ETV Bharat / state

नूंह के किसानों ने रुकवाया IMT सोहना का काम, कहा- जब तक मांग पूरी नहीं होगी काम नहीं होने देंगे - IMT SOHNA WORK STOPPED NUH FARMERS

नूंह के किसानों ने आईएमटी सोहना का काम को रुकवाया. किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी काम होने नहीं देंगे.

IMT SOHNA WORK STOPPED NUH FARMERS
किसानों ने रुकवाया आईएमटी सोहना का काम (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 1, 2025, 8:32 AM IST

नूंह: साल के आखिरी दिन आईएमटी रोजका मेव रोजगार में एचएसआईआईडीसी के अधिकारी निर्माण कार्य शुरू करने पहुंचे. एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों ने मौके पर जेसीबी मशीन भी मंगाया. इसकी जानकारी जैसे ही किसानों को लगी तो सैंकड़ों की तादाद में किसान एचएसआईआईडीसी के निर्माण कार्य को रुकवाने पहुंचे और काम को रोक दिया.

अधिकारियों को मशीन लेकर लौटना पड़ा: इस दौरान एचएसआईआईडीसी के कर्मचारियों ने पुलिस विभाग को भी मामले की सूचना दी. सूचना के बाद रोजका मेव एसएचओ दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. कुल मिलाकर किसानों के विरोध के कारण एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों को जेसीबी मशीनों के साथ लौटना पड़ा.

नूंह के किसानों ने आईएमटी सोहना का काम को रुकवाया (ETV Bharat)

किसानों ने वापस रुकवाया काम: दरअसल कुछ दिनों पहले कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने किसानों को जबरन उठाकर निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही थी, जिसके कुछ दिन बाद एचएसआईआईडीसी के अधिकारी निर्माण कार्य शुरू करने के लिए जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंचे. हालांकि किसानों ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि किसी भी कीमत पर वे निर्माण कार्य नहीं होने देंगे. इसके बाद अब मंगलवार को फिर से किसानों ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया. इस पूरे मामले में एचएसआईडीसी के अधिकारी कर्मचारी कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं.

हमने 13 अगस्त से काम रोक रखा है. हमने पहले ही इनको कह रखा है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हम काम नहीं होने देंगे. बावजूद इसके ये बुलडोजर लेकर काम शुरू करने पहुंचे थे. जिनको हमने रोक दिया है.- अब्बास किसान

किसान का आरोप: जानकारी के मुताबिक आईएमटी रोजकामेव, धीरधोका, महरौला, खेड़ी कंकर, कंवरसिका, बड़ेलाकी सहित नौ गांव की 1600 एकड़ भूमि का वर्ष 2009 में प्रति एकड़ 25 लाख रुपए मुआवजा राशि देकर अधिग्रहण किया गया था. बाद में इसे बढ़ाकर करीब 46 लाख रुपए प्रति एकड़ कर दिया गया. हालांकि किसानों का आरोप है कि उनको उचित मुआवजा नहीं दिया गया है. उनकी जमीनों को सस्ते दामों पर लिया गया है. साथ ही उनसे हलफनामा लेकर कानूनी अधिकार छीन लिए गए. ऐसा प्रदेश के किसी भी जिले में नहीं हुआ है. लिहाजा उन्हें उनका हक मिलना चाहिए. इसे लेकर किसान लंबे समय से संघर्ष कर रहा है.

30 दिसंबर को ये काम करने आए थे. हमने इनको मना किया. वापस ये मंगलवार को भी काम करने आए. जिनको हमने रोक दिया है.ये हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं. यहां बच्चे, महिला और बुजुर्ग सभी आए हैं. हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं होती हम काम शुरू होने नहीं देंगे. - हाजी सिराजुद्दीन, किसान नेता

बता दें कि विरोध में धरना-प्रदर्शन से लेकर ज्ञापन भी किसान प्रतिनिधिमंडल कई बार दे चुके हैं. सभी राजनीतिक दलों के सामने किसान मुआवजा बढ़ाने की गुहार लगा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: नूंह: संदिग्ध हालत में विवाहिता की मौत, पीहर पक्ष ने लगाया दहेज हत्या का आरोप

नूंह: साल के आखिरी दिन आईएमटी रोजका मेव रोजगार में एचएसआईआईडीसी के अधिकारी निर्माण कार्य शुरू करने पहुंचे. एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों ने मौके पर जेसीबी मशीन भी मंगाया. इसकी जानकारी जैसे ही किसानों को लगी तो सैंकड़ों की तादाद में किसान एचएसआईआईडीसी के निर्माण कार्य को रुकवाने पहुंचे और काम को रोक दिया.

अधिकारियों को मशीन लेकर लौटना पड़ा: इस दौरान एचएसआईआईडीसी के कर्मचारियों ने पुलिस विभाग को भी मामले की सूचना दी. सूचना के बाद रोजका मेव एसएचओ दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. कुल मिलाकर किसानों के विरोध के कारण एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों को जेसीबी मशीनों के साथ लौटना पड़ा.

नूंह के किसानों ने आईएमटी सोहना का काम को रुकवाया (ETV Bharat)

किसानों ने वापस रुकवाया काम: दरअसल कुछ दिनों पहले कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने किसानों को जबरन उठाकर निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही थी, जिसके कुछ दिन बाद एचएसआईआईडीसी के अधिकारी निर्माण कार्य शुरू करने के लिए जेसीबी मशीन लेकर मौके पर पहुंचे. हालांकि किसानों ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि किसी भी कीमत पर वे निर्माण कार्य नहीं होने देंगे. इसके बाद अब मंगलवार को फिर से किसानों ने निर्माण कार्य को रुकवा दिया. इस पूरे मामले में एचएसआईडीसी के अधिकारी कर्मचारी कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रहे हैं.

हमने 13 अगस्त से काम रोक रखा है. हमने पहले ही इनको कह रखा है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हम काम नहीं होने देंगे. बावजूद इसके ये बुलडोजर लेकर काम शुरू करने पहुंचे थे. जिनको हमने रोक दिया है.- अब्बास किसान

किसान का आरोप: जानकारी के मुताबिक आईएमटी रोजकामेव, धीरधोका, महरौला, खेड़ी कंकर, कंवरसिका, बड़ेलाकी सहित नौ गांव की 1600 एकड़ भूमि का वर्ष 2009 में प्रति एकड़ 25 लाख रुपए मुआवजा राशि देकर अधिग्रहण किया गया था. बाद में इसे बढ़ाकर करीब 46 लाख रुपए प्रति एकड़ कर दिया गया. हालांकि किसानों का आरोप है कि उनको उचित मुआवजा नहीं दिया गया है. उनकी जमीनों को सस्ते दामों पर लिया गया है. साथ ही उनसे हलफनामा लेकर कानूनी अधिकार छीन लिए गए. ऐसा प्रदेश के किसी भी जिले में नहीं हुआ है. लिहाजा उन्हें उनका हक मिलना चाहिए. इसे लेकर किसान लंबे समय से संघर्ष कर रहा है.

30 दिसंबर को ये काम करने आए थे. हमने इनको मना किया. वापस ये मंगलवार को भी काम करने आए. जिनको हमने रोक दिया है.ये हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं. यहां बच्चे, महिला और बुजुर्ग सभी आए हैं. हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं होती हम काम शुरू होने नहीं देंगे. - हाजी सिराजुद्दीन, किसान नेता

बता दें कि विरोध में धरना-प्रदर्शन से लेकर ज्ञापन भी किसान प्रतिनिधिमंडल कई बार दे चुके हैं. सभी राजनीतिक दलों के सामने किसान मुआवजा बढ़ाने की गुहार लगा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: नूंह: संदिग्ध हालत में विवाहिता की मौत, पीहर पक्ष ने लगाया दहेज हत्या का आरोप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.