चरखी दादरी: दादरी के एकमात्र सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर लड़खड़ा चुकी हैं कि अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी के चलते मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग के दावों का नजारा यहां दवा लेने के लिए बनाई गई खिड़कियों पर देखा जा सकता है. इन दिनों फार्मासिस्ट के पद खाली होने के चलते यहां प्रशिक्षुओं से दवा वितरित कराई जा रही है.
सरकारी अस्पताल में सुबह से शाम तक मरीजों की खासी भीड़ के साथ-साथ उनकी परेशानियां भी बढ़ी रहती हैं. अस्पताल में दवा वितरण के लिए बनाई गई तीन खिड़कियों में से सिर्फ एक पर ही मरीजों को दवाइयां दी जा रही हैं. वहां भी फार्मासिस्ट की बजाए प्रशिक्षुओं से दवा का वितरण करवाया जा रहा है. प्रशिक्षुओं को जानकारी नहीं होने से यहां मरीजों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं.
बता दें कि चरखी दादरी के सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों सहित सहायक कर्मियों के ज्यादातर पद रिक्त हैं, जिसके चलते चिकित्सा सेवाएं तो प्रभावित हो ही रही हैं. साथ-साथ यहां आने वाले मरीजों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है.
कोरोना काल के दौरान मजबूरी में अस्पताल में दवा लेने के लिए आना पड़ता है. ऐसे में समय के साथ-साथ दूर दराज के गांवों से आने वाले मरीजों की परेशानियां बढ़ी रहती हैं. यहां से आधी-अधूरी ही दवा मरीजों को मिल रही हैं. कई बार तो दवा देने वालों को जानकारी ही नहीं होती कि चिकित्सक ने क्या दवा लिखी है.
पूर्व मंत्री और जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सतपाल सांगवान ने बताया कि सिविल अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने सीएम, डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है. यहां के हालात बेहाल होने से मरीजों को परेशानी ना हो, इसके लिए वो भरसक प्रयास कर रहे हैं.
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सीएमओ डॉ. सुदर्शन ने बताया कि दवा वितरण पर फार्मासिस्ट की ड्यूटी लगाई है. अगर फार्मासिस्ट की बजाए प्रशिक्षुओं से दवा का वितरण हो रहा है तो वो इसकी जांच कराएंगे और दोषी होने पर कार्रवाई की जाएगी.