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घर में स्वास्तिक बनाने से हर परेशानी से मिलेगा छुटकारा, जानिए इसका महत्व और बनाने का सही तरीका

Swastik symbol : भारतीय संस्कृति में स्वास्तिक को बहुत ही शुभ माना जाता है. इसे सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना गया है. जब भी हम कोई शुभ काम करते हैं तो स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है. आखिर क्या है स्वास्तिक चिन्ह. क्या है इसका महत्व और इसको घर में बनाने से आपको किस तरह से मिलता है फायदा. साथ ही इसे किस तरह से घर में बनाना चाहिए. आइए आपको बताते हैं.

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घर में स्वास्तिक बनाने से हर परेशानी से मिलेगा छुटकारा, जानिए इसका महत्व और बनाने का सही तरीका
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 12, 2023, 6:00 PM IST

Updated : Nov 12, 2023, 6:05 PM IST

चंडीगढ़ : स्वास्तिक का हिंदू धर्म में काफी ज्यादा महत्व है. वैसे तो हिंदू धर्म में कई सारे ऐसे चिन्ह हैं, जिनको काफी ज्यादा शुभ माना जाता है. लेकिन स्वास्तिक का सबसे ज्यादा महत्व है. हर शुभ काम की शुरुआत स्वास्तिक से होती है. किसी भी शुभ काम को करते वक्त स्वास्तिक बनाना शुभ माना गया है. कहा जाता है कि इसके बिना पूजा का शुभारंभ नहीं होता.

स्वास्तिक क्या होता है ? : स्वास्तिक का मतलब होता है अच्छा या मंगल करने वाला. क्या आप स्वास्तिक की सबसे अच्छी बात जानते हैं. स्वास्तिक जिस भी घर की दिशा में बनाया जाता है, वहां की सकारात्मक ऊर्जा 100 फीसदी तक बढ़ जाती है. इसे सौभाग्य का भी सूचक माना गया है. हिंदू धर्म के शास्त्रों के मुताबिक स्वास्तिक के चिन्ह को भगवान विष्णु का आसन और मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. स्वास्तिक का चिन्ह घर में बनाने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है और सभी नकारात्मक शक्तियां घर से दूर हो जाती है.

ग्रह-दोष होते हैं दूर : स्वास्तिक के बारे में कहा जाता है कि प्राचीन काल में ऋषि, मुनियों ने अपने आध्यात्म के आधार पर मंगल भाव को प्रकट करने के लिए और जीवन में खुशियां लाने के लिए चिन्हों को प्रकट किया था. स्वास्तिक को भी उन्हीं चिन्हों में से एक माना गया है. अगर आपको ग्रहों का दोष सता रहा हो तो स्वास्तिक का चिन्ह इसे दूर कर सकता है. इसे चंदन, कुमकुम या सिंदूर से बनाने पर ग्रहों का दोष दूर हो जाता है. घर में स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से सुख-समृद्धि के शुभ संयोग भी बनते हैं. इसके अलावा कहा जाता है कि घर में स्वास्तिक बनाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और धन लाभ का योग भी बनता है.

सौभाग्य का सूचक स्वास्तिक : स्वास्तिक को सौभाग्य का सूचक माना गया है. हिंदू धर्म में इसे घरों के दरवाज़े और घर के अंदर कई जगहों पर बनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जिस भी घर में पूजा के वक्त स्वास्तिक का शुभ चिन्ह बनाया जाता है, उस घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और साथ ही परिवार में ढेरों खुशियां आती है. इसी वजह से किसी भी काम या पूजा की शुरुआत करने से पहले स्वास्तिक बनाने का चलन है. किसी भी मांगलिक काम के दौरान जब स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है तो उसके साथ शुभ लाभ भी लिखा जाता है. शुभ का मतलब है अच्छा और लाभ का मतलब होता है फायदा. ऐसा माना जाता है कि घर के बाहर शुभ लाभ लिखने पर परिवार में सुख, समृद्धि आती है और हर तरह के कष्टों का निवारण होता है.

बुरे सपनों से बचाता है स्वास्तिक : वास्तु शास्त्र में भी स्वास्तिक को काफी ज्यादा शुभ माना गया है. जिस भी घर में स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है वहां धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती. जिस घर में स्वास्तिक होता है, वहां देवी-देवताओं का प्रवेश होता है और इसके साथ ही सुख-समृद्धि का वास होता है. कहा जाता है कि स्वास्तिक को बनाने से घर में शांति भी आती है. वहीं तर्जनी उंगली में स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से या स्वास्तिक चिन्ह वाली अंगूठी पहनने से अच्छी नींद आती है और अगर आपको बुरे सपने आते हैं तो वो भी आने बंद हो जाते हैं.

स्वास्तिक कैसे बनाएं ? : ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक स्वास्तिक बनाने का तरीका काफी ज्यादा अहम होता है. गलत तरीके से बनाए गए स्वास्तिक का लाभ 100 प्रतिशत नहीं होता. ज्यादातर लोग इस बात को नहीं जानते हैं. इसे सही तरह से बनाना जरूरी है. स्वास्तिक बनाते वक्त इस बात का ख़ासा ख्याल रखें कि इसे क्रॉस करके ना बनाएं. सबसे पहले दाएं वाला हिस्सा बनाना चाहिए, फिर बायां हिस्सा. इस तरह से बने स्वास्तिक को ही सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है.

ये भी पढ़ें : घर से दरिद्रता होगी दूर दीपावली के दिन सबसे पहले जलाएं ये दीप, सुख और समृद्धि के लिए जलाएं इतने दीये

चंडीगढ़ : स्वास्तिक का हिंदू धर्म में काफी ज्यादा महत्व है. वैसे तो हिंदू धर्म में कई सारे ऐसे चिन्ह हैं, जिनको काफी ज्यादा शुभ माना जाता है. लेकिन स्वास्तिक का सबसे ज्यादा महत्व है. हर शुभ काम की शुरुआत स्वास्तिक से होती है. किसी भी शुभ काम को करते वक्त स्वास्तिक बनाना शुभ माना गया है. कहा जाता है कि इसके बिना पूजा का शुभारंभ नहीं होता.

स्वास्तिक क्या होता है ? : स्वास्तिक का मतलब होता है अच्छा या मंगल करने वाला. क्या आप स्वास्तिक की सबसे अच्छी बात जानते हैं. स्वास्तिक जिस भी घर की दिशा में बनाया जाता है, वहां की सकारात्मक ऊर्जा 100 फीसदी तक बढ़ जाती है. इसे सौभाग्य का भी सूचक माना गया है. हिंदू धर्म के शास्त्रों के मुताबिक स्वास्तिक के चिन्ह को भगवान विष्णु का आसन और मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. स्वास्तिक का चिन्ह घर में बनाने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है और सभी नकारात्मक शक्तियां घर से दूर हो जाती है.

ग्रह-दोष होते हैं दूर : स्वास्तिक के बारे में कहा जाता है कि प्राचीन काल में ऋषि, मुनियों ने अपने आध्यात्म के आधार पर मंगल भाव को प्रकट करने के लिए और जीवन में खुशियां लाने के लिए चिन्हों को प्रकट किया था. स्वास्तिक को भी उन्हीं चिन्हों में से एक माना गया है. अगर आपको ग्रहों का दोष सता रहा हो तो स्वास्तिक का चिन्ह इसे दूर कर सकता है. इसे चंदन, कुमकुम या सिंदूर से बनाने पर ग्रहों का दोष दूर हो जाता है. घर में स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से सुख-समृद्धि के शुभ संयोग भी बनते हैं. इसके अलावा कहा जाता है कि घर में स्वास्तिक बनाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और धन लाभ का योग भी बनता है.

सौभाग्य का सूचक स्वास्तिक : स्वास्तिक को सौभाग्य का सूचक माना गया है. हिंदू धर्म में इसे घरों के दरवाज़े और घर के अंदर कई जगहों पर बनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जिस भी घर में पूजा के वक्त स्वास्तिक का शुभ चिन्ह बनाया जाता है, उस घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और साथ ही परिवार में ढेरों खुशियां आती है. इसी वजह से किसी भी काम या पूजा की शुरुआत करने से पहले स्वास्तिक बनाने का चलन है. किसी भी मांगलिक काम के दौरान जब स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है तो उसके साथ शुभ लाभ भी लिखा जाता है. शुभ का मतलब है अच्छा और लाभ का मतलब होता है फायदा. ऐसा माना जाता है कि घर के बाहर शुभ लाभ लिखने पर परिवार में सुख, समृद्धि आती है और हर तरह के कष्टों का निवारण होता है.

बुरे सपनों से बचाता है स्वास्तिक : वास्तु शास्त्र में भी स्वास्तिक को काफी ज्यादा शुभ माना गया है. जिस भी घर में स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है वहां धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती. जिस घर में स्वास्तिक होता है, वहां देवी-देवताओं का प्रवेश होता है और इसके साथ ही सुख-समृद्धि का वास होता है. कहा जाता है कि स्वास्तिक को बनाने से घर में शांति भी आती है. वहीं तर्जनी उंगली में स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से या स्वास्तिक चिन्ह वाली अंगूठी पहनने से अच्छी नींद आती है और अगर आपको बुरे सपने आते हैं तो वो भी आने बंद हो जाते हैं.

स्वास्तिक कैसे बनाएं ? : ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक स्वास्तिक बनाने का तरीका काफी ज्यादा अहम होता है. गलत तरीके से बनाए गए स्वास्तिक का लाभ 100 प्रतिशत नहीं होता. ज्यादातर लोग इस बात को नहीं जानते हैं. इसे सही तरह से बनाना जरूरी है. स्वास्तिक बनाते वक्त इस बात का ख़ासा ख्याल रखें कि इसे क्रॉस करके ना बनाएं. सबसे पहले दाएं वाला हिस्सा बनाना चाहिए, फिर बायां हिस्सा. इस तरह से बने स्वास्तिक को ही सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है.

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Last Updated : Nov 12, 2023, 6:05 PM IST
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