवार को लघु सचिवालय पहुंचे और ज्ञापन के माध्यम से सरकाए से अनुदान की मांग की. लघु सचिवालय पहुंचे गौ संचालकों ने शासन और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग को पूरा नही किया, तो मजबूरन उन्हें गौशालाओं के गेट खोल देने पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि गौशालाओ के गेट खोलने के साथ ही वे अपने पद से इस्तीफा देकर गौशालाओं की चाबियां प्रशासन को सौंप देंगे.

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लघु सचिवालय पहुंचे गौ सेवकों ने बताया की जिले में करीब 60 से अधिक गौशालाओ में 50 हजार से अधिक गौ वंश है. जिनकी देखभाल और चारे का इंतज़ाम गौशाला संचालक समाज सेवियों की मदद से कर रहे हैं. सरकार नाममात्र का पैसा गौशाला को दे रही हैं. जबकि इस वक़्त तूड़ी के दाम आसमान छू रहे हैं. इतनी बड़ी मात्रा में अपने दम पर तूड़ी खरीदना उनके बुते की बात नही है. गौशाला संचालकों ने डीसी को सौंपे ज्ञापन में सरकार से प्रति गाय 5 हज़ार अनुदान दिए जाने की मांग की है.

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