चरखी दादरी: अंतरराष्ट्रीय शूटर मनु भाकर का प्रधानमंत्री बाल शक्ति पुरस्कार के चयन नहीं होने पर उनके पिता रामकिशन भाकर ने नाराजगी जताई है. सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां करते हुए मनु के पिता ने लिखा कि एक साल 22 मेडल लेने वाले खिलाड़ी को चयन मामले में इग्नोर किया गया. जबकि मंत्रालय में रिश्तेदारों के बच्चों को पुरस्कार के लिए चयन कर लिया गया. उन्होंने सरकार की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए हैं.
मनु भाकर के पिता ने उठाए सवाल
बता दें कि इस साल भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीडब्ल्यू) ने असाधारण बहादुरी के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों के लिए 26 बच्चों को चुना. जिनमें हरियाणा से 6 खिलाड़ी शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला शूटर मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर ने पुरस्कार की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं.
'मनु ने समय से किया था आवेदन'
उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और राष्ट्रपति को ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की. महिला शूटर के पिता का कहना है कि मनु ने पुरस्कार के लिए समय से आवेदन किया था और वो सभी मानदंड भी पूरा करती हैं. पिछले एक साल के दौरन मनु ने 9 नेशनल और 12 इंटरनेशनल पदक प्राप्त कर देश का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाया है.
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'शक्ति पुरस्कार के लिए मनु का चयन न होना समझ से परे है'
एक साल में 21 पदक जीतने के बाद भी पुरस्कार के लिए चयन न होना समझ से परे है. रामकिशन भाकर ने बताया कि मनु का प्रधानमंत्री बाल शक्ति पुरस्कार के लिए चयन ना होना समझ से परे है, क्योंकि मंत्रालय में अपने रिश्तेदारों के बच्चों के नाम इस पुरस्कार के लिए शामिल किए गए हैं. ये पारदर्शिता कैसे हुई.
उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री कार्यालय में कई बार इस संबंध में संपर्क भी किया, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया से वो कतई संतुष्ट नहीं हैं. तीन साल के करियर में मनु ने 60 पदक नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर जीते हैं. प्रधानमंत्री बाल शक्ति पुरस्कार के लिए नेशनल स्तर पर गोल्ड और आयु 18 वर्ष से कम होना जरूरी है और इन मानकों को मनु पूरा कर रही है.