फरीदाबाद: त्योहार का सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में लोग बाजारों में जमकर खरीदारी कर रहे हैं. त्योहारी सीजन में मिठाइयों की डिमांड भी बढ़ जाती है. लिहाजा कुछ मुनाफाखोर नियमों को ताक पर रखकर पैसों के लालच में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं. नकली या मिलावटी मिठाइयों (adulterated sweets in faridabad) का असर लोगों के स्वास्थ पर पड़ता है. इन दिनों बाजार में नकली मिठाइयों की भरमार मिलती है.
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि असली और नकली मिठाइयों को कैसे पहचानें. इस रिपोर्ट में जानें कि असली मिठाई और नकली मिठाई की पहचान (know how to Identify genuine sweets) कैसे करें. ईटीवी भारत से बातचीत में फूड सेफ्टी ऑफिसर डॉक्टर सचिन शर्मा ने नकली मिठाइयों को पहचानने का तरीका बताया. डॉक्टर सचिन शर्मा ने बताया की रेट के हिसाब से भी आप असली मिठाई और नकली मिठाई का फर्क समझ सकते हैं.
जो आपको सस्ते दामों में मिल रही है, वो नकली मिलावटी मिठाइयां एवं खाद्य पदार्थ होते हैं. इंडिया में दूध की सप्लाई कम है और डिमांड ज्यादा है. यही वजह है कि इस गैप को पूरा करने के लिए मिलावटखोर अलग अलग तरह से मिलावटी मिठाइयां एवं दूध से बनने वाले खाद सामग्री बनाते हैं. उन्होंने कहा ज्यादातर मिठाइयां खोए से बनती हैं और खोए में चावल को पीसकर मिक्स किया जाता है. उसे आप सूंघकर या फिर हाथों में लेकर पता लगा सकते हैं.
खोए से मिठाई बनी होगी तो उसमें चिकनाहट आएगी, लेकिन जिसमें मिलावट होगी उसे आप को हाथ में लेने से पता लग जाएगा, क्योंकि मिलावट की मिठाइयों में चावल के अंश मिल जाएंगे. बाजार में मिलने वाली कलरफुल मिठाइयों को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरह की मिठाइयों को ना खरीदें, क्योंकि जब हम छापेमारी करने जाते हैं. उस टाइम तक कलर हमें मिलता नहीं है और वो मिठाई में मिला दिया जाता है, इसीलिए कलरफुल मिठाइयों से दूर रहें. आपको बता दें कि त्योहारी सीजन में मिलने वाली अधिकतर मिठाइयां मिलावटी होती हैं. इसलिए अब जब भी आप मिठाई खरीदने जाए तो उसे चेक जरूर कर लें कि वो असली हैं या नहीं.