चरखी दादरी: प्रदेश की प्रथम महिला अधिवक्ता, प्रथम महिला विधायक दल नेत्री, प्रथम महिला सांसद, पुडुचेरी की पूर्व उप राज्यपाल व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चंद्रावती का निधन हो गया है. वे पिछले काफी समय से बीमार चल रही थीं. रविवार सुबह उन्होंने रोहतक पीजीआई में अंतिम सांस ली. चंद्रावती काफी समय से दादरी में सरकारी निवास पर रहती थीं.
उनके निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक जताया है और उनको श्रद्धांजलि दी है. चंद्रावती को श्रद्धांजलि देने लोग काफी संख्या में सुबह से उनके निवास पर आ रहे हैं. पूर्व उप राज्यपाल चंद्रावती का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव डालावास में किया जाएगा. परिजनों की मानें तो उनके शव को पहले दादरी स्थित सरकारी आवास पर लाया जाएगा और उसके बाद गांव डालावास में लेकर आएंगे. इस दौरान पुलिस द्वारा सलामी दी जाएगी. अंतिम संस्कार में कांग्रेस के बड़े नेताओं सहित प्रदेश के कई मंत्रियों के पहुंचने की आशंका है.
बनी थीं हरियाणा की पहली सांसद
70 के दशक में जनता पार्टी की ओर से भिवानी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए चरखी दादरी के गांव डालावास की रहने वाली चंद्रावती ने प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम बंसीलाल को करारी शिकस्त देते हुए हरियाणा की पहली महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया ता. 1977 में जब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर थी, चरखी दादरी की चंद्रावती ने भिवानी लोकसभा क्षेत्र के पहले चुनाव में 67.62 प्रतिशत वोट लेकर जीत का जो रिकार्ड बनाया था, वो आज तक तोड़ा नहीं जा सका है.
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चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक 1977 में चंद्रावती ने 2 लाख 89 हजार 135 वोट हासिल किए थे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को 1 लाख 27 हजार 893 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. माना जा रहा है कि आपातकाल का फायदा चंद्रावती को मिला और वे बीएलडी की टिकट पर 67.62 प्रतिशत वोट लेकर जीतने में कामयाब रहीं.
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हाईकोर्ट की पहली महिला अधिवक्ता थीं चंद्रावती
भिवानी की पहली सांसद चंद्रावती को जिला ही नहीं, आस-पास के एरिया में पहली स्नातक योग्यता वाली महिला होने का गौरव प्राप्त था. इसके साथ ही वो पंजाब व हरियाणा बार में पहली महिला अधिवक्ता भी थीं. 3 सितंबर 1928 को जन्मी चंद्रावती ने संगरूर से स्नातक की थी, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की.
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इलाज में लापरवाही का मुद्दा उछला था
बता दें कि, बीती 13 जून को पूर्व उप राज्यपाल चंद्रावती को चरखी दादरी स्थित उनके आवास से पीजीआई इलाज के लिए लाया गया था. पूर्व उप राज्यपाल के कुल्हे व पैर में चोट के कारण पीजीआई लेकर आए थे. उन्हें यहां ना तो वीआईपी कमरा मिला था और साथ ही काफी घंटों तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा था. जिसके बाद परिजन उन्हें निजी अस्पताल ले गए थे. रिपोर्ट में सीएमओ डॉ. कुलदीप को उस वक्त ड्यूटी से गैरहाजिर बताते हुए लापरवाही का दोषी पाया गया था और इसी आधार पर उनको छह माह तक निलंबित किया गया था.
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चंद्रावती देवी का परिचय
- भिवानी से हरियाणा की पहली महिला लोकसभा सांसद रहीं (1977)
- हरियाणा विधानसभा की पहली महिला विधायक
- हरियाणा की पहली महिला अधिवक्ता
- हरियाणा में दो बार मंत्री (1964-66, 1972-74)
- 1982-85 में हरियाणा विधानसभा में विपक्ष की नेता
- फरवरी 1990 से दिसंबर 1990 तक पुडुचेरी की उप-राज्यपाल
- 1977-79 हरियाणा में जनता पार्टी की अध्यक्ष