चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं सहायता समूहों को और सशक्त बनाने के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिविल सचिवालय में आयोजित दिशा कमेटी की राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे.
अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के सदस्य मिलकर कोई अच्छा व्यवसाय शुरू करें ताकि समूह के हर सदस्य की आमदनी का जरिया बने. स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को मासिक कम से कम पांच हजार की आमदनी तो कम से कम हो तभी समूह बनाये जाने का उद्देश्य सफल होगा. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए अलग से अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी सीएम ने कहा. बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 464 गांवों में बैंक नहीं हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव में बैंकिंग सुविधा मुहैया कराने के लिए अधिकारी आवश्यक कार्रवाई करें.
25 हजार नए जॉब कार्ड बनाने के निर्देश
वहीं मनरेगा के तहत प्रदेश में एक लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने का निर्देश देते हुए सीएम ने 25 हजार नए जॉब कार्ड बनाने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए. उन्होंने मनरेगा योजना का सोशल ऑडिट कराने के लिए योजना बनाने के लिए भी अधिकारियों को कहा. इसके अलावा बैठक में बताया गया कि मनरेगा स्कीम के तहत पिछले साल 388 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि इस साल कोविड के बावजूद 621 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.
5.62 हजार लोगों को मिला मनरेगा के तहत काम
पिछले वर्ष मनरेगा स्कीम में 3.64 लाख वर्कर्स को कम दिया गया, जबकि इस साल अभी तक 5.62 लाख लोगों को काम दिया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर खेत को पानी योजना के तहत 1 जनवरी से भिवानी, महेंद्रगढ़ और रेवाडी जिलों में माइक्रो इरिगेशन योजना की शुरुआत कर दी जाएगी. इससे इन दोनों जिलों के किसानों को अत्यधिक लाभ मिलेगा. बाद में इस योजना को दक्षिण हरियाणा के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा.
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इसके अलावा बैठक में बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत ओडीएफ प्लस की श्रेणी में केंद्र द्वारा तय किए गए मानक पूरे करते हुए 319 गांवों के लक्ष्य के मुकाबले 413 गांव ओडीएफ प्लस हो चुके हैं. बैठक में कई अन्य विभागों की योजनाओं की समीक्षा की गई.