ETV Bharat / state

तेज बहादुर ने दुश्मन मुल्कों को देश की छवि को खराब करने का मौका दिया: केंद्र

बीएसएफ जवान की सीमा पर तैनात जवानों को घटिया खाना परोसे जाने की वीडियो वायरल होने के मामले में केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा कि तेज बहादुर ने जो किया उससे दुश्मन मुल्कों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि खराब करने का मौका मिल गया.

author img

By

Published : Feb 27, 2019, 8:38 PM IST

तेज बहादुर

चंडीगढ़: बीएसएफ जवान की सीमा पर तैनात जवानों को घटिया खाना परोसे जाने की वीडियो वायरल होने के मामले में केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा कि तेज बहादुर ने जो किया उससे दुश्मन मुल्कों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि खराब करने का मौका मिल गया.

वहीं तेज बहादुर ने केंद्र सरकार के इस जवाब पर अपना पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट से समय दिए जाने की अपील की है. हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई सितंबर तक स्थगित कर दी.

एनआईए की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि तेज बहादुर के फेसबुक पर कई पाकिस्तानी दोस्त थे. उसकी तैनाती एलओसी पर थी और ऐसे में सेना के जवान का संवेदनशील इलाके में ड्यूटी के दौरान दुश्मन देश के एफबी मित्रों के संपर्क में रहना बेहद गंभीर विषय है. तेज बहादुर को 14 साल की सजा दी जा सकती थी. हालांकि इससे बहुत कम सजा बर्खास्तगी के रूप में दी गई है. केंद्र ने कहा कि दुश्मन राष्ट्र मौका ढूंढते हैं कि कैसे किसी राष्ट्र की छवि धूमिल की जाए और वह मौका तेज बहादुर ने उन्हें दे दिया.

undefined

वहीं तेज बहादुर ने एडवोकेट एसपी यादव के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि उसने बीएसएफ से वीआरएस के तहत स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति दिए जाने की मांग की थी. पहले उसे इसकी इजाजत दे दी, लेकिन बाद में उसकी वीआरएस के आदेश को रद्द कर उसे सेवा से बिना कोई पूर्व नोटिस दिए ही बर्खास्त कर दिया गया. याचिकाकर्ता ने अक्तूबर 2015 में उन्हें घटिया खाना दिए जाने की सैनिक सम्मेलन जिसे दरबार भी कहा जाता है, में इसकी शिकायत की थी.

दिसंबर 2016 उसका एफडीएल एडम बेस खेत में तबादला कर दिया गया था. यहां जवानों को बेहद घटिया खाना मिलता था. शिकायत करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो याचिकाकर्ता और उसके साथियों ने तय किया कि इस घटिया खाने की वीडियो बना सैनिक सम्मेलन में उच्च अधिकारियों को इसे दिखा उन्हें हालत की जानकारी देंगे, लेकिन उसे पता ही नहीं चला कि कब उसके साथियों ने ये वीडियो उसके फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट कर दिया.

undefined

बता दें कि 23 फरवरी को उसके खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई और 19 अप्रैल को उसकी बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए.
तेज बहादुर की याचिका पर केंद्र ने बताया कि सेना का कोई जवान कभी भूखे पेट नहीं सोता है. न तो याची ने सैनिक सम्मेलन में ये मुद्दा उठाया और न ही किसी सीनियर अधिकारी को शिकायत दी. साथ ही जांच के दौरान याची ने माना था कि उसने ये वीडियो अपलोड़ की है.

चंडीगढ़: बीएसएफ जवान की सीमा पर तैनात जवानों को घटिया खाना परोसे जाने की वीडियो वायरल होने के मामले में केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा कि तेज बहादुर ने जो किया उससे दुश्मन मुल्कों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि खराब करने का मौका मिल गया.

वहीं तेज बहादुर ने केंद्र सरकार के इस जवाब पर अपना पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट से समय दिए जाने की अपील की है. हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई सितंबर तक स्थगित कर दी.

एनआईए की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि तेज बहादुर के फेसबुक पर कई पाकिस्तानी दोस्त थे. उसकी तैनाती एलओसी पर थी और ऐसे में सेना के जवान का संवेदनशील इलाके में ड्यूटी के दौरान दुश्मन देश के एफबी मित्रों के संपर्क में रहना बेहद गंभीर विषय है. तेज बहादुर को 14 साल की सजा दी जा सकती थी. हालांकि इससे बहुत कम सजा बर्खास्तगी के रूप में दी गई है. केंद्र ने कहा कि दुश्मन राष्ट्र मौका ढूंढते हैं कि कैसे किसी राष्ट्र की छवि धूमिल की जाए और वह मौका तेज बहादुर ने उन्हें दे दिया.

undefined

वहीं तेज बहादुर ने एडवोकेट एसपी यादव के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि उसने बीएसएफ से वीआरएस के तहत स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति दिए जाने की मांग की थी. पहले उसे इसकी इजाजत दे दी, लेकिन बाद में उसकी वीआरएस के आदेश को रद्द कर उसे सेवा से बिना कोई पूर्व नोटिस दिए ही बर्खास्त कर दिया गया. याचिकाकर्ता ने अक्तूबर 2015 में उन्हें घटिया खाना दिए जाने की सैनिक सम्मेलन जिसे दरबार भी कहा जाता है, में इसकी शिकायत की थी.

दिसंबर 2016 उसका एफडीएल एडम बेस खेत में तबादला कर दिया गया था. यहां जवानों को बेहद घटिया खाना मिलता था. शिकायत करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो याचिकाकर्ता और उसके साथियों ने तय किया कि इस घटिया खाने की वीडियो बना सैनिक सम्मेलन में उच्च अधिकारियों को इसे दिखा उन्हें हालत की जानकारी देंगे, लेकिन उसे पता ही नहीं चला कि कब उसके साथियों ने ये वीडियो उसके फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट कर दिया.

undefined

बता दें कि 23 फरवरी को उसके खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई और 19 अप्रैल को उसकी बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए.
तेज बहादुर की याचिका पर केंद्र ने बताया कि सेना का कोई जवान कभी भूखे पेट नहीं सोता है. न तो याची ने सैनिक सम्मेलन में ये मुद्दा उठाया और न ही किसी सीनियर अधिकारी को शिकायत दी. साथ ही जांच के दौरान याची ने माना था कि उसने ये वीडियो अपलोड़ की है.

Intro:पाकिस्तान को देश की छवि को खराब करने का मौका दिया तेज बहादुर ने: केंद्र

-तेज बहादुर ने केंद्र के आरोपों पर जवाब देने के लिए मांगा समय 


Body:
चंडीगढ़।

बीएसएफ जवान की सीमा पर तैनात जवानों को घटिया खाना परोसे जाने की वीडियो वायरल होने के मामले में केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा कि तेज बहादुर ने जो किया उससे दुश्मन मुल्कों को अंतरराष्टï्रीय मंच पर देश की छवि खराब करने का मौका मिल गया। तेज बहादुर ने केंद्र सरकार के इस जवाब पर अपना पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट से समय दिए जाने की अपील की है। हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई सितंबर तक स्थगित कर दी। 

एनआईए की रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि तेज बहादुर के फेसबुक पर कई पाकिस्तानी दोस्त थे। उसकी तैनाती एलओसी पर थी और ऐसे में सेना के जवान का संवेदनशील इलाके में ड्यूटी के दौरान दुश्मन देश के एफबी मित्रों के संपर्क में रहना बेहद गंभीर विषय है। तेज बहादुर को 14 साल की सजा दी जा सकती थी। हालांकि इससे बहुत कम सजा बर्खास्तगी के रूप में दी गई है। केंद्र ने कहा कि दुश्मन राष्टï्र मौका ढूंढते हैं कि कैसे किसी राष्टï्र की छवि धूमिल की जाए और वह मौका तेज बहादुर ने उन्हें दे दिया। तेज बहादुर ने एडवोकेट एसपी यादव के जरिये हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि उसने बीएसएफ से वीआरएस के तहत स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति दिए जाने की मांग की थी। पहले उसे इसकी इजाजत दे दी लेकिन बाद में उसकी वीआरएस के आदेश को रद्द कर उसे सेवा से बिना कोई पूर्व नोटिस दिए ही बर्खास्त कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने अक्तूबर 2015 में उन्हें घटिया खाना दिए जाने की सैनिक सम्मेलन जिसे दरबार भी कहा जाता है, में इसकी शिकायत की थी। दिसंबर 2016 उसका एफडीएल एडम बेस खेत में तबादला कर दिया गया था। यहां जवानों को बेहद घटिया खाना मिलता था। शिकायत करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो याचिकाकर्ता और उसके साथियों ने तय किया कि इस घटिया खाने की वीडियो बना सैनिक सम्मेलन में उच्च अधिकारियों को इसे दिखा उन्हें हालत की जानकारी देंगे लेकिन उसे पता ही नहीं चला कि कब उसके साथियों ने यह वीडियो उसके फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट कर दिया। 23 फरवरी को उसके खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई और 19 अप्रैल को उसकी बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए। तेज बहादुर की याचिका पर केंद्र ने बताया कि सेना का कोई जवान कभी भूखे पेट नहीं सोता है। न तो याची ने सैनिक सम्मेलन में यह मुद्दा उठाया और न ही किसी सीनियर अधिकारी को शिकायत दी। साथ ही जांच के दौरान याची ने माना था कि उसने यह वीडियो अपलोड़ की है। 




Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.