फरीदाबाद: कोरोना महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है. अर्थव्यवस्था को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. जिसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण धीरे-धीरे जानकारियां दे रही हैं. इसी बीच वित्त मंत्री ने रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा 6 महीने बढ़ाने की घोषणा की है.
छूट मिलने से खुश दिखे बिल्डर्स
वित्त मंत्री की ओर से रियल एस्टेट सेक्टर को दी गई 6 महीने की छूट से बिल्डर्स काफी खुश हैं. बिल्डर्स का कहना है कि इस फैसले से कहीं ना कहीं उन्हें आर्थिक तौर पर मदद मिलेगी और उनके पास प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा.
रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले लंबे समय से काम कर रहे रवि शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री की ओर से रियल स्टेट सेक्टर में 6 महीने की जो छूट दी गई है उससे बिल्डर्स को काफी मदद मिलेगी, क्योंकि लॉकडाउन के चलते बहुत सारे प्रोजेक्ट अधर में लटके पड़े हैं. इन 6 महीनों में जो प्रोजेक्ट सरकार के पास पहले से रजिस्टर हैं और जिनको मार्च में पूरा होना है, उनके लिए अतिरिक्त समय मिलेगा जिससे वो उस प्रोजेक्ट को पूरा कर पाएंगे.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण बिल्डर और बायर्स दोनों ही मुसीबतों से गुजर रहे हैं. ऐसे में बिल्डर्स को जरूरत है कि वो 6 महीने में अपने प्रोजेक्ट को तो पूरा करें. साथ ही बायर्स का भी उन्हें ध्यान रखना होगा, क्योंकि कई सारे ऐसे बायर्स हैं जो किस्तें समय पर नहीं दे पा रहे हैं, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते हर सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है.
रवि शर्मा ने कहा कि बाकी बायर्स को कोरोना के कारण घर मिलने का इंतजार करना पड़ेगा. बायर्स को जरूरत है कि वो बिल्डर्स के साथ कॉपरेट करें, क्योंकि दोनों ही जानते हैं कि ये सब कोरोना की वजह से हो रहा है.
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गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि रियल एस्टेट कानून यानी रेरा कानून के तहत कोरोना वायरस महामारी को ‘दैवीय आपदा’ माना जाएगा. इससे बिल्डर्स को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए और 6 महीने का समय दिया जाएगा. ये राहत रेरा के तहत पंजीकृत उन सभी परियोजनाओं को मिलेगी जिनकी समयसीमा 25 मार्च या उसके बाद समाप्त हो रही है.