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बंजर जमीनों पर फिर होगी हरियाली, समाधान तलाशने में जुटे विशेषज्ञ

जलभराव के कारण बंजर पड़ी जमीनों के लिए स्थाई तौर पर समाधान किया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की विशेषज्ञों की टीम ने एक रिपोर्ट भी तैयार की है.

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Published : Mar 15, 2019, 11:13 AM IST

बंजर जमीनों का होगा समाधान

चरखी दादरी: दादरी जिले में जलभराव के कारण बिजाई से वंचित हजारों एकड़ जमीन का स्थाई तौर पर समाधान किया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की वाप्कोस कंपनी विशेषज्ञों की टीम द्वारा सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार की गई है. जिसमें सामाजिक संस्था ने किसानों केसाथ मिलकर प्रशासनिक अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी है.

बंजर जमीनों का होगा समाधान

8-9 सालों से नहीं हुई बिजाई
बता दें कि चरखी दादरी जिले के दर्जनों गांवों में करीब तीन हजार एकड़ जमीन पर लगातार जलभराव के कारण वो बंजर हो चुकी है. जिसकी वजह से यहां के किसान भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. बंजर जमीन पर पिछले करीब 8-9 सालोंसे बिजाई नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

surver
अधिकारियों ने किया सर्वे

किसानों के लिए आगे आई सामाजिक संस्था
इस जमीन का समाधान करने के लिए सामाजिक संस्था मनीषा सांगवान फाऊंडेशन ने पहल करते हुए केंद्र सरकार की वाप्कोस कंपनी के विशेषज्ञों द्वारा जमीन का सर्वेक्षण करवाया. विशेषज्ञों की टीम ने जलभराव व सेमग्रस्त हो चुकी जमीन का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की.

unfertile land report
सौंपी रिपोर्ट

बंजर जमीन का होगा समाधान!
संस्था चेयरपर्सन मनीषा सांगवान के साथ गांव इमलोटा, मोरवाला, बिगोवा, भागवी व अचिना आदि गांवों के किसान उपायुक्त अजय तोमर से मिले और विशेषज्ञों की रिपोर्ट सौंपी. साथ ही अनुरोध किया है अगर सरकार द्वारा रिपोर्ट अनुसार कार्य किया जाए तो जिले की हजारों एकड़ भूमि का सुधार हो सकता है.

चरखी दादरी: दादरी जिले में जलभराव के कारण बिजाई से वंचित हजारों एकड़ जमीन का स्थाई तौर पर समाधान किया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की वाप्कोस कंपनी विशेषज्ञों की टीम द्वारा सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार की गई है. जिसमें सामाजिक संस्था ने किसानों केसाथ मिलकर प्रशासनिक अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी है.

बंजर जमीनों का होगा समाधान

8-9 सालों से नहीं हुई बिजाई
बता दें कि चरखी दादरी जिले के दर्जनों गांवों में करीब तीन हजार एकड़ जमीन पर लगातार जलभराव के कारण वो बंजर हो चुकी है. जिसकी वजह से यहां के किसान भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. बंजर जमीन पर पिछले करीब 8-9 सालोंसे बिजाई नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

surver
अधिकारियों ने किया सर्वे

किसानों के लिए आगे आई सामाजिक संस्था
इस जमीन का समाधान करने के लिए सामाजिक संस्था मनीषा सांगवान फाऊंडेशन ने पहल करते हुए केंद्र सरकार की वाप्कोस कंपनी के विशेषज्ञों द्वारा जमीन का सर्वेक्षण करवाया. विशेषज्ञों की टीम ने जलभराव व सेमग्रस्त हो चुकी जमीन का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की.

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सौंपी रिपोर्ट

बंजर जमीन का होगा समाधान!
संस्था चेयरपर्सन मनीषा सांगवान के साथ गांव इमलोटा, मोरवाला, बिगोवा, भागवी व अचिना आदि गांवों के किसान उपायुक्त अजय तोमर से मिले और विशेषज्ञों की रिपोर्ट सौंपी. साथ ही अनुरोध किया है अगर सरकार द्वारा रिपोर्ट अनुसार कार्य किया जाए तो जिले की हजारों एकड़ भूमि का सुधार हो सकता है.


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From: Pardeep Sahu <sahupardeep@gmail.com>
Date: Thu 14 Mar, 2019, 16:36
Subject: केंद्र सरकार की वाप्कोस कंपनी के विशेषज्ञों ने बंजर भूमि के समाधान तलाशे:- रिपोर्ट पर कार्य हुआ तो जलभराव से भूमि बंजर के सुधरेंगे हालात
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केंद्र सरकार की वाप्कोस कंपनी के विशेषज्ञों ने बंजर भूमि के समाधान तलाशे:-
रिपोर्ट पर कार्य हुआ तो जलभराव से भूमि बंजर के सुधरेंगे हालात
: प्रशासन को सौंपी केंद्रीय संस्था की रिपोर्ट, ड्रेन बनाकर हो सकता है समाधान
: दादरी के 13 गांवों की साढ़े 3 हजार एकड़ भूमि बिजाई से रहती है वंचित
चरखी दादरी : दादरी जिले में जलभराव के कारण बिजाई से वंचित हजारों एकड़ भूमि का स्थाई तौर पर समाधान के लिए केंद्र सरकार की वाप्कोस कंपनी विशेषज्ञों की टीम द्वारा सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार की है। सामाजिक संस्था द्वारा किसानों के साथ मिलकर प्रशासनिक अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें जलभराव से समग्रस्त होकर बंजर हुई जमीन के समाधान की तकनीक बताई गई है। अगर रिपोर्ट अनुसार सरकार द्वारा कार्य किया जाएगा तो जल्द ही क्षेत्र की बंजर भूमि के हालात सुधरेंगे और किसानों का फायदा होगा। 
यहां बता दें कि चरखी दादरी जिले के दर्जनों गांवों में करीब तीन हजार एकड़ जमीन पर लगातार जलभराव के कारण सेमग्रस्त होते हुए बंजर हो चुकी है। जिसके कारण यहां के किसान भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। सेमग्रस्त व बंजर भूमि पर पिछले करीब 8-9 वर्षों से बिजाई नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस जमीन का समाधान करने के लिए सामाजिक संस्था मनीषा सांगवान फाऊंडेशन ने पहल करते हुए केंद्र सरकार की वाप्कोस कंपनी के विशेषज्ञों द्वारा जमीन का सर्वेक्षण करवाया गया। विशेषज्ञों की टीम ने जलभराव व सेमग्रस्त हो चुकी जमीन का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की 
संस्था चेयरपर्सन मनीषा सांगवान के साथ गांव इमलोटा, मोरवाला, बिगोवा, भागवी व अचिना आदि गांवों के किसान उपायुक्त अजय तोमर से मिले और विशेषज्ञों की रिपोर्ट सौंपी। साथ ही अनुरोध किया है अगर सरकार द्वारा रिपोर्ट अनुसार कार्य किया जाए तो जिले की हजारों एकड़ भूमि का सुधार हो सकता है। वहीं किसानों ने बताया कि जमीन बंजर होने पर उनके समक्ष भूखा मरने की नौबत आ चुकी है। ऐसे में प्रशासन के माध्यम से रिपोर्ट सरकार तक पहुंचती है और उसका स्थाई समाधान होता है तो उनके खेत सुधर जाएंगे। 
बाक्स:- 
बंजर हुई जमीन का हो सकेगा समाधान
फाऊंडेशन चेयरपर्सन मनीषा सांगवान ने बताया कि इस क्षेत्र में हजारों एकड़ भूमि बंजर हो चुकी है। जिसके कारण जहां किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है। इसलिए इस जमीन का सदुपयोग करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत वाप्कोस कंपनी से संपर्क करके एक्सपर्ट टीम द्वारा सर्वे करवाया। विशेषज्ञों की टीम द्वारा रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के आधार पर किसानों को भविष्य में जमीन का सदुपयोग करने की योजना बनाई जा सकेगी। रिपोर्ट में प्रशासन के माध्यम से सरकार को भेजी है। 
विजव
विजवल:- 1 
बंजर व सेमग्रस्त जमीन, जायजा लेते विशेषज्ञों की टीम, ड्रेन पर पहुंचे व जमीन का सर्वेक्षण करते टीम के सदस्यों के फाइल कट शाटस
विजवल:- 2
संस्था पदाधिकारी व किसान लघु सचिवालय पहुंचे, रिपोर्ट दिखाते, सौंपते व जानकारी देते किसानों के कट शाटस
बाईट:- 3
धर्मबीर सिंह, किसान
बाईट:- 4
मनीषा सांगवान, चेयरपर्सन

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Charkhi Dadri 





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