फरीदाबाद: कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ (terrorists encounter in rajouri) में हरियाणा के लाल मनोज भाटी शहीद हो गए. वो फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव (shahjahanpur village faridabad) के रहने वाले थे. वीरवार को दो आतंकी राजौरी में आर्मी के कैंप में घुसने की कोशिश कर रहे थे. इस बीच भारतीय सेना के जवानों ने मुठभेड़ में दोनों आतंकियों को मार गिराया. आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना के भी तीन जवान शहीद हुए हैं. जिनमें मनोज भाटी भी शामिल हैं.
मनोज का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह फरीदाबाद पहुंचेगा. ईटीवी भारत से बातचीत में शहीद मनोज (martyred manoj bhati) के पिता बाबूलाल भाटी ने कहा कि, मेरे पास फोन आया और उधर से आवाज आई कि आप मनोज भाटी के पिता बोल रहे हैं. तो मैने कहा हां. उन्होंने कहा कि आपका बेटा शहीद हो गया है. शहीद मनोज अभी 22 जुलाई को ही डेढ़ महीने की छुट्टी काटकर वापस गया था. मनोट भाटी के पिता ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस घटना में हमारे चार सैनिक शहीद हुए हैं. इसका बदला 40 आतंकियों को मारकर लिया जाए.
कहा कि मनोज की शादी 10 महीने पहले ही हुई थी. मनोज की पत्नी कोमल 8 महीने की गर्भवती है. शहीद के परिवार में नये बच्चे के स्वागत की तैयारी चल रही थी. शहीद मनोज के बड़े भाई सुनील भी सेना में कार्यरत हैं. सुनील ने बताया कुछ दिन पहले ही मेरी उनसे फोन पर बात हुई थी, वो छुटियों का प्लान बना रहा था. उसने कहा था कि अक्टूबर में छुट्टी पर चलेंगे और सब लोग मिलकर बच्चे के पैदा होने की खुशी मनायेंगे. लेकिन पिता बनने से पहले ही मनोज शहीद हो गये. शहीद का परिवार बेटे की शहादत पर गर्व भी कर रहा है. और विधवा पत्नी और उसके आने वाले बच्चे को लेकर दुखी भी है.
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मनोज भाटी के भाई ने कहा कि गुरुवार को उन्हें दुखद सूचना मिली. उन्होंने कहा कि मनोज की भरपाई कोई नहीं कर सकता, लेकिन ये हमारे लिए गर्व की बात है कि वो देश के लिए शहीद हुआ है. फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव में मनोज का जन्म साल 1996 में हुआ था. मनोज कुमार भाटी ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. जिसके बाद 25 अप्रैल 2017 में मनोज सेना में भर्ती हुए थे. चार भाई-बहनों में मनोज सबसे छोटे थे. मनोज के बड़े भाई सुनील कुमार भी सेना में हैं. बीच वाले भाई हरेंद्र उर्फ योगेश खेतीबाड़ी करते हैं और बहन आशा शादीशुदा है. पिता बाबूलाल गांव में ही शटरिंग का कारोबार करते हैं.