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फतेहाबाद में पति की हत्या मामले में पत्नी सहित तीन दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

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Published : May 12, 2023, 9:08 PM IST

फतेहाबाद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीएस वधवा की अदालत ने धर्मवीर हत्याकांड में सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने धर्मवीर की पत्नी सहित तीन लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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फतेहाबाद: पति की हत्या मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीएस वधवा की अदालत ने पत्नी सहित तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने हत्याकांड में पत्नी, उसके प्रेमी सहित तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बताया जा रहा है कि महिला अपने पति, सास-ससुर को नींद की गोलियां खिलाकर प्रेमी से मिलती थी. फतेहाबाद में एक महिला ने अपने प्रेमी और उसके साथी के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची थी.

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साजिशकर्ता पत्नी, उसके प्रेमी और उसके साथी को दोषी करार दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने हत्या के दोषी जय सिंह और भगत सिंह को आईपीसी की धारा 302, 364 एवं 120 बी के तहत 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, अदालत ने पति धर्मवीर की हत्या के लिए साजिश में शामिल पत्नी सपना को 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से डिप्टी डीए अरुण बंसल ने इस मुकदमे में शिकायतकर्ता के अधिवक्ता के साथ पैरवी की थी. जानकारी अनुसार सदर पुलिस थाना फतेहाबाद ने मृतक धर्मवीर के पिता बलराज निवासी कुकड़ावाली की शिकायत पर 31 मार्च 2017 को आईपीसी की धारा 346 का मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस को दी शिकायत में बलराज ने बताया कि उसके 23 वर्षीय बेटे धर्मवीर के पास किसी का फोन आया.

इसके बाद उसके घर के सामने रोड पर दो नौजवान लड़के उसके बेटे धर्मवीर को कार में बिठाकर अपने साथ ले गए. जांच के दौरान धर्मवीर के चाचा जयवीर ने बताया कि उसके भतीजे को शक्कर मंदोरी निवासी जय सिंह, बनगांव निवासी भगत सिंह जान से मारने की नीयत से उठाकर ले गए हैं. मृतक की पत्नी सपना ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 28 मार्च 2015 को कुकड़ावाली निवासी धर्मवीर के साथ हुई थी.

जब वह गांव मानावाली के स्कूल में पढ़ती थी तो, उसकी दोस्ती आरोपी जय सिंह के साथ हो गई थी. उसके बाद वह दोनों मोबाइल फोन के जरिए संपर्क में रहते थे. उसने बताया इस दौरान उसके आरोपी जय सिंह से अवैध संबंध भी बन गए. उसकी शादी के बाद जय सिंह ने अपना अनिल नाम रख लिया और उसके पति धर्मवीर से दोस्ती कर ली. इसके बाद वह दोनों मकान की छत पर रात के समय छिपकर मिलते रहे.

ये भी पढ़ें: नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का मामला: कोर्ट ने दोषी को सुनाई 5 साल कैद की सजा

इस दौरान जय सिंह ने कई बार कहा तेरे पति धर्मवीर काम तमाम कर देते हैं, जिस पर उसने भी अपनी सहमति जताई. आरोपी जय सिंह ने अपनी प्रेमिका सपना को नींद की गोलियां लाकर दी. उसने बताया कि वह नींद की गोलियां अपने पति व सास-ससुर को देकर रात के समय आरोपी जय सिंह से मिलती रही. आरोपी जय सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने भगत सिंह के साथ मिलकर योजना के मुताबिक आरोपी भगत सिंह के साफे को धर्मवीर के गले में डालकर उसे जान से मार दिया और उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी जय सिंह, भगत सिंह और मृतक धर्मवीर की पत्नी सपना को दोषी करार दिया.

फतेहाबाद: पति की हत्या मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीएस वधवा की अदालत ने पत्नी सहित तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने हत्याकांड में पत्नी, उसके प्रेमी सहित तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बताया जा रहा है कि महिला अपने पति, सास-ससुर को नींद की गोलियां खिलाकर प्रेमी से मिलती थी. फतेहाबाद में एक महिला ने अपने प्रेमी और उसके साथी के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची थी.

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साजिशकर्ता पत्नी, उसके प्रेमी और उसके साथी को दोषी करार दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने हत्या के दोषी जय सिंह और भगत सिंह को आईपीसी की धारा 302, 364 एवं 120 बी के तहत 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, अदालत ने पति धर्मवीर की हत्या के लिए साजिश में शामिल पत्नी सपना को 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से डिप्टी डीए अरुण बंसल ने इस मुकदमे में शिकायतकर्ता के अधिवक्ता के साथ पैरवी की थी. जानकारी अनुसार सदर पुलिस थाना फतेहाबाद ने मृतक धर्मवीर के पिता बलराज निवासी कुकड़ावाली की शिकायत पर 31 मार्च 2017 को आईपीसी की धारा 346 का मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस को दी शिकायत में बलराज ने बताया कि उसके 23 वर्षीय बेटे धर्मवीर के पास किसी का फोन आया.

इसके बाद उसके घर के सामने रोड पर दो नौजवान लड़के उसके बेटे धर्मवीर को कार में बिठाकर अपने साथ ले गए. जांच के दौरान धर्मवीर के चाचा जयवीर ने बताया कि उसके भतीजे को शक्कर मंदोरी निवासी जय सिंह, बनगांव निवासी भगत सिंह जान से मारने की नीयत से उठाकर ले गए हैं. मृतक की पत्नी सपना ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 28 मार्च 2015 को कुकड़ावाली निवासी धर्मवीर के साथ हुई थी.

जब वह गांव मानावाली के स्कूल में पढ़ती थी तो, उसकी दोस्ती आरोपी जय सिंह के साथ हो गई थी. उसके बाद वह दोनों मोबाइल फोन के जरिए संपर्क में रहते थे. उसने बताया इस दौरान उसके आरोपी जय सिंह से अवैध संबंध भी बन गए. उसकी शादी के बाद जय सिंह ने अपना अनिल नाम रख लिया और उसके पति धर्मवीर से दोस्ती कर ली. इसके बाद वह दोनों मकान की छत पर रात के समय छिपकर मिलते रहे.

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इस दौरान जय सिंह ने कई बार कहा तेरे पति धर्मवीर काम तमाम कर देते हैं, जिस पर उसने भी अपनी सहमति जताई. आरोपी जय सिंह ने अपनी प्रेमिका सपना को नींद की गोलियां लाकर दी. उसने बताया कि वह नींद की गोलियां अपने पति व सास-ससुर को देकर रात के समय आरोपी जय सिंह से मिलती रही. आरोपी जय सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने भगत सिंह के साथ मिलकर योजना के मुताबिक आरोपी भगत सिंह के साफे को धर्मवीर के गले में डालकर उसे जान से मार दिया और उसकी लाश को ठिकाने लगा दिया. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी जय सिंह, भगत सिंह और मृतक धर्मवीर की पत्नी सपना को दोषी करार दिया.

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