चरखी दादरी: हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं और सरसों की खरीद शुरू हो जाएगी. चरखी दादरी में सरकारी खरीद शुरू होने से पहले ही मंडी अधिकारियों का ढीलमूल रवैया देखने को मिला. जिसके चलते खरीद के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए. सवाल ये है कि आधे-अधूरे प्रबंधों के बीच सरकारी खरीद शुरू कैसे हो पाएगी.
चरखी दादरी की मंडियों में पीने के पानी का प्रबंध तक नहीं है और ना ही चौकीदार की कोई व्यवस्था. प्रबंधों को लेकर आढितियों में खासा रोष है. वहीं इस संबंध में मंडी अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.
चरखी दादरी में बनाए गए खरीद केंद्रों पर खरीद को लेकर मंडी अधिकारियों द्वारा कोई ठोस प्रबंध नहीं हैं. दादरी की अनाज मंडी में पीने के पानी और चौकीदार की कोई व्यवस्था नहीं है. मंडी में शैडों के नीचे बाजरा की बोरियों के ढेर लगे हैं. बारिश होने पर अनाज भिगने की संभावनाएं हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में खुले मैदानों में खरीद केंद्र बनाए हैं. जहां मार्केट कमेटी द्वारा तिरपाल व अन्य सामान भी नहीं पहुंचाया गया है.
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मंडियों में व्यवस्था सही होने को लेकर मंडी आढ़तियों ने एकजुट होकर रोष जताया और जिला प्रशासन से समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवाने की मांग उठाई है. किसान विजयपाल और सुरेंद्र ने बताया कि मंडी में कांटे खराब हैं. तोल नहीं होने के कारण वापस लौटना पड़ रहा है. वहीं सरकारी रेट से ज्यादा रेटों पर सरसों की खरीद बाहर की जा रही है. उधर मंडी आढति एसोसिएशन के प्रधान रामकुमार रिटोलिया ने बताया कि मंडी अधिकारियों किे उदासीन रवैये के कारण मंडियों में कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं.