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केंद्रीय बजट में पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर क्या चाहता है हरियाणा? जानिए क्या है लोगों की मांग

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Published : Jan 24, 2022, 8:48 PM IST

एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं. आने वाले बजट सत्र को लेकर हरियाणा के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया (Haryana people reaction on budget session) दी है.

Haryana people reaction on budget session
आगामी बजट सत्र पर फरीदाबाद के लोगों की प्रतिक्रिया, पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लेने की मांग

फरीदाबाद: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार का बजट पेश करेंगी. इस बजट से हरियाणा के पेट्रोल पंप संचालकों ने खासी उम्मीदें लगाई हुई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए हरियाणा के लोगों और पेट्रोल पंप संचालकों ने बजट सत्र को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं (Haryana people reaction on budget session) दी. पंप संचालकों का कहना है कि ये बजट उन्हें ध्यान में रखकर बनाया जाए. साथ ही आम जनता ने भी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की है.

बजट में क्या है जनता की मांग

लोगों ने कहा कि (Budget expectations in Haryana) आज आम जनता के लिए सबसे बड़ी परेशानी महंगाई है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते हर चीज पर महंगाई बढ़ी हुई है. इसीलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि इस बार के बजट में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम किया जाए और इनको जीएसटी के दायरे में लाया जाए. ताकि उनको कम कीमत पर पेट्रोल और डीजल मिल सके. क्योंकि अभी भी पेट्रोल और डीजल जो भाव बढ़े हुए हैं, उनसे आम आदमी की जेब पर आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा असर पड़ रहा है. यहां तक की आम आदमी को अपनी रसोई का खर्च चलाना भी बहुत महंगा पड़ रहा है.

केंद्रीय बजट में पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर क्या चाहता है हरियाणा? जानिए क्या है लोगों की मांग

बजट में क्या चाहते हैं पेट्रोल पंप संचालक

वहीं पेट्रोल पंप संचालकों ने इस बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. पेट्रोल पंप संचालकों ने भी पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही है. साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने की भी मांग की है. पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से इनकी सेल पर काफी फर्क पड़ रहा है. पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ने से क्रूड ऑयल से पेट्रोल बनाने वाली कंपनियां तो फायदा उठा रही हैं, लेकिन उनका कमीशन नहीं बढ़ाया जा रहा है. पिछले लगभग 2 साल से कोरोना के चलते उनका काम धंधा बेहद प्रभावित हुआ है. यहां तक कि कोर्ट बंद होने के चलते बाउंस चेक केसों की सुनवाई नहीं हो रही है. जिसके चलते उनको काफी परेशानियां हो रही है.

ऐसे में पेट्रोल पंप संचालक चाहते हैं कि उनका कमीशन बढ़ाया जाए और पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने की कोशिश की जाए. क्योंकि अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आते हैं, तो इनकी कीमतें पूरे देश में एक समान होंगी और लोगों को कम कीमत में पेट्रोल व डीजल मिल सकेगा. बजट में पेट्रोल पंप संचालकों की कई सारी परेशानियों को भी ध्यान में रखा जाए क्योंकि कम कमीशन के चलते उनको आर्थिक रूप से परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- Union Budget Explained : आसान भाषा में समझें व्यय बजट क्या है ?

संसद का बजट सत्र 2022-23

गौरतलब है कि भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2022 को भारत का बजट पेश करेंगी. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक, बजट किसी विशेष वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय की जानकारी है. 2014 में सत्ता में आने के बाद से 2022 का बजट नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का 10वां बजट होगा और 2019 में वित्त मंत्री का पद संभालने के बाद से यह सीतारमण का चौथा बजट होगा.

जिस तारीख को भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा, उस दिन संसद का बजट सत्र शुरू होगा. 31 जनवरी को इसकी शुरुआत दोनों सदनों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी. सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलने वाला है. इसके बाद यह 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा.

ये भी पढे़ं- इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हरियाणा सरकार ने केंद्र से बजट में मांगे 5 हजार करोड़ रुपये- सीएम

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फरीदाबाद: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार का बजट पेश करेंगी. इस बजट से हरियाणा के पेट्रोल पंप संचालकों ने खासी उम्मीदें लगाई हुई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए हरियाणा के लोगों और पेट्रोल पंप संचालकों ने बजट सत्र को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं (Haryana people reaction on budget session) दी. पंप संचालकों का कहना है कि ये बजट उन्हें ध्यान में रखकर बनाया जाए. साथ ही आम जनता ने भी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की है.

बजट में क्या है जनता की मांग

लोगों ने कहा कि (Budget expectations in Haryana) आज आम जनता के लिए सबसे बड़ी परेशानी महंगाई है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते हर चीज पर महंगाई बढ़ी हुई है. इसीलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि इस बार के बजट में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम किया जाए और इनको जीएसटी के दायरे में लाया जाए. ताकि उनको कम कीमत पर पेट्रोल और डीजल मिल सके. क्योंकि अभी भी पेट्रोल और डीजल जो भाव बढ़े हुए हैं, उनसे आम आदमी की जेब पर आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा असर पड़ रहा है. यहां तक की आम आदमी को अपनी रसोई का खर्च चलाना भी बहुत महंगा पड़ रहा है.

केंद्रीय बजट में पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर क्या चाहता है हरियाणा? जानिए क्या है लोगों की मांग

बजट में क्या चाहते हैं पेट्रोल पंप संचालक

वहीं पेट्रोल पंप संचालकों ने इस बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. पेट्रोल पंप संचालकों ने भी पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही है. साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने की भी मांग की है. पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से इनकी सेल पर काफी फर्क पड़ रहा है. पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ने से क्रूड ऑयल से पेट्रोल बनाने वाली कंपनियां तो फायदा उठा रही हैं, लेकिन उनका कमीशन नहीं बढ़ाया जा रहा है. पिछले लगभग 2 साल से कोरोना के चलते उनका काम धंधा बेहद प्रभावित हुआ है. यहां तक कि कोर्ट बंद होने के चलते बाउंस चेक केसों की सुनवाई नहीं हो रही है. जिसके चलते उनको काफी परेशानियां हो रही है.

ऐसे में पेट्रोल पंप संचालक चाहते हैं कि उनका कमीशन बढ़ाया जाए और पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने की कोशिश की जाए. क्योंकि अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आते हैं, तो इनकी कीमतें पूरे देश में एक समान होंगी और लोगों को कम कीमत में पेट्रोल व डीजल मिल सकेगा. बजट में पेट्रोल पंप संचालकों की कई सारी परेशानियों को भी ध्यान में रखा जाए क्योंकि कम कमीशन के चलते उनको आर्थिक रूप से परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

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संसद का बजट सत्र 2022-23

गौरतलब है कि भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2022 को भारत का बजट पेश करेंगी. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक, बजट किसी विशेष वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय की जानकारी है. 2014 में सत्ता में आने के बाद से 2022 का बजट नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का 10वां बजट होगा और 2019 में वित्त मंत्री का पद संभालने के बाद से यह सीतारमण का चौथा बजट होगा.

जिस तारीख को भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा, उस दिन संसद का बजट सत्र शुरू होगा. 31 जनवरी को इसकी शुरुआत दोनों सदनों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी. सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलने वाला है. इसके बाद यह 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा.

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