फरीदाबादः आपने कई बार सावित्री और सत्यवान की कहानी सुनी होगी. इस कहानी में पत्नी अपने पति की खातिर यमराज से लड़ जाती है और फिर अपने पति को बचा लेती हैं, लेकिन क्या आपको कोई ऐसी कहानी याद है जहां पति अपनी पत्नी की खातिर यमराज से लड़ जाये और उसकी जान बचा ले. फरीदाबाद में एक पति ने ऐसा ही उदाहरण सेट किया है.
फरीदाबाद में रहने वाले पंडित केके शास्त्री ने किडनी पेशेंट अपनी पत्नी को बचाने के लिए अपनी किडनी उसे दे दी. पैशे से ज्योतिषी पंडित केके शास्त्री की पत्नी माया देवी की किडनी खराब हो गई थी लगातार डायलिसिस कराकर वे बेहद परेशान थे. कई बार कई सालों तक अस्पताल के चक्कर लगाए, लेकिन तबीयत में आराम नहीं पड़ा. इसके बाद केके शास्त्री ने अपनी पत्नी को किडनी देने का विचार किया और परिवार में भी इस काम में उनका साथ दिया.
फिर सभी कानूनी फॉर्मेलिटीज को पूरी करने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को किडनी दी और उसका जीवन सुरक्षित किया. फिलहाल डॉक्टर से उनकी पत्नी को कुछ महीने सावधानी बरतने के लिए कहा है, लेकिन राहत की बात यह अब दोनों पति पत्नी पूरी तरह ठीक है.
वर्ल्ड किडनी डे पर किया गया सम्मानित
वर्ल्ड किडनी डे पर क्यूआरजी अस्पताल ने केके शास्त्री को सम्मानित किया. अस्पताल के डॉ. जितेंद्र कुमार की मानें तो भारत में इस समय किडनी रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसलिए इसका विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. उनके मुताबिक उन्होंने 300 से ज्यादा ऑपरेशन किए हैं और भी कई जगह देखा है कि आमतौर पर घर की महिलाएं तो किडनी देने के लिए आगे आ जाती है पर पुरुष इस मामले में आगे नहीं आते. ऐसे में केके शास्त्री एकउदाहरण है.