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सावन के महीने में भूल कर भी ना करें ये काम, भोले नाथ हो जाएंगे नाराज!

सावन का महीना भगवान शिव के लिए बेहद खास होता है. ऐसे में भोले के भक्त शिव को खुश करने के लिए पूजा पाठ और अभिषेक करते हैं, ताक शिव की कृपा भक्तों पर बनी रहें, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहें कि किन पूजा विधियों से शिव की कृपा बरसती है और किन कामों करना वर्जित होता है.

worship of shiv removes all troubles
सावन के महीने में भूल कर भी ना करें ये काम
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Published : Aug 2, 2021, 9:49 AM IST

चंडीगढ़: आज सावन का दूसरा सोमवार है. माना जाता है कि सावन भगवान शिव का खास महीना है और विधि विधान से शिव की पूजा करने से (Sawan Mass 2021 Puja Vidhi) भक्तों की सारी समस्यायें दूर होती है और उनकी मनोकामना पूरी होती है. भगवान शिव अपने भक्तों के सभी परेशानिया हर लेते हैं, वैसे तो भोले बाबा स्वभाव से काफी भोले होते हैं और अपने भक्त के दिल की हर बात समझ लेते हैं, लेकिन शिव पूजा की एक विधि होती है, जिसका पालन जरूरी होता है.

पंचामृत और काले तिल के साथ करें अभिषेक: मान्यता है कि अगर आप किसी लंबी परेशानी, लाइलाज बीमारी से परेशान हैं, तो सावन के महीने में पंचामृत और जल में काला तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक (Lord shiv Abhishek) करें. अगर शादि-शुदा हैं तो पति-पत्नी एक साथ मिलकर अभिषेक करें. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली भी आती है.

ये पढ़ें- सावन का दूसरा सोमवार आज, जानिए क्यों शिव लिंग पर चढ़ाया जाता है जल

इन मंत्रों का करें जाप: भगवान शिव को भस्म, रूद्राक्ष, आक के फूल, बेल पत्र, भांग बहुत पसंद हैं. शिव की पूजा करते हुए ओम नमः शिवाया या ओम नमो भगवते रूद्राय मंत्र से शिव पूजन हैं. मान्यता है कि शिवलिंग की आधी परिक्रमा से भी फल की प्राप्ति होती है.

लघु रूद्र, महारूद्र या अतिरूद्र पाठ से होते हैं शिव खुश: सावन के महीने में मान्यता है कि लघु रूद्र, महारूद्र या अतिरूद्र पाठ करवाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इसके अलावा शिवलिंग का विधि विधान से पूजा करने से भी भगवान भोले प्रसन्न होते हैं. सावन के महीने में महात्मय और शिव महापुराण की कथा से विशेष कृपा होती है.

भूल कर भी ना करें ये काम: शिव परिवार को उनकी पूजा के दौरान केतकी और केवड़े का फूल न चढ़ाएं. भोले नाथ की पूजा में तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि शिवलिंग या शिव प्रतिमा की पूजा करते समय हल्दी चढ़ाना भी वर्जित है. यही नहीं काले रंग के कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा नहीं की जाती है. पूजा के बाद शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है. किसी भी प्रकार का नशा करके शिव पूजा नहीं करनी चाहिए.

ये पढ़ें- सावन के दूसरे सोमवार पर बना विशेष संयोग, ऐसे करें भगवान भोलेनाथ की पूजा ?

चंडीगढ़: आज सावन का दूसरा सोमवार है. माना जाता है कि सावन भगवान शिव का खास महीना है और विधि विधान से शिव की पूजा करने से (Sawan Mass 2021 Puja Vidhi) भक्तों की सारी समस्यायें दूर होती है और उनकी मनोकामना पूरी होती है. भगवान शिव अपने भक्तों के सभी परेशानिया हर लेते हैं, वैसे तो भोले बाबा स्वभाव से काफी भोले होते हैं और अपने भक्त के दिल की हर बात समझ लेते हैं, लेकिन शिव पूजा की एक विधि होती है, जिसका पालन जरूरी होता है.

पंचामृत और काले तिल के साथ करें अभिषेक: मान्यता है कि अगर आप किसी लंबी परेशानी, लाइलाज बीमारी से परेशान हैं, तो सावन के महीने में पंचामृत और जल में काला तिल डालकर भगवान शिव का अभिषेक (Lord shiv Abhishek) करें. अगर शादि-शुदा हैं तो पति-पत्नी एक साथ मिलकर अभिषेक करें. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली भी आती है.

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इन मंत्रों का करें जाप: भगवान शिव को भस्म, रूद्राक्ष, आक के फूल, बेल पत्र, भांग बहुत पसंद हैं. शिव की पूजा करते हुए ओम नमः शिवाया या ओम नमो भगवते रूद्राय मंत्र से शिव पूजन हैं. मान्यता है कि शिवलिंग की आधी परिक्रमा से भी फल की प्राप्ति होती है.

लघु रूद्र, महारूद्र या अतिरूद्र पाठ से होते हैं शिव खुश: सावन के महीने में मान्यता है कि लघु रूद्र, महारूद्र या अतिरूद्र पाठ करवाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इसके अलावा शिवलिंग का विधि विधान से पूजा करने से भी भगवान भोले प्रसन्न होते हैं. सावन के महीने में महात्मय और शिव महापुराण की कथा से विशेष कृपा होती है.

भूल कर भी ना करें ये काम: शिव परिवार को उनकी पूजा के दौरान केतकी और केवड़े का फूल न चढ़ाएं. भोले नाथ की पूजा में तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि शिवलिंग या शिव प्रतिमा की पूजा करते समय हल्दी चढ़ाना भी वर्जित है. यही नहीं काले रंग के कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा नहीं की जाती है. पूजा के बाद शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है. किसी भी प्रकार का नशा करके शिव पूजा नहीं करनी चाहिए.

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