फरीदाबाद: अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प सूरजकुंड मेले (international handicrafts surajkund fair) की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. इस बीच ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों ने आयोजकों की चिंता बढ़ा दी है. अगर ऐसे ही ओमीक्रोन या कोरोना के मामले बढ़ते रहे तो एक बार फिर से इस मेले पर संकट के बादल (omicron variant effect on surajkund fair) मंडरा सकते हैं. हालांकि अधिकारिक तौर पर इसे लेकर कोई बयान नहीं आया है.
कोरोना और ओमीक्रोन के बढ़ते केसों के बीच इस मेले को करवाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा. बता दें कि 35वां अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प सूरजकुंड मेला फरवरी 2021 में लगना था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते मेले को स्थगित कर दिया गया. अब ये मेला हर साल 1 से 15 फरवरी के बीच लगता है. इसी मेले को लेकर अब आयोजकों ने तैयारी तेज की हुई है, लेकिन ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों ने सरकार और प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है.
सूरजकुंड मेले (surajkund fair in faridabad) में इस बार करीब 1200 दुकान बनाई गई है. जो देश इस मेले में भाग लेते हैं उनकी तरफ से भी कंफर्मेशन लेटर जारी हो चुके हैं. अभी तक करीब 27 देश ऐसे हैं जो इस अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में आने के लिए तैयार हो चुके हैं.
पहली बार इस मेले में कंट्री पार्टनर के तौर पर ब्रिटेन आने वाला है, लेकिन जिस तरह से दुनिया ओमीक्रोन की चपेट में आती दिखाई दे रही है. इस बार भी सूरजकुंड मेले पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के नोडल अधिकारी राजेश जून ने बताया कि निश्चित रूप से ओमीक्रोन के मामले देश में बढ़ रहे हैं सूरजकुंड मेले की तैयारियां पिछले कई महीनों से चल रही है. उन्होंने कहा कि आगे जैसा सरकार की तरफ से टूरिज्म विभाग के लिए आदेश होगा वैसा ही किया जाएगा.
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