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35 साल से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं दतौली गांव के लोग, चुनाव बहिष्कार का फैसला किया

चरखी दादरी का दतौली गांव पिछले 35 सालों से पानी की समस्या से जूझ रहा है. कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने पर भी समस्या का हल नहीं हो रहा है.

चरखी दादरी के दतौली गांव का मतदान के बहिष्कार का फैसला
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Published : Oct 2, 2019, 6:26 PM IST

चरखी दादरी: दतौली गांव के लोग पिछले 3 दशक से पेयजल संकट से परेशान हैं. जिसके चलते ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का फैसला किया है. ग्रामीणों ने पंचायत करके ये फैसला किया है. पंचायत की अध्यक्षता सरपंच दयानंद ने की. बैठक में फैसला किया गया है कि मतदान के दिन कोई भी ग्रामीण मतदान नहीं करेगा.

ग्रामीणों का आरोप

पंचायत के दौरान ग्रामीणों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार और प्रशासन ने हमेशा से हमारी उपेक्षा की है. ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव 2019 में वोट ना करने का फैसला किया है. पंचायत में सभी की सहमति से फैसला किया गया कि मतदान के दिन कोई भी मतदाता बूथ पर नहीं जाएगा. इस गांव में प्रशासन ने दो बूथ बनाए हैं.

चरखी दादरी के दतौली गांव का मतदान के बहिष्कार का फैसला

'नेताओं को नहीं घुसने देगें गांव के अंदर'

गांव के लोगों ने पंचायत में फैसला किया कि जब तक उनकी समस्या का हल नहीं होता है, तब तक वो किसी भी नेता को गांव में नहीं घुसने देंगे. अतर सिंह नंबरदार और पंच सोमबीर सिंह ने बताया कि पानी के लिए गांव के लोगों को दूर दूर तक भटकना पड़ रहा है. पेयजल को लेकर नागरिकों के साथ-साथ पशुओं को भी काफी परेशानी हो रही है.

लोकसभा चुनाव में भी किया था मतदान का बहिष्कार

पेयजल संकट के कारण लोकसभा चुनाव 2014 में भी गांव को लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया था. उस समय मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव के लोगों को आश्वासन दिया था. लेकिन उसके बाद से लेकर अब तक इस समस्या का हल नहीं हुआ. सरपंच दयानंद ने बताया कि पिचले 35 सालों से जल संकट बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: मंत्रियों के टिकट कटने पर सीएम खट्टर ने तोड़ी चुप्पी, बोले- टिकट मिलना..न मिलना नसीब का खेल

लगातार कोशिशों के बाद भी समस्या का हल नहीं

दयानंद ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए इस बार की और पिछली बार की पंचायतें लगातार कोशिशें करती रही हैं. पंचायतें लगातार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिलती रही है. लेकिन पेयजल संकट का कोई भी समाधान नहीं हुआ. जिसकी वजह से मतदान के बहिष्कार का फैसला ग्रामीणवासियों को लेना पड़ा.

चरखी दादरी: दतौली गांव के लोग पिछले 3 दशक से पेयजल संकट से परेशान हैं. जिसके चलते ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार का फैसला किया है. ग्रामीणों ने पंचायत करके ये फैसला किया है. पंचायत की अध्यक्षता सरपंच दयानंद ने की. बैठक में फैसला किया गया है कि मतदान के दिन कोई भी ग्रामीण मतदान नहीं करेगा.

ग्रामीणों का आरोप

पंचायत के दौरान ग्रामीणों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार और प्रशासन ने हमेशा से हमारी उपेक्षा की है. ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव 2019 में वोट ना करने का फैसला किया है. पंचायत में सभी की सहमति से फैसला किया गया कि मतदान के दिन कोई भी मतदाता बूथ पर नहीं जाएगा. इस गांव में प्रशासन ने दो बूथ बनाए हैं.

चरखी दादरी के दतौली गांव का मतदान के बहिष्कार का फैसला

'नेताओं को नहीं घुसने देगें गांव के अंदर'

गांव के लोगों ने पंचायत में फैसला किया कि जब तक उनकी समस्या का हल नहीं होता है, तब तक वो किसी भी नेता को गांव में नहीं घुसने देंगे. अतर सिंह नंबरदार और पंच सोमबीर सिंह ने बताया कि पानी के लिए गांव के लोगों को दूर दूर तक भटकना पड़ रहा है. पेयजल को लेकर नागरिकों के साथ-साथ पशुओं को भी काफी परेशानी हो रही है.

लोकसभा चुनाव में भी किया था मतदान का बहिष्कार

पेयजल संकट के कारण लोकसभा चुनाव 2014 में भी गांव को लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया था. उस समय मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव के लोगों को आश्वासन दिया था. लेकिन उसके बाद से लेकर अब तक इस समस्या का हल नहीं हुआ. सरपंच दयानंद ने बताया कि पिचले 35 सालों से जल संकट बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: मंत्रियों के टिकट कटने पर सीएम खट्टर ने तोड़ी चुप्पी, बोले- टिकट मिलना..न मिलना नसीब का खेल

लगातार कोशिशों के बाद भी समस्या का हल नहीं

दयानंद ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए इस बार की और पिछली बार की पंचायतें लगातार कोशिशें करती रही हैं. पंचायतें लगातार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिलती रही है. लेकिन पेयजल संकट का कोई भी समाधान नहीं हुआ. जिसकी वजह से मतदान के बहिष्कार का फैसला ग्रामीणवासियों को लेना पड़ा.

Intro:पेयजल संकट से परेशान, मतदान का किया बहिष्कार
: गांव दातोली में पंचायत कर लिया बड़ा फैसला, नहीं करेंगे वोटिंग
: गांव में दोनों बूथों पर कोई ग्रामीण मतदान करने नहीं जाएगा
: बार-बार अधिकारियों के चक्कर काटे, नहीं हुआ समाधान
चरखी दादरी : पिछले तीन दशक से पेयजल संकट झेल रहे गांव दातौली में ग्रामीणों ने पंचायत करके सामूहिक रूप से विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। सरपंच की अध्यक्षता में हुई पंचायत में फैसला लिया कि गांव के दोनों बूथों पर मतदान के दिन कोई भी ग्रामीण मतदान नहीं करने नहीं जाएगा। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष जताते हुए यह भी फैसला लिया कि चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के नेता को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। ग्रामीण नेताओं का विरोध करेंगे। पंचायत द्वारा लिए फैसले को लेकर गांव की पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित करके प्रशासन को भी सौंपा गया है।Body:जिले के अंतिम छौर पर बसे गांव दातौली में बुधवार को सरपंच दयानंद की अध्यक्षता में पंचायत हुई। जिसमें गांव में पेयजल संकट को लेकर विचार-विमर्श किया गया। पंचायत में गांव के मौजिज लोगों ने विचार विमर्श करने के बाद सर्वसम्मति से फैसला लिया कि पेयजल संकट से परेशान ग्रामीण विधानसभा चुनाव में पूर्ण रूप से मतदान का बहिष्कार करेंगे। प्रशासन द्वारा गांव में बनाए गए दोनों बूथों पर कोई भी ग्रामीण मतदान के लिए नहीं जाएगा। इसके अलावा ग्रामीणों ने यह भी फैसला लिया कि उनके गांव की समस्या का समाधान नहीं होता है तो वे किसी भी पार्टी के नेता को गांव में घुसने नहीं देंगे। अतर सिंह नंबरदार, पंच सोमबीर सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि उनके गांव की पेयजल समस्या से ग्रामीणों को दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है। पेयजल को लेकर नागरिकों के साथ-साथ पशुओं को काफी परेशानी हो रही है। ऐसे हालातों में मजबूर होकर मतदान बहिष्कार का फैसला लिया है जो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी ग्रामीणों द्वारा पेयजल सकंट को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। उस समय मुख्यमंत्री व प्रशासनिक अधिकारियों ने समस्या का समाधान जल्द करने का आश्वासन दिया था। बावजूद आश्वासन के ग्रामीणों की पेयजल संकट का समाधान नहीं हुआ।
बाक्स:-
परेशान होकर लिया मतदान बहिष्कार का फैसला : सरपंच
पंचायत की अध्यक्षता कर रहे सरपंच दयानंद ने बताया कि उनके गांव में पिछले 35 वर्षों से पेयजल का संकट बना हुआ है। समाधान को लेकर पिछली व इस बार की पंचायत बार-बार संबंधित अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक दखास्त लगाकर मिल चुके हैं। लेकिन समाधान नहीं हुआ और आज ग्रामीणों ने एकजुट होकर फैसला लिया है कि पेयजल का स्थाई समाधान होने तक मतदान का बष्हिकार जारी रहेगा।
विजवल:- 1
पंचायत में उपस्थित ग्रामीण, पेयजल संकट को लेकर विचार-विमर्श करते, फैसले की जानकारी देते सरपंच व ग्रामीणों के कट शाटस
बाईट:- 2
दयानंद, सरपंच
बाईट:- 3
अतर सिंह नंबरदार, ग्रामीण
बाईट:- 4
नीकिता, ग्रामीण बच्चीConclusion:
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