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पर्वतारोही मनीषा पायल ने सरकार से की अपने अधिकार की मांग, ग्रामीणों संग लघु सचिवालय पहुंचकर DC को सौंपा ज्ञापन

फतेहाबाद लघु सचिवालय पहुंची एवरेस्ट विजेता मनीषा पायल ने (Everest winner Manisha Payal) साल 2019 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराया था. सरकार से चार साल बाद भी कोई सम्मान ना मिलने के चलते उन्होंने डीसी को सीएम के नाम मांग पत्र सौंपा है. इस दौरान ग्रामीणों ने भी उनका समर्थन किया है.

Manisha Payal handed over demand letter to DC
पर्वतारोही मनीषा पायल के समर्थन में ग्रामीणों का प्रदर्शन.
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Published : Jan 30, 2023, 4:41 PM IST

पर्वतारोही मनीषा पायल के समर्थन में ग्रामीणों का प्रदर्शन.

फतेहाबाद: हरियाणा में फतेहाबाद गांव बनवाली की एवरेस्ट विजेता मनीषा पायल के समर्थन में उसका गांव उसके साथ सड़क पर आ गया है. दरअसल, एवरेस्ट विजेता मनीषा पायल सोमवार को फतेहाबाद लघु सचिवालय पहुंची और डीसी को मुख्यमंत्री के नाम का मांग पत्र सौंपा. मनीषा और उनके ग्रामीणों का कहना है कि 4 साल पहले यानी 22 मई साल 2019 को मनीषा पायल ने एवरेस्ट फतह कर सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराया था. इतना ही नहीं तिरंगे के साथ मनीषा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी एवरेस्ट पर लहराई थी.

लेकिन मनीषा पायल के द्वारा एवरेस्ट फतह करने के बाद भी लगातार चार साल बीत गये और इस बीच आज तक सरकार से उसे कोई सम्मान नहीं मिला. मनीषा का कहना है कि उसे बाकि पर्वतारोहियों की तरह ना तो सम्मानित किया गया और ना ही उसे कोई सरकारी नौकरी दी गई जैसे बाकि खिलाड़ियों या पर्वतारोहियों को मिलती है. मनीषा का आरोप है कि उनके एमपी, एमएलए तक को पता नहीं है कि मनीषा पायल कौन है? उन्होंने कहा कि सरकार उनकी कोई भी सुनवाई नहीं कर रही है. ऐसे में मनीषा ने सरकार से मांग की है कि जैसा आदर सम्मान बाकि पर्वतारोहियों को मिला है वैसा ही उन्हें भी मिले. सरकार से स्पोर्ट्स कोटा बढ़ाने की भी मांग मनीषा ने की है. मनीषा ने कहा कि वो जिले की एकमात्र बेटी है जिसने एवरेस्ट फतह की है.

Manisha Payal handed over demand letter to DC
पर्वतारोही मनीषा पायल ने डीसी को सौंपा मांग पत्र

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि वो अपनी बेटी को सम्मान दिलाने के लिये लघु सचिवालय पहुंचे हैं और वो सरकार से मांग करते हैं कि मनीषा पायल को सरकारी नौकरी दी जाए. अगर सरकार के द्वारा इसको लेकर कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया जाता तो आस पड़ोस के सभी गांव एकत्र किये जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, आने वाले दिनों में लघु सचिवालय पर धरना शुरू किया जाएगा.

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आपको बता दें कि बीते हफ्ते ही एवरेस्ट विजेता मनीषा पायल ने लघु सचिवालय पहुंचकर जिलाधीश को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम का ज्ञापन सौंपा था और उनके साथ सम्मान न दिये जाने के मामले में भेदभाव किये जाने के आरोप लगाये थे. मनीषा ने 22 मई 2019 को तिरंगा और पीएम मोदी की तस्वीर को भी दुनिया में नेपाल की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर लहराया था. जिसके बाद विजेता मनीषा काफी जख्मी भी हो गई थी. इस दौरान उनका उपचार गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में किया गया था. इतना ही नहीं मनीषा के नाम एवरेस्ट पर सबसे ज्यादा समय बीताते हुए राष्ट्रगान का विश्व रिकॉर्ड भी दर्ज है.

ये भी पढ़ें: क्रिकेटर शेफाली वर्मा के घर पहुंचे सीएम मनोहर, परिजनों को दी बधाई

पर्वतारोही मनीषा पायल के समर्थन में ग्रामीणों का प्रदर्शन.

फतेहाबाद: हरियाणा में फतेहाबाद गांव बनवाली की एवरेस्ट विजेता मनीषा पायल के समर्थन में उसका गांव उसके साथ सड़क पर आ गया है. दरअसल, एवरेस्ट विजेता मनीषा पायल सोमवार को फतेहाबाद लघु सचिवालय पहुंची और डीसी को मुख्यमंत्री के नाम का मांग पत्र सौंपा. मनीषा और उनके ग्रामीणों का कहना है कि 4 साल पहले यानी 22 मई साल 2019 को मनीषा पायल ने एवरेस्ट फतह कर सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराया था. इतना ही नहीं तिरंगे के साथ मनीषा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी एवरेस्ट पर लहराई थी.

लेकिन मनीषा पायल के द्वारा एवरेस्ट फतह करने के बाद भी लगातार चार साल बीत गये और इस बीच आज तक सरकार से उसे कोई सम्मान नहीं मिला. मनीषा का कहना है कि उसे बाकि पर्वतारोहियों की तरह ना तो सम्मानित किया गया और ना ही उसे कोई सरकारी नौकरी दी गई जैसे बाकि खिलाड़ियों या पर्वतारोहियों को मिलती है. मनीषा का आरोप है कि उनके एमपी, एमएलए तक को पता नहीं है कि मनीषा पायल कौन है? उन्होंने कहा कि सरकार उनकी कोई भी सुनवाई नहीं कर रही है. ऐसे में मनीषा ने सरकार से मांग की है कि जैसा आदर सम्मान बाकि पर्वतारोहियों को मिला है वैसा ही उन्हें भी मिले. सरकार से स्पोर्ट्स कोटा बढ़ाने की भी मांग मनीषा ने की है. मनीषा ने कहा कि वो जिले की एकमात्र बेटी है जिसने एवरेस्ट फतह की है.

Manisha Payal handed over demand letter to DC
पर्वतारोही मनीषा पायल ने डीसी को सौंपा मांग पत्र

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि वो अपनी बेटी को सम्मान दिलाने के लिये लघु सचिवालय पहुंचे हैं और वो सरकार से मांग करते हैं कि मनीषा पायल को सरकारी नौकरी दी जाए. अगर सरकार के द्वारा इसको लेकर कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया जाता तो आस पड़ोस के सभी गांव एकत्र किये जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, आने वाले दिनों में लघु सचिवालय पर धरना शुरू किया जाएगा.

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आपको बता दें कि बीते हफ्ते ही एवरेस्ट विजेता मनीषा पायल ने लघु सचिवालय पहुंचकर जिलाधीश को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम का ज्ञापन सौंपा था और उनके साथ सम्मान न दिये जाने के मामले में भेदभाव किये जाने के आरोप लगाये थे. मनीषा ने 22 मई 2019 को तिरंगा और पीएम मोदी की तस्वीर को भी दुनिया में नेपाल की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर लहराया था. जिसके बाद विजेता मनीषा काफी जख्मी भी हो गई थी. इस दौरान उनका उपचार गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में किया गया था. इतना ही नहीं मनीषा के नाम एवरेस्ट पर सबसे ज्यादा समय बीताते हुए राष्ट्रगान का विश्व रिकॉर्ड भी दर्ज है.

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