भिवानी: अभी तक शिक्षा विभाग ने एफएलएन के तहत पहली क्लास से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की 'संपर्क दीदी' के सहारे शंकाओं को दूर किया जाता रहा है. अब विभाग ने छठी क्लास के बच्चों की भी शंकाएं इसी संपर्क दीदी (एप) के जरिए हल करने की तैयारी कर ली है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये छठी क्लास के सिलेबस को शामिल किया जाएगा या आठवीं तक, लेकिन छठी तक के सिलेबस को इसमें शामिल करने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है.
अभी तक केवल 5वीं कक्षा तक संचालित ये एप : अभी तक प्रदेश में पहली से पांचवीं कक्षा तक के मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूलों में 'सम्पर्क दीदी' एप के जरिए सिलेबस को पढ़ाया जा रहा है. अगर शिक्षक भी नहीं पहुंचता तो दूसरा कोई भी टीचर उस क्लास में जाकर बच्चों से पूछकर सम्पर्क दीदी ऐप के जरिए बच्चों को पढ़ा सकता है. उसमें कम्प्यूटर के जरिए लेसन के सभी सवालों का जवाब बोर्ड पर नजर आने लगेगा. इस तरह से टॉपिक क्लीयर करने की वजह से बच्चें बोर भी नहीं होते और उनको आसानी से समझ भी आ जाता है.
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बताया जा रहा है कि अब शिक्षा विभाग इस योजना को छठी क्लास तक ले जाने की तैयारी में है. इसका विभाग ने खाका भी तैयार कर लिया है. छठी क्लास का सिलेबस सम्पर्क दीदी ऐप में शामिल किया गया है. ताकि नए सत्र से इस क्लास के बच्चों को भी पढाया जा सकता है.
इस तरह काम करता है सम्पर्क दीदी एप : प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर ललित कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग क्लास के किसी लेशन को किसी शिक्षक से तैयार करवा लेता है. उस शिक्षक से उस लेशन के अंत में जितने भी मायने व सवाल होते हैं, उन सभी के जवाब भी मांग लिए जाते हैं. अगर किसी सवाल में उदाहरण देने की जरूरत भी पड़ती है तो शिक्षक उदाहरण सहित उसका जवाब भी भेजता है. उसकी वीडियो तैयार करवाई जाती है और उस वीडियो को संपर्क दीदी ऐप पर डाल दिया जाता है. जब भी जरूरत होती है, उसी समय उस ऐप के जरिए उस वीडियो को संचालित करके बच्चों को उस लेशन के सभी सवाल और जवाब दिए जाते हैं. इस बार छठी क्लास के सिलेबस की भी इसी तरह की वीडियो तैयार करवाकर उक्त ऐप पर डलवाई जाने की प्रक्रिया जारी है.
68 प्राइमेरी स्कूलों में ये नई व्यवस्था चालू : वहीं संपर्क दीदी के भिवानी प्रोग्रामर मनीष कुमार ने बताया कि अगर किसी प्राइमरी मॉडल संस्कृति स्कूल में शिक्षकों की कमी है. संपर्क दीदी उस समस्या को हल करने में सहायक होती है. यह समस्या का समाधान करती है. किसी दिन शिक्षकों की कमी हुई तो स्कूल का कोई भी दूसरा शिक्षक वहां जाकर सम्पर्क दीदी ऐप को चालू कर देगा और बच्चों के मुताबिक उस दिन के उस लेशन को चालू कर दिया जाएगा. बच्चे खेल खेल में उस चेप्टर को पढ़ भी लेंगे और उनका समय भी बर्बाद नहीं होगा. फिलहाल भिवानी के 68 प्राइमरी माडॅल संस्कृति स्कूलों में ये नई व्यवस्था चालू की जा चुकी है.
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