चरखी दादरी: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों में संसोधन सहित विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी संगठनों ने गुरुवार को चरखी दादरी में जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करते हुए कर्मचारी संगठनों ने लघु सचिवालय पहुंचकर मुख्य सचिव के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और अल्टीमेटम दिया कि अगर कृषि कानूनों सहित उनकी विभिन्न मांगों को नहीं माना गया. तो 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करते हुए किसान चक्का जाम करेंगे.
इस संबंध में सर्व कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राजकुमार घिकाड़ा ने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में मजदूरों के हितों में बने कानूनों को कमजोर व निरस्त करने का निर्णय वापस हो. संसद में इसी सत्र में पारित किए गए खेती व किसानों से जुड़े किसान विरोधी अध्यादेशों में संसोधन हो. सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाने. बेरोजगारों को स्थाई व सम्मानजनक रोजगार दिया जाए. आशा वर्कर्स को सम्मानजनक वेतन देने के अलावा बर्खास्त पीटीआई टीचरों की बहाली की जाए.
घिकाड़ा ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया. तो 26 नवम्बर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करते हुए बसों का चक्का जाम करेंगे और किसानों के साथ मिलकर अनिश्चितकालीन हड़ताल करंगे.
बता दें कि ये प्रदर्शन सर्व कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राजकुमार घिकाड़ा की अगुवाई में किया गया. जिसमें किसान सभा, आशा वर्कर्स, रोडवेज, शिक्षा, जनस्वास्थ्य, बिजली व सिंचाई सहित कई विभागों के कर्मचारी संगठनों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी संगठनों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
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