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हरियाणा में सीरो सर्वे का तीसरा चरण शुरू, जानिए क्यों है इस बार खास - अनिल विज सीरो सर्वे

कोरोना की तीसरी वेव (Corona virus third wave) की संभावनाओं को देखते हुए हरियाणा सरकार प्रदेश में सीरो सर्वे (Haryana Sero survey) करवा रही है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (anil vij) ने मंगलवार को सीरो सर्वे के तीसरे दौर की शुरुआत की.

sero survey
haryana sero survey third phase
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Published : Sep 7, 2021, 9:45 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (anil vij) ने मंगलवार को राज्य में कोविड-19 सीरो सर्वेक्षण के तीसरे दौर की शुरुआत की (haryana sero survey third phase). उन्होंने बताया कि इस सर्वे को करने के लिए लगभग 2200 मेडिकल स्टाफ को लगाया गया है. इस सर्वे की रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर पेश कर दी जाएगी. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में कोविड-19 के 15 से नीचे नए मामले आ रहे हैं और वे ऐसा मानते हैं कि हरियाणा जल्द कोविड फ्री स्टेट हो सकता है.

स्वास्थ्य मंत्री ने सीरो सर्वे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीरो सर्वे में यह देखा जाता है कि व्यक्ति के अंदर कितने एंटीबॉडी बन चुके हैं और ये एंटीबॉडी किस प्रकार तैयार हुई. इस सर्वे में ये भी पता लगाया जाएगा कि व्यक्ति के अंदर वैक्सीनेशन के अनुसार एंटीबॉडी तैयार हुई है या कोरोना के संक्रमण के बाद एंटीबॉडी विकसित हुई है. इसी प्रकार, इस सर्वे में यह भी पता लगाया जाएगा कि व्यक्ति के अंदर कोवैक्सीन या कोविशील्ड इत्यादि वैक्सीन के पहली व दूसरी डोज लेने के बाद कितने प्रतिशत एंटीबॉडी तैयार हुई है.

ये भी पढ़ें- तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर ACS ने तीन जिलों के अधिकारियों के साथ की बैठक

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि सीरो सर्वे का पहला दौर अगस्त, 2020 में आयोजित किया गया था. जिसमें कोविड-19 की व्यापकता 8 प्रतिशत पाई गई थी. इसी प्रकार, दूसरा दौर अक्टूबर, 2020 में आयोजित किया गया था जिसमें कोविड-19 की व्यापकता 14.8 प्रतिशत पाई गई थी.

उन्होंने कहा कि यह देश का पहला ऐसा सर्वे होगा जिसमें इन सभी चीजों के आधार पर सर्वे किया जाएगा. ये सीरो सर्वे पिछले किए गए सीरो सर्वे से व्यापक होगा जिसमें 36 हजार 520 सैंपल लिए जाएंगे जबकि पिछले सर्वे में 18 हजार 500 के लगभग सैंपल लिए गए थे. उन्होंने बताया कि इस सर्वे में 6 साल से ऊपर के बच्चों को भी कवर किया जाएगा और ये सर्वे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भी होगा. इस बार किए जा रहे सीरो सर्वे में 6 से 9 साल तक के लगभग 3600 बच्चों, 10 से 17 साल की आयु तक के 11 हजार और 18 साल से ऊपर के 22 हजार लोगों को शामिल किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में स्क्रब टाइफस का सता रहा डर, जानें इसके लक्षण व बचाव

इस सर्वे में कुल सैम्पल का 60 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र व 40 प्रतिशत शहरी क्षेत्र के लोगों का अनुपात होगा. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब तक हरियाणा में लगभग 1.73 करोड़ पात्र लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है और हम लगभग अपने लक्ष्य के नजदीक हैं क्योंकि वैक्सीनेशन ही एकमात्र कोरोना संक्रमण से बचाव का कवच है. राज्य के सभी लेागों को वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है ताकि संभावित तीसरी लहर से लोगों को बचाया जा सके. यदि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आती है तो वह इतनी खतरनाक नहीं होगी.

क्या होता है सीरो सर्वे?

सीरो सर्वे की मदद से ये पता लगाया जाता है कि कितने लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं और कितने लोग इससे ठीक हो गए हैं. इसे सेरोलॉजी टेस्ट (Serology Test) के जरिए किया जाता है. इस टेस्ट में व्यक्ति के शरीर में खास संक्रमण के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडीज (Anti Bodies) की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. ये बताता है कि कितनी फीसदी जनसंख्या वायरस की चपेट में आई है.

ये भी पढ़ें- इस राज्य में बढ़ी कोरोना संक्रमण की दर, सीरो सर्वे का फोकस बच्चों पर

दूसरा, कौन से ग्रुप में वायरस के लक्षण ज्यादा पाए गए हैं. यही वजह है कि इस सर्वे को बाकी सर्वे से अलग बनाता है. इसमें ये पता चलेगा कि शहर की कितनी आबादी कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हुई. किस आयु वर्ग या क्षेत्र में सबसे ज्यादा वायरस का प्रभाव रहा, ये भी सामने आएगा.

चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (anil vij) ने मंगलवार को राज्य में कोविड-19 सीरो सर्वेक्षण के तीसरे दौर की शुरुआत की (haryana sero survey third phase). उन्होंने बताया कि इस सर्वे को करने के लिए लगभग 2200 मेडिकल स्टाफ को लगाया गया है. इस सर्वे की रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर पेश कर दी जाएगी. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में कोविड-19 के 15 से नीचे नए मामले आ रहे हैं और वे ऐसा मानते हैं कि हरियाणा जल्द कोविड फ्री स्टेट हो सकता है.

स्वास्थ्य मंत्री ने सीरो सर्वे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीरो सर्वे में यह देखा जाता है कि व्यक्ति के अंदर कितने एंटीबॉडी बन चुके हैं और ये एंटीबॉडी किस प्रकार तैयार हुई. इस सर्वे में ये भी पता लगाया जाएगा कि व्यक्ति के अंदर वैक्सीनेशन के अनुसार एंटीबॉडी तैयार हुई है या कोरोना के संक्रमण के बाद एंटीबॉडी विकसित हुई है. इसी प्रकार, इस सर्वे में यह भी पता लगाया जाएगा कि व्यक्ति के अंदर कोवैक्सीन या कोविशील्ड इत्यादि वैक्सीन के पहली व दूसरी डोज लेने के बाद कितने प्रतिशत एंटीबॉडी तैयार हुई है.

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स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि सीरो सर्वे का पहला दौर अगस्त, 2020 में आयोजित किया गया था. जिसमें कोविड-19 की व्यापकता 8 प्रतिशत पाई गई थी. इसी प्रकार, दूसरा दौर अक्टूबर, 2020 में आयोजित किया गया था जिसमें कोविड-19 की व्यापकता 14.8 प्रतिशत पाई गई थी.

उन्होंने कहा कि यह देश का पहला ऐसा सर्वे होगा जिसमें इन सभी चीजों के आधार पर सर्वे किया जाएगा. ये सीरो सर्वे पिछले किए गए सीरो सर्वे से व्यापक होगा जिसमें 36 हजार 520 सैंपल लिए जाएंगे जबकि पिछले सर्वे में 18 हजार 500 के लगभग सैंपल लिए गए थे. उन्होंने बताया कि इस सर्वे में 6 साल से ऊपर के बच्चों को भी कवर किया जाएगा और ये सर्वे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भी होगा. इस बार किए जा रहे सीरो सर्वे में 6 से 9 साल तक के लगभग 3600 बच्चों, 10 से 17 साल की आयु तक के 11 हजार और 18 साल से ऊपर के 22 हजार लोगों को शामिल किया जा रहा है.

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इस सर्वे में कुल सैम्पल का 60 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र व 40 प्रतिशत शहरी क्षेत्र के लोगों का अनुपात होगा. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब तक हरियाणा में लगभग 1.73 करोड़ पात्र लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है और हम लगभग अपने लक्ष्य के नजदीक हैं क्योंकि वैक्सीनेशन ही एकमात्र कोरोना संक्रमण से बचाव का कवच है. राज्य के सभी लेागों को वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है ताकि संभावित तीसरी लहर से लोगों को बचाया जा सके. यदि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आती है तो वह इतनी खतरनाक नहीं होगी.

क्या होता है सीरो सर्वे?

सीरो सर्वे की मदद से ये पता लगाया जाता है कि कितने लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं और कितने लोग इससे ठीक हो गए हैं. इसे सेरोलॉजी टेस्ट (Serology Test) के जरिए किया जाता है. इस टेस्ट में व्यक्ति के शरीर में खास संक्रमण के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडीज (Anti Bodies) की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. ये बताता है कि कितनी फीसदी जनसंख्या वायरस की चपेट में आई है.

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दूसरा, कौन से ग्रुप में वायरस के लक्षण ज्यादा पाए गए हैं. यही वजह है कि इस सर्वे को बाकी सर्वे से अलग बनाता है. इसमें ये पता चलेगा कि शहर की कितनी आबादी कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हुई. किस आयु वर्ग या क्षेत्र में सबसे ज्यादा वायरस का प्रभाव रहा, ये भी सामने आएगा.

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