फरीदाबाद: जिला फरीदाबाद देश में बन रहे 100 स्मार्ट सिटी में से एक है, लेकिन आपको जो हम खबर बताने जा रहें हैं उसे जानकर आपको हैरानी होगी कि यहां के अधिकारी इतने लापरवाह और असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं.
शहर का बाटा चौक पूरे फरीदाबाद का सबसे व्यस्त चौराहा है. यहां रोजाना लोगों का आना जाना लगा रहता है, यहां सात साल पहले सड़क पर बने गड्ढे में गिर कर अंकित नाम के मासूम ने अपनी जान गवां दी, लेकिन आपको यकीन नहीं होगा, जिस गड्ढे की वजह से अंकित की मौत हुई थी, सात साल बाद भी वो वैसा ही है.
क्या हुआ था?
10 फरवरी 2014 के दिन बाटा मोड़ पर मनोज वाधवा टू व्हीलर पर अपनी पत्नी और बेटे के साथ जा रहा था. बाटा चौक पर अचानक सड़क पर गड्ढा आने की वजह से बाइक का बैलेंस बिगड़ा और अकिंत और उसकी मां नीचे गिर गए. अंकित के मां पर किसी दूसरी गाड़ी ने टक्कर मार दी और वो फरार हो गया. इस हादसे में अंकित की मां को तो गंभीर चोट आई, लेकिन गड्ढे के नुकीले पत्थरों से चोट लगने की वजह से अंकित की मौत हो गई.
पुलिस ने बनाया हिट एंड रन का केस
मृतक अंकित के पिता मनोज वाधवा का कहना है कि वो अपने बेटे की मौत और पत्नी की गंभीर अवस्था से सदमे में थे. इसी बीच पुलिस ने मामलो को हिट एंड रन का मामला बना दिया, लेकिन मनोज वाधवा इस मामले के असली जिम्मदारों को भी सजा दिलाना चाहते हैं. वो उन लोगों को कटघरे में खड़ा देखना चाहते थे जिनकी लापरवाही की वजह से वो गड्ढा वहां था.
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कानून लड़ाई लड़ रहे हैं मनोज वाधवा
उस घटना को पूरे सात साल हो चुके हैं. अंकित के पिता मनोज वाधवा अपने बेटे की मौत को भुला नहीं पाए हैं. वो अपने बेटे को इंसाफ दिलाना चाहते हैं. वो अपने बेटे की मौत के असली जिम्मेदारों को सजा दिलाना चाहते हैं. वो इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
गड्ढा मुक्त शहर बनाने का छेड़ा अभियान
मनोज वाधवा ना सिर्फ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि शहर को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए अभियान भी चला रहे हैं. मृतक मासूम के पिता मनोज वाधवा की एक ही ख्वाहिश है कि अब गड्ढे की वजह से किसी और की जान ना जाए. इसी वजह से शुक्रवार को मनोज अपने साथियों के साथ बाटा चौक पर पहुंचे और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में गड्ढे को भरवा दिया गया.