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डंपिंग प्वाइंट पर लगी आग और धुएं से हाल बेहाल, अधिकारियों को नहीं है कोई फिक्र

चरखी दादरी में प्रदूषण के स्तर लगातार बढ़ने से नागरिकों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. रविवार को प्रशासन ने शहर में बने डंपिंग ग्राउंड में आग लगा दी जिससे काफी प्रदूषण फैल गया.

डंपिंग प्वाइंट पर लगी आग
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Published : May 5, 2019, 10:48 PM IST

चरखी दादरी: एनसीआर में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और तमाम अधिकारी इस प्रदूषण से निपटने के उपाय भी ढूंढ रहे हैं, लेकिन चरखी दादरी शहर में होने वाले सबसे बड़े प्रदूषण प्वाइंट की ओर किसी का ध्यान नहीं है. मामला रविवार का है जब शहर के पास डंपिंग स्टेशन में आग लगाई गई.

स्थानीय निवासी

दिनभर कूड़े में लगी आग से दुर्गंध आती रही. जिसके कारण स्थानीय निवासियों का जीना दूर्भर हो गया है. वहीं बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है. हालांकि नागरिकों ने आग लगने की सूचना संबंधित विभाग को भी दी. बावजूद इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हालात ऐसे बन गए हैं कि यहां के निवासियों के साथ-साथ शहर की बाहरी कॉलोनियों में लोगों का जीना हराम हो गया है.

डंपिंग प्वाइंट पर लगी आग

चरखी दादरी: एनसीआर में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और तमाम अधिकारी इस प्रदूषण से निपटने के उपाय भी ढूंढ रहे हैं, लेकिन चरखी दादरी शहर में होने वाले सबसे बड़े प्रदूषण प्वाइंट की ओर किसी का ध्यान नहीं है. मामला रविवार का है जब शहर के पास डंपिंग स्टेशन में आग लगाई गई.

स्थानीय निवासी

दिनभर कूड़े में लगी आग से दुर्गंध आती रही. जिसके कारण स्थानीय निवासियों का जीना दूर्भर हो गया है. वहीं बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है. हालांकि नागरिकों ने आग लगने की सूचना संबंधित विभाग को भी दी. बावजूद इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हालात ऐसे बन गए हैं कि यहां के निवासियों के साथ-साथ शहर की बाहरी कॉलोनियों में लोगों का जीना हराम हो गया है.

डंपिंग प्वाइंट पर लगी आग
Intro:डंपिंग प्वाइंट पर लगी आग व धूंआ से हाल बेहाल
: नगर परिषद के कर्मचारी लगा रहे आग, शहर में प्रदूषण फैसला
चरखी दादरी। एनसीआर में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और तमाम अधिकारी इस प्रदूषण से निपटने के उपाय भी ढूंढ रहे हैं। लेकिन चरखी दादरी शहर में होने वाले सबसे बड़े प्रदूषण पॉइंट की ओर किसी का ध्यान नहीं है। शहर का कूड़ा इक_ा कर शहर के समीप ही बलाया गया डंपिंग स्टेशन पर डालकर उसमें आज लगाई जा रही है। दिनभर कूड़े में लगी आग से दुर्गंध भरा धुआ निकलता रहता है। जिसके कारण स्थानीय निवासियों का जीना दूभर हो गया है वहीं बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि नागरिको द्वारा आग लगने की सूचना संबंधित विभाग को भी दी गई। बावजूद इसके कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि यहां के निवासियों के साथ-साथ शहर की बाहरी कालोनियों में लोगों का जीना हराम हो गया है। Body:नगर परिषद द्वारा शहर के साथ ही घिकाड़ा रोड पर डंपिंग प्वाइंट बनाया गया है। यहां महीने भर से यहां कूड़ा जल रहा है और लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। नगर परिषद के कूड़ा डंपिंग स्टेशन के साथ सटा हुआ एक स्कूल व कालोनियां भी हैं। लेकिन स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ सांस लेने को मिलती है बेहद बदबूदार और दूषित हवा। इसका जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि चरखी दादरी नगर परिषद के अधिकारी हैं। कूड़े के ढेर में लगी आग से निकलने वाले धुएं से स्थानीय कालोनीवासी इन दिनों बीमारियों की चपेट में है। लोगों का कहना है कि गांव में मक्खियों की तादाद बढ़ गई है। सांस लेने में भी दिक्कत आ रही है और खेतों में काम करने वाले किसान अपने खेतों में बैठकर काम भी नहीं कर सकते हैं और थकान होने पर आराम भी नहीं कर पाते हैं। क्योंकि कूड़े और उसके धुएं से निकलने वाले प्रदूषित वायु प्रदूषण से लोगों के जीवन पर संकट आ खड़ा हुआ है।
एक तरफ जहां केंद्र और प्रदेश की सरकारें प्रदूषण से निपटने के लिए उपाय ढूंढ रही हैं। वहीं स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी स्वयं नहीं चाहते कि इस समस्या से निजात मिल सके और शायद इसी का नतीजा है कि चरखी दादरी में पर्यावरण प्रोटेक्शन एंड कंट्रोल अथॉरिटी के अधिकारी शहर के सबसे दूषित स्थान को देखने के लिए वह यहां पर नहीं आए। लोगों का कहना है कि स्थानीय अधिकारी उच्च अधिकारियों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। इसीलिए जब भी बाहर से कोई टीम शहर का दौरा करने आती है। तो उन्हें इधर- उधर घुमा कर खानापूर्ति पूरी कर देते हैं।Conclusion:प्रशासनिक अधिकारियों के इस रवैए से नाराज लोगों ने अब सरकार को चेतावनी दी है कि अगर यहां समस्या का समाधान नहीं हुआ। तो वे शहर का कूड़ा इस डंपिंग स्टेशन पर नहीं डालने देंगे। स्थानीय निवासी भूपेंद्र, तुलसी, रतीराम व रामौतार इत्यादि ने बताया कि डंपिंग प्वाइंट पर नगर परिषद के कर्मचारी ही आग लगा देते हैं। बार-बार अधिकारियों को अवगत करवाया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। एक बात तो साफ है कि प्रदूषण के कारण होने वाली परेशानियों की ओर सरकारी अधिकारियों का ध्यान बिल्कुल नहीं है। इसलिए तो बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया जा रहा। अब देखना यह होगा कि ग्रामीणों की चेतावनी का इन सरकारी अधिकारियों पर असर होता भी है या नहीं।
विजवल:- 1
शहर के बाहरी क्षेत्र में प्रदूषण, धूंआ की उठती लहरे, डंपिंग प्वाइंट पर लगी आग, आग के आसपास धूंआ व प्रदूषण वातावरण, साथ लगती बाहरी कालोनियों व शहर में डंपिंग प्वाइंट की आग से आया धूंआ के कट शाटस
बाईट:- 2
भूपेंद्र, रामौतार व रतीराम, स्थानीय निवासी
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