फतेहाबाद: मंगलवार को जिला अदालत ने आठ साल पुराने एक केस का फैसला सुनाते हुए फतेहाबाद के नायब तहसीलदार को बरी (district court acquitted naib tehsildar) किया. नायब तहसीलदार जमीत राय (62 साल) इस मामले में पिछले आठ सालों से इंसाफ मांग रहे थे. 2014 से एक लंबी लड़ाई के बाद उन्हें अदालत ने बरी कर दिया है. साल 2014 से एडवोकेट अभिनव गोयल नायब तहसीलदार जमीत राय का केस लड़ रहे हैं.
एडवोकेट अभिनव गोयल ने बताया कि आठ साल पहले में उनके कार्यालय में एक फर्जी विजिलेंस रेड (fake vigilance raid case in fatehabad) हुई थी. इस मामले में जमीत पर झूठी एफआईआर दर्ज की गई. इस केस का करीब दो साल तक ट्रायल चला और बाद में अदालत ने उन्हें इस केस से बरी कर दिया, लेकिन उसके बावजूद हरियाणा सरकार ने उनको सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिया. इसे लेकर उन्होंने जिला अदालत में केस दर्ज किया था.
वहीं जमीत को जब फतेहाबाद की अदालत ने बरी किया था, तो उन्होंने 20 मार्च 2016 को हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त आयुक्त के साथ राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग को एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने विभाग से अपने सेवानिवृत्ति लाभों को जारी करने के लिए अनुरोध किया. जो उनके निलंबन के दौरान संबंधित विभाग ने रोके रखा था. ऐसे में उन्हें विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त आयुक्त के साथ ही राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने 5 जुलाई 2019 को उन्हें बकाया राशि जारी कर दी, लेकिन ब्याज नहीं दिया. 2018 के कार्यालय आदेश के अनुसार जमीत को निलंबन अवधि के दौरान ड्यूटी पर माना जाना था और वो अपनी सेवानिवृत्ति से सभी प्रकार के सेवानिवृत्ति लाभों के हकदार थे. ऐसे में उन्हें कोई लाभ नहीं दिया गया. सिविल डिवीजन (जूनियर डिविजन) जज चेतेश गुप्ता की अदालत ने सेक्टर-एक स्थित हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तीय आयुक्त के साथ राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग को ये आदेश दिया है कि जमीत सिंह को सेवानिवृत्ति लाभ 18 फीसदी ब्याज के साथ दिया जाए.