ETV Bharat / state

फतेहाबाद के कुनाल गांव में हरियाणा पुरातत्व विभाग ने फिर शुरू की खुदाई, हड़प्पाकालीन सभ्यता के मिले अवशेष

author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 9, 2023, 8:55 PM IST

Harappan civilization in Fatehabad: हरियाणा पुरातत्व विभाग ने फतेहाबाद के कुनाल गांव में एक बार फिर से खुदाई शुरु कर दी है. यहां हड़प्पा कालीन सभ्यता से जुड़ी भट्ठियां मिली हैं. बताया जा रहा है कि इन भट्ठियों में मनके और मिट्टी के बर्तन बनाने का काम किया जाता था.

Harappan civilization in Fatehabad
Harappan civilization in Fatehabad
फतेहाबाद के कुनाल गांव में हरियाणा पुरातत्व विभाग ने फिर शुरू की खुदाई.

फतेहाबाद: हरियाणा के फतेहाबाद जिले के कुनाल गांव में हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं. हरियाणा पुरातत्व विभाग ने कुनाल गांव में एक बार फिर से खुदाई शुरु कर दी है. यहां इस सभ्यता से जुड़ी भट्ठियां मिली हैं. बताया जा रहा है कि इन भट्ठियों में मनके और मिट्टी के बर्तन बनाने का काम किया जाता था. पहली बार यहां पुरातत्व विभाग ने साल 1986 में खुदाई का काम शुरु किया था. तब यहां से पूर्व हड़प्पा काल से संबंधित अनेक औजार और मनके मिले थे.

इसके बाद यहां पर साल 1987, 1989, 1990, 2016, 2017, 2018, 2020 और अब 2023 में खुदाई हुई है. बताया जा रहा है कि सरस्वती नदी के किनारे बसा ये गांव लगभग 6 हजार साल पुराना है. पुरातत्व विभाग के अनुसार विश्व में जितनी भी पौराणिक सभ्यताएं हैं. वो नदियों के किनारे पर ही बसी थी. मेसोपोटामिया सभ्यता से लेकर हड़प्पा सभ्यता के साथ विश्व में चार सभ्यताएं एक साथ उपजी थी.

इनमें एक मिस्र व एक चीन में शामिल है. फतेहाबाद के कुनाल गांव में हड़प्पा सभ्यता के जो अवशेष मिले हैं. वो उस समय की बेहतरीन कारीगरी का प्रतीक है. एक और बात सामने आई है कि इस सभ्यता के लोगों ने अपने घरों के साथ बांस लगाकर पोस्ट होल बनाए हुए थे. यहां पर मिले मृद भांडों पर अलग से कारीगरी की गई है. पहले की खुदाई में यहां पर शिकार के लिए तीरों के ब्लेड मिले हैं.

इसके अलावा बाट (मनकों को बनाने के लिए प्रयोग किए जाने के लिए प्रयोग होने वाले पत्थर) भी मिले हैं. यहां पर चांदी का मुकुट और सोने के आभूषण मिले हैं. कुनाल गांव सरस्वती नदी के पास बसा है. माना जा रहा है कि इसी वजह से यहां के लोगों का फारस देशों में भी व्यापार था. वो मनके आदि बनाने के लिए फारस देशों से कच्चा माल मंगवाते थे और मनके तैयार करके उनको वापस फारस देशों में भेजते थे. इनका व्यापार अफगानिस्तान और बलूचिस्तान तक फैला हुआ था.

कुनाल गांव में मिले अवशेषों से ये भी पता चला है कि इस सभ्यता के लोग मांसाहारी थे. वो बड़े पशुओं को आग में पकाकर खाते थे. यहां पर दालों के दाने और फलों के बीज भी मिले हैं. जिससे पता चला है कि ये लोग उस समय से ही खेती में दालों व फलों को उगाते थे. कुनाल गांव काफी ऐतिहासिक है. यहां पूर्व हड़प्पा कालीन सभ्यता के सबूत मिले हैं. यहां के लोगों के रहन सहन की जानकारी ली जा रही है. इसके लिए यहां पर खुदाई का काम जारी है. अगले तीन महीने तक यहां पर खुदाई का काम होगा. डॉक्टर बुनानी भट्टाचार्य, उपनिदेशक, हरियाणा पुरातत्व विभाग

ये भी पढ़ें- हरियाणा के इस गांव में मिले सैकड़ों वर्ष पुराने अवशेष, इतिहास का एक और पन्ना खुलने की उम्मीद

ये भी पढ़ें- हरियाणा: राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान मिला 7000 साल पुराना हड़प्पा कालीन शहर, कंकाल और गहने भी मिले

फतेहाबाद के कुनाल गांव में हरियाणा पुरातत्व विभाग ने फिर शुरू की खुदाई.

फतेहाबाद: हरियाणा के फतेहाबाद जिले के कुनाल गांव में हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं. हरियाणा पुरातत्व विभाग ने कुनाल गांव में एक बार फिर से खुदाई शुरु कर दी है. यहां इस सभ्यता से जुड़ी भट्ठियां मिली हैं. बताया जा रहा है कि इन भट्ठियों में मनके और मिट्टी के बर्तन बनाने का काम किया जाता था. पहली बार यहां पुरातत्व विभाग ने साल 1986 में खुदाई का काम शुरु किया था. तब यहां से पूर्व हड़प्पा काल से संबंधित अनेक औजार और मनके मिले थे.

इसके बाद यहां पर साल 1987, 1989, 1990, 2016, 2017, 2018, 2020 और अब 2023 में खुदाई हुई है. बताया जा रहा है कि सरस्वती नदी के किनारे बसा ये गांव लगभग 6 हजार साल पुराना है. पुरातत्व विभाग के अनुसार विश्व में जितनी भी पौराणिक सभ्यताएं हैं. वो नदियों के किनारे पर ही बसी थी. मेसोपोटामिया सभ्यता से लेकर हड़प्पा सभ्यता के साथ विश्व में चार सभ्यताएं एक साथ उपजी थी.

इनमें एक मिस्र व एक चीन में शामिल है. फतेहाबाद के कुनाल गांव में हड़प्पा सभ्यता के जो अवशेष मिले हैं. वो उस समय की बेहतरीन कारीगरी का प्रतीक है. एक और बात सामने आई है कि इस सभ्यता के लोगों ने अपने घरों के साथ बांस लगाकर पोस्ट होल बनाए हुए थे. यहां पर मिले मृद भांडों पर अलग से कारीगरी की गई है. पहले की खुदाई में यहां पर शिकार के लिए तीरों के ब्लेड मिले हैं.

इसके अलावा बाट (मनकों को बनाने के लिए प्रयोग किए जाने के लिए प्रयोग होने वाले पत्थर) भी मिले हैं. यहां पर चांदी का मुकुट और सोने के आभूषण मिले हैं. कुनाल गांव सरस्वती नदी के पास बसा है. माना जा रहा है कि इसी वजह से यहां के लोगों का फारस देशों में भी व्यापार था. वो मनके आदि बनाने के लिए फारस देशों से कच्चा माल मंगवाते थे और मनके तैयार करके उनको वापस फारस देशों में भेजते थे. इनका व्यापार अफगानिस्तान और बलूचिस्तान तक फैला हुआ था.

कुनाल गांव में मिले अवशेषों से ये भी पता चला है कि इस सभ्यता के लोग मांसाहारी थे. वो बड़े पशुओं को आग में पकाकर खाते थे. यहां पर दालों के दाने और फलों के बीज भी मिले हैं. जिससे पता चला है कि ये लोग उस समय से ही खेती में दालों व फलों को उगाते थे. कुनाल गांव काफी ऐतिहासिक है. यहां पूर्व हड़प्पा कालीन सभ्यता के सबूत मिले हैं. यहां के लोगों के रहन सहन की जानकारी ली जा रही है. इसके लिए यहां पर खुदाई का काम जारी है. अगले तीन महीने तक यहां पर खुदाई का काम होगा. डॉक्टर बुनानी भट्टाचार्य, उपनिदेशक, हरियाणा पुरातत्व विभाग

ये भी पढ़ें- हरियाणा के इस गांव में मिले सैकड़ों वर्ष पुराने अवशेष, इतिहास का एक और पन्ना खुलने की उम्मीद

ये भी पढ़ें- हरियाणा: राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान मिला 7000 साल पुराना हड़प्पा कालीन शहर, कंकाल और गहने भी मिले

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.