फरीदाबाद: लोकसभा क्षेत्र फरीदाबाद में 7 निर्दलीय उम्मीदवारों सहित कुल 27 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. फरीदाबाद लोकसभा में एक उपचुनाव सहित अब तक 12 बार चुनाव हो चुके है. बडी पार्टीयों से चुनाव मैदान में इंडियन नेशनल कांग्रेस से अवतार सिंह भड़ाना हाथ के निशान पर, भारतीय जनता पार्टी से कृष्ण पाल को कमल का फूल पर, बहुजन समाज पार्टी से मनधीर मान हाथी के निशान पर, इंडियन नेशनल लोकदल से महेंद्र चौहान चशमे के निशान पर, आम आदमी पार्टी और जेजेपी के संयुक्त उम्मीदवार पंडित नवीन जय हिंद झाडू के निशान पर अपना प्रचार-प्रसार कर रहे है. इन सब के भाग्य का फैसला फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के 19 लाख 60 हजार 353 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर करेगें.
- कुल मतदाता- 13,74,840
- महिलाएं- 8,79,280
- पुरुष- 10,79, 569
कांग्रेस का अवतार भड़ाना पर दाव
फरीदाबाद लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस में शुरू से ही खींचतान बनी रही. 13 अप्रैल को पहले तिंगाव विधानसभा के कांग्रेसी विधायक ललित नागर को लोकसभा का उम्मीदवार कांग्रेस की तरफ से बनाया गया, लेकिन 22 अप्रैल को फिर से फेरबदल कर पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा गया है. अवतार सिंह भड़ाना अब तक तीन बार फरीदाबाद लोकसभा से कांग्रेस की टिकट पर और एक बार मेरठ से सांसद रह चुके है.
2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार से उनको भारी वोटों से शिकस्त खानी पडी थी. 2014 के चुनाव में अवतार सिंह भड़ाना को 1 लाख 85 हजार 643 मिले थे और 4 लाख 66 हजार 873 वोटों से वो चुनाव हारकर दूसरे नंबर पर रहे थे.
कृष्णपाल गुर्जर पर बीजेपी का फिर भरोसा
भाजपा ने मौजूदा सांसद एंव केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को मैदान में उतारा है. कृष्णपाल गुर्जर ने पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेत्तृव में लोकसभा का चुनाव लडा,लोकसभा चुनाव से पहले कृष्णपाल अलग अलग विधानसभा सीटों से विधायक रह चुके है. लोक सभाचुनाव में उनको जनता ने भारी वोट देते हुए 6,52,516 वोट दिए और 4,66, 873 वोट के साथ विजयी हुए. सांसद कृष्णपाल ने फरीदाबाद लोकसभा से 3 बार सांसद रहे कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना को हराया था.
कृष्णपाल को केन्द्र में मंत्री पद भी दिया गया. बीजेपी का सीधा मुकाबला इस सीट पर कांग्रेस के साथ है. बीजेपी के उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर पर शुरू से ही जातिवाद की राजनिति करने के आरोप लगते रहे है. गुर्जर समुदाय ही नही ब्लकि जाट समुदाय में कृष्णपाल का विरोध है. और इसी विरोध का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है. कृष्णपाल का विरोध होने के कारण भी भाजपा ने उनको टिकट दिया. वक्त रहते अगर कृष्णपाल इस विरोध को शांत नही कर पाये तो जाट वोट बैंक सीधा कांग्रेस के खाते में जा गिरेगा और उनको इस बार हार का भी सामना करना पड सकता है.
आप और जेजेपी से नवीन जय हिन्द
फरीदाबाद लोकसभा पर आप और जेजेपी के सयुंक्त उम्मीदवार नवीन जयहिन्द को मैदान में उतारकर दोनों ही पार्टियों ने ब्राह्मण कार्ड खेला है. फरीदाबाद में ब्राह्मण की 2 लाख से ज्यादा वोट है. नवीन जयहिन्द रोहतक के रहने वाले है और आप के प्रदेशाध्यक्ष है पहली बार लोकसभा का चुनाव लड रहे है फरीदाबाद सीट पर वो एक बाहरी उम्मीदवार के तौर पर है तो फरीदाबाद के ज्यादा हालातों की जानकारी से वो अभी दूर है. हांलाकि नवीन जयहिन्द को उतारकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों से ब्राह्मण वोट बैंक को खिसका लिया गया है. और जेजेपी के गठबंधन से कुछ जाट वोट भी नवीन जय हिन्द को मिलेगा.
फरीदाबाद की जनता कांग्रेस और बीजेपी दोनों के ही सांसदों का कार्यकाल देख चुकी है इसलिए नवीन जयहिन्द को इसका भरपूर फायदा मिल सकता है. अगर दोनों की पार्टियों से किसी वे वोट बैंक को अपने पक्ष में करने का काम किया है तो वो नवीन जय हिन्द ने किया है.
बीएसपी+एलएसपी से मनधीर सिंह मान
हरियाणा में बसपा और एलएसपी का गठबंधन है गठबंधन में यंहा पर मनधीर सिंह मान को मैदान में उतारा गया है मनधीर सिंह मान जाय समुदाय से आते हैं, लेनिक जाट समुदाय पर उनकी कोई खास अच्छी पकड़ नहीं है. बसपा और एलएसपी की साझेदारी में उनको दलित वोट बैंक आसानी से मिल रहा है. मनधीर सिंह का मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों से है. क्योंकि गुर्जर समुदाय और जाट समुदाय में पकड़ नहीं होने की वजह से मनधीर का वोट बैंक केवल दलित ही हैं.
इनेलो से हैं महेन्द्र सिंह चौहान
इनेलो ने लोकसभा का उम्मीदवार महेन्द्र सिंह चौहान को घोषित किया है. महेन्द्र सिंह चौहान फरीदाबाद लोकसभा के पलवल जिला के रहने वाले हैं. लगभग 20 सालों से वो इनेलो के साथ हैं और वर्तमान में इनेलो के प्रदेश सचिव भी है. राजनिति की बात करें तो महेन्द्र सिंह चौहान ने आज तक कोई चुनाव नहीं लडा है. इसलिए लोकसभा चुनाव लडने का ज्यादा अनुभव उनके पास नहीं है. महेन्द्र सिंह चौहान जाट समुदाय से आते है इसलिए उनको जाट समुदाय से वोट मिलेगा. पलवल का रूलर इलाका शुरू से ही इनेलों का गढ रहा है. इसलिए पलवल से उनको जाट मत मिल सकता है.
किसका होगा सबसे अहम रोल
2019 के चुनाव सबसे अहम रोल इस बार जाट वोट बैंक का होगा, क्योंकि जाट वोट बैंक का एक बडा हिस्सा खेतीबाडी करता है और सरकारी नीतियों से किसान पहले ही परेशान है ऐसे में जिस तरफ से वोट बैंक खिसक गया उसकी जीत पक्की है. दूसरे नंबर पर है फरीदाबाद के हथीन विधानसभा का मुसलमान वोट बैंक, हथीन में करीब 1 लाख 86 हजार मुसलमान वोट बैंक है जो शुरू से ही बीजेपी के खिलाफ रहा है.
फरीदाबाद लोकसभा 2014 में किसको कितने वोट मिले
- कृष्णपाल गुर्जर (भाजपा)- 6, 52, 516 वोट (जीते)
- अवतार भड़ाना (कांग्रेस)- 1, 85, 643 वोट
- आर के आन्नद (इनेलो)- 1, 32, 472 वोट
- पुरूषोत्तम डागर (आप)- 67, 355 वोट
- राजेन्द्र शर्मा (बसपा)- 66,000 वोट
- नोटा- 3, 328
ये समीकरण भी मायने रखते हैं
फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र में जाट और गुर्जर का अधिक दबदबा है, इसके अलावा ब्राह्मण और मुस्लिमनों की संख्या भी अच्छी खासी है. लोकसभा क्षेत्र में जाट वोटरों की संख्या 3.10 लाख, गुर्जरों की 2.95, ब्राह्मणों और मुस्लिम वोटरों की संख्या दो-दो लाख है. बाकी अन्य जाति का वोट बैंक है इस सीट पर 1 उपचुनाव सहित 12 बार लोकसभा चुनाव हुए, सात बार स्थानीय उम्मीदवार चुनाव जीते, जबकि चार बार बाहरी कंडीडेट विजयी हुए, जिनमें एक बार भजनलाल और तीन बार रामचंद बैंदा है.
इस बार पार्टियों ने चला बड़ा पैंतरा!
फरीदाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का मुख्य मकसद बीजेपी के उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर को गुर्जर समुदाय से कमजोर करना है. क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों के ही उम्मीदवार गुर्जर समुदाय से है तो सीधी टक्कर दोनों के बीच है. फरीदाबाद लोकसभा में गुर्जर समुदाय के 9 लाख 95 हजार वोट है. ऐसे में कांग्रेस की नजर फरीदाबाद के जाट वोट बैंक 3 लाख 10 हजार पर टिकी हुई है. नवीन जयहिन्द के आने से ब्राह्मण वोट बैंक बीजेपी और कांग्रेस दोनों के हाथों से खिसकता हुआ नजर आ रहा है. अवतार भड़ाना 3 बार फरीदाबाद से चुनाव लडकर जीते हैं तो चुनावी रणनिती की उनको अच्छी खासी समझ है. क्षेत्र के वोटर पर उनकी सीधी पकड़ भी है.
1977 से अब तक ये रहें सांसद
साल उम्मीवार पार्टी
1977 धर्मवीर वशिष्ठ भाजपा
1980 तैय्यब हुसैन कांग्रेस
1984 रहीम खान कांग्रेस
1989 भजन लाल कांग्रेस
1991 अवतार सिंह भड़ाना कांग्रेस
1996 रामचंद्र बैंदा भाजपा
1998 रामचंद्र बैंदा भाजपा
1999 रामचंद्र बैंदा भाजपा
2004 अवतार सिंह भड़ाना कांग्रेस
2009 अवतार सिंह भड़ाना कांग्रेस
2014 कृष्णपाल गुर्जर भाजपा
लोकसभा निवार्चन क्षेत्र फरीदाबाद हरियाणा का 10वां निवार्चन क्षेत्र है. सन 1976 में हरियाणा में लोकसभा सीटों का विस्तार करते हुए फरीदाबाद लोकसभा को बनाया गया. सन 1977 में पहली बार फरीदाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव लडा गया. जिसमें जनता पार्टी से उम्मीदवार धर्मवीर वशिष्ठ ने जीत हासिल की. फरीदाबाद लोकसभा का क्षेत्रफल 742.6 किलोमीटर है. वर्तमान में फरीदाबाद लोकसभा की जनसंख्या 19 लाख के लगभग है. फरीदाबाद लोकसभा में 9 विधानसभा सीट- होडल, हथीन, पलवल, पृथ्ला, फरीदाबाद एनआईटी, बढखल, तिंगाव, बल्लबगढ, फरीदाबाद शामिल है.
फरीदाबाद का इतिहास
फरीदाबाद भारत के उतरी प्रांत हरियाणा प्रदेश का प्रमुख शहर है. इसे 1607 में शेख फरीद, जहांगीर के खजांची ने बनवाया था. उनका मकसद यहां से गुजरने वाले राजमार्ग की रक्षा करना था. यह दिल्ली से 25 किलोमीटर दक्षिण मे स्थित है. 5 अगस्त 1979 में यह हरियाणा का 12वां जिला बना. आज फरीदाबाद अपने उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है. समय के साथ यहां की आबादी बढ़ती गई और इसका औद्योगिकरण होता गया. अब यहां पर अनेक औद्योगिक इकाईयों की स्थापना हो चुकी है. हरियाणा की आय का 60 प्रतिशत हिस्सा फरीदाबाद से ही आता है.