फतेहाबाद: 4 वर्षीय अबोध बालिका से दुष्कर्म मामले में डीएसपी द्वारा आरोपी को क्लीन चिट देने के बावजूद फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई करते हुए दोषी रवि कुमार को पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10 वर्ष कैद व 5 हजार रूपये जुर्माने की सजा (Rapist punished in Fatehabad) सुनाई है. अदालत ने आईपीसी की धारा 366 के तहत भी दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा व दो हजार रूपये जर्माने लगाया है.
उल्लेखनीय है कि अबोध बालिका की मां ने तीन जून 2019 को महिला थाना फतेहाबाद में शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत में महिला ने कहा था कि उसकी बेटी पड़ीसी के घर खेलने गई थी. वहां से आरोपी रवि कुमार उसकी बेटी को यह कहकर ले गया कि उसे उसकी मां खेत में बुला रही है. खेत में जाते हुए रास्ते में आरोपी ने बालिका के प्राइवेट पाटर्स में अंगूठा डालकर मर्यादा भंग की. इस पर महिला थाना ने आरोपी रवि के खिलाफ पोक्स एक्ट की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया था.
इस मामले की जांच करते हुए डीएसपी दलजीत सिंह ने आरोपी रवि कुमार को बेकसूर ठहराते हुए अपनी रिपोर्ट में लिखा कि शिकायकर्ता द्वारा गलत फहमी में आरोप लगाना पाया गया है. पुलिस ने कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट भी सबमिट कर दी लेकिन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के जज बलवंत सिंह की अदालत ने कैंसिलेशन रिपोर्ट को रद्द करते हुए मामले पर स्वयं संज्ञान लेकर आरोपी व शिकायतकर्ता को नोटिस भेजकर ट्रायल शुरू कर दिया. इस ट्रायल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस की क्लीन चिट को दरकिनार कर रवि कुमार को दोषी करार दिया था.
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