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दादरी के अस्पताल में दवाई लेने के लिए लग रही लंबी-लंबी लाइनें, लोग परेशान - Dadri Health Service worst condition

चरखी दादरी के नागरिक अस्पताल में इन दिनों मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही है. इस अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद खाली होने के बाद भी नहीं भरे जा रहे, जिसका खामियाजा वहां आए मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

lack of pharmacist in charkhi dadri civil hospital
lack of pharmacist in charkhi dadri civil hospital
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Published : Aug 28, 2020, 7:55 PM IST

चरखी दादरी: जिले के सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर लडखड़ाई हुई हैं कि अस्पताल में रिक्त पदों की कमी के चलते मरीजों को घंटों लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग के दावों का नजारा यहां दवा लेने के लिए बनाई गई खिड़कियों पर देखा जा सकता है.

सरकारी अस्पताल की खस्ता हालत से लोग परेशान

बता दें कि, इन दिनों फार्मासिस्ट के पद खाली होने के चलते यहां केवल एक खिड़की पर ही दवा दी जा रही है, जहां बच्चे से लेकर गर्भवती और बुजुर्ग तक लंबी-लंबी लाइनों में लग कर दवाई ले रहे हैं. वहीं इस दौरान कोरोना काल के दौरान ना सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखा जा रहा है और ना ही कोई सुविधा दी जा रही है.

चरखी दादरी के नागरिक अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाई, देखें वीडियो

दवाई लेने के लिए लग रही लंबी-लंबी लाइनें

चरखी दादरी के सिविल अस्पताल में सुबह से शाम तक मरीजों की बढ़ती भीड़ के साथ-साथ उनकी परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं. अस्पताल में दवा वितरण के लिए बनाई गई तीन खिड़कियों में से सिर्फ एक पर ही मरीजों को दवाईयां दी जा रही हैं. ऐसे में यहां मरीजों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं. गौरतलब है कि दादरी के सामान्य सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों सहित सहायक कर्मियों के अधिकतर पद खाली हैं. जिसके चलते चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.

फार्मासिस्ट के पद पड़े हैं खाली

इस बारे में स्थानीय लोग काफी समय से सरकार और स्वास्थ्य विभाग से यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों, सहायक कर्मियों की नियुक्तियों की मांग करते रहे हैं. कुछ रोज पहले तक यहां दवा वितरण के लिए बनाई गई तीन खिड़कियों में से दो पर कर्मचारी बैठते थे, लेकिन अब केवल एक खिड़की ही खुलती है.

ये भी पढ़ें- JEE-NEET परीक्षा रद्द ना करना केंद्र का हैरान करने वाला फैसला- भूपेंद्र हुड्डा

फार्मासिस्ट नवीन कासनी ने बताया कि मरीजों की संख्या को देखते हुए ये व्यवस्था काफी अप्रर्याप्त रहती है और दिनभर यहां मरीजों की लंबी लाइनें देखी जा सकती हैं. रोजाना ओपीडी में आने वाले औसत 800 से 900 मरीज तक दवाईयां लेते हैं. उन्हें एक ही खिड़की पर दवा मिलने से अस्पताल में दूर तक कतार देखी जा सकती है. कई बार तो पूरा दिन गुजर जाने पर भी दवाईयां लेने की बारी नहीं आ पाती.

मरीज बिना दवाई लिए ही जा रहे घर

लाइन में खड़े लोगों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान मजबूरी में अस्पताल में दवा लेने के लिए आना पड़ता है. ऐसे समय में दूर दराज के गांवों से आने वाले मरीजों की परेशानियां बढ़ी रहती हैं. समय पर दवाईयों का प्रयोग ना करने से दिक्कतें और भी बढ़ जाती हैं. वहीं जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सतपाल सांगवान ने बताया कि सिविल अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने सीएम, डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को चिठ्ठी लिखी है. उन्होंने बताया कि यहां के मरीजों को परेशानी ना हो, इसके लिए वे भरसक प्रयास कर रहे हैं.

चरखी दादरी: जिले के सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर लडखड़ाई हुई हैं कि अस्पताल में रिक्त पदों की कमी के चलते मरीजों को घंटों लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग के दावों का नजारा यहां दवा लेने के लिए बनाई गई खिड़कियों पर देखा जा सकता है.

सरकारी अस्पताल की खस्ता हालत से लोग परेशान

बता दें कि, इन दिनों फार्मासिस्ट के पद खाली होने के चलते यहां केवल एक खिड़की पर ही दवा दी जा रही है, जहां बच्चे से लेकर गर्भवती और बुजुर्ग तक लंबी-लंबी लाइनों में लग कर दवाई ले रहे हैं. वहीं इस दौरान कोरोना काल के दौरान ना सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखा जा रहा है और ना ही कोई सुविधा दी जा रही है.

चरखी दादरी के नागरिक अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाई, देखें वीडियो

दवाई लेने के लिए लग रही लंबी-लंबी लाइनें

चरखी दादरी के सिविल अस्पताल में सुबह से शाम तक मरीजों की बढ़ती भीड़ के साथ-साथ उनकी परेशानियां भी बढ़ती जा रही हैं. अस्पताल में दवा वितरण के लिए बनाई गई तीन खिड़कियों में से सिर्फ एक पर ही मरीजों को दवाईयां दी जा रही हैं. ऐसे में यहां मरीजों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं. गौरतलब है कि दादरी के सामान्य सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों सहित सहायक कर्मियों के अधिकतर पद खाली हैं. जिसके चलते चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं.

फार्मासिस्ट के पद पड़े हैं खाली

इस बारे में स्थानीय लोग काफी समय से सरकार और स्वास्थ्य विभाग से यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों, सहायक कर्मियों की नियुक्तियों की मांग करते रहे हैं. कुछ रोज पहले तक यहां दवा वितरण के लिए बनाई गई तीन खिड़कियों में से दो पर कर्मचारी बैठते थे, लेकिन अब केवल एक खिड़की ही खुलती है.

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फार्मासिस्ट नवीन कासनी ने बताया कि मरीजों की संख्या को देखते हुए ये व्यवस्था काफी अप्रर्याप्त रहती है और दिनभर यहां मरीजों की लंबी लाइनें देखी जा सकती हैं. रोजाना ओपीडी में आने वाले औसत 800 से 900 मरीज तक दवाईयां लेते हैं. उन्हें एक ही खिड़की पर दवा मिलने से अस्पताल में दूर तक कतार देखी जा सकती है. कई बार तो पूरा दिन गुजर जाने पर भी दवाईयां लेने की बारी नहीं आ पाती.

मरीज बिना दवाई लिए ही जा रहे घर

लाइन में खड़े लोगों ने बताया कि कोरोना काल के दौरान मजबूरी में अस्पताल में दवा लेने के लिए आना पड़ता है. ऐसे समय में दूर दराज के गांवों से आने वाले मरीजों की परेशानियां बढ़ी रहती हैं. समय पर दवाईयों का प्रयोग ना करने से दिक्कतें और भी बढ़ जाती हैं. वहीं जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सतपाल सांगवान ने बताया कि सिविल अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने सीएम, डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को चिठ्ठी लिखी है. उन्होंने बताया कि यहां के मरीजों को परेशानी ना हो, इसके लिए वे भरसक प्रयास कर रहे हैं.

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