चरखी दादरी: हरियाणा में दिल्ली से पक्षी संरक्षण की टीम चरखी दादरी के गांव बिरही कलां पहुंची. टीम ने जलभराव वाले क्षेत्र का दौरा कर जलीय पक्षियों का निरीक्षण किया. टीम के साथ स्थानीय जैव विविधता, वन्य जीव संरक्षण और वन विभाग की टीम मौके पर रही. टीम ने गांव बिहरीं कलां की करीब 72 एकड़ जमीन का साढ़े 5 घंटे तक घूम कर निरीक्षण किया. टीम द्वारा वहां पहुंचे भारतीय व प्रवासी प्रजाति के पक्षियों की तलाश कर डाटा तैयार किया गया.
दादरी में 44 पक्षी प्रजातियां: चरखी दादरी के गांव बिरही कलां में करीब साढ़े 5 घंटे के निरीक्षण के बाद दिल्ली से पहुंचे पक्षी विशेषज्ञ टीके रॉय ने बताया कि 44 प्रजातियों के पक्षी उन्हें यहां पर मिले हैं. जिनमें 25 भारतीय प्रजाति के पक्षी है, जबकि 19 विदेशी प्रजाति के पक्षी है. पक्षियों में एशियन, साइबेरियन प्रजातियां शामिल हैं. कुछ पक्षी ऐसे हैं, जो हिमालय की ऊंचाई को पार कर पहुंचते हैं.
विल्पत होने की कगार पर 3 प्रजातियां: वहीं, दादरी में तीन दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी हैं. जो विलुप्त होने की कगार पर हैं. उन्होंने बताया कि पेटेंट स्टार्क व ब्लैक हेडेड ऐसी प्रजाति है, जो ऑवर ऑल वर्ल्ड विलुप्त होने की कगार पर हैं. जबकि यूरेसियन स्पून बिल दुनिया के दूसरे देशों में तो पाई जाती है, लेकिन भारत में विलुप्त होने की कगार वाली श्रेणी की प्रजाति में शामिल हैं.
बर्ड सेंचुरी के लिए दादरी उपयुक्त स्थान: टीम में शामिल जैव विविधता की जिला समन्वयक बबीता श्योराण ने बताया कि डाटा लिया गया है. इसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेंगे. ताकि इस इलाके को आरक्षित घोषित कर पक्षियों को संरक्षित किया जा सके. उन्होंने बताया कि बर्ड सेंचुरी के लिए यह स्थान काफी उपयुक्त है. वहीं, गांव के पंचायत सदस्य राबीर ने कहा कि सरकार यदि उनके गांव में बर्ड सेंचुरी बनाती है, तो पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. युवाओं को रोजगार मिलेगा. क्षेत्र के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
ये भी पढ़ें: Ramoji फिल्म सिटी पहुंचे केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार, परिवार संग बर्ड पार्क, लंदन स्ट्रीट किया विजिट
ये भी पढ़ें: प्रेमी जोड़ों के लिए स्पेशल एडवाइज, चंडीगढ़ की ये 8 जगह आपके वैलेंटाइन डे को बनाएगी खास