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Cyber Crime in Haryana: साइबर ठगों से रहें सावधान! हैकर्स की नजर है आप पर, इस नंबर पर रिपोर्ट कर बचाएं अपने पैसे

इन दिनों हरियाणा में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए क्राइम ब्रांच ने 1930 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा (State Crime Branch Haryana) ने साइबर शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करते हुए मात्र 3 दिन में 9 लाख 80 हजार रुपये बचाये हैं. (cyber crime in haryana)

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Published : Dec 7, 2022, 9:08 AM IST

Updated : Dec 10, 2022, 12:51 PM IST

चंडीगढ़: साइबर की दुनिया से वर्तमान में कोई अछूता नहीं है. जहां इंटरनेट छात्रों के लिए वरदान साबित हुआ है. वहीं दुनिया के किसी भी कोने में बैठे परिवार संग जुड़ने का आसान तरीका भी बना है. इंटरनेट का आम जिन्दगी में दखल कुछ यूं हुआ है कि इसके बिना रोजमर्रा के (Increasing cases of cybercrime) काम भी मुश्किल लगने लगे हैं. घर बैठे कुछ खरीदना हो या ऑनलाइन खाना मंगवाना हो यहां तक कि दुनिया में किसी भी समय किसी से भी बात करनी हो तो मोबाइल फोन में सब समाधान हैं. लेकिन अगर आप एंड्रॉयड फोन के जरिए नेट बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है.

साइबर क्राइम ब्रांच ने बचाए 9 लाख 80 हजार रुपये- इसी के साथ ही बैंकिंग प्रणाली भी बैंक से दूर एक छोटे से फोन में सिमट कर रह गई, लेकिन इसी आधुनिकता ने अपराधियों को भी इसी दुनिया में खींच लिया है. भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गई साइबर हेल्पलाइन 1930 इन्हीं अपराधियों के हौसले को ध्वस्त करने का कार्य कर रही है. प्रदेश की स्टेट साइबर नोडल एजेंसी, स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा ने (State Crime Branch Haryana) साइबर शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करते हुए मात्र 3 दिन में 9 लाख 80 हजार रुपये बचाये हैं.

साइबर हेल्पलाइन नंबर- 1930 करेगा आपकी मदद- दरअसल पुलिस प्रवक्ता ने इस जानकारी देते हुए बताया कि अक्तूबर माह को साइबर जागरूकता माह के तौर पर मनाया गया था. जिसकी थीम सी योरसेल्फ इन साइबर (see yourself in cyber) थी. अक्टूबर महीने में प्रदेश के सभी जिलों में तकरीबन 3300 साइबर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. जिसके कारण आम जनता में साइबर अपराधों के प्रति समझ और साइबर हेल्पलाइन 1930 के (Cyber Helpline Number 1930) बारे में जागरूकता आई थी. उसी का नतीजा है कि अब साइबर अपराध होते ही शिकायत तुरंत हेल्पलाइन पर दी जाती है और पुलिस खाते को फ्रीज कर पैसे लौटा देती है.

कैथल में साइबर क्राइम- वहीं, प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को हेल्पलाइन पर शिकायत प्राप्त हुई जिसमें कैथल निवासी शिकायतकर्ता सतनाम सिंह ने बताया कि उसके पास कनाडा से एक अनजान फोन (cyber crime in kaithal) आया. फोन करने वाले ने दूर का रिश्तेदार बनकर शिकायतकर्ता को बातों में लिया और मदद के नाम पर पैसे मांगे. इमरजेंसी का डर दिखाकर सतनाम सिंह से साइबर ठगों ने 3 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए. जैसे ही शिकायतकर्ता को ठगी का पता चला. (cyber department issues advisory)

उसने तुरंत शिकायत साइबर हेल्पलाइन पर दी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने खाता फ्रीज कर 2.86 लाख रुपये बचाये. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह की मोडस ऑपरेंडी में इमरजेंसी के नाम पर डराया जाता है और पीडि़त को बातों में लेकर मदद के नाम उगाही कर ली जाती है. इसके बारे में कई बार जनता को आगाह भी किया गया है कि ऐसी कॉल से सावधान रहें और बातों में न आएं.

साइबर ठगों के निशाने पर फरीदाबाद- उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सामान खरीदने पर इतने ऑफर आ रहे हैं कि सामान्य जनता ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए आकर्षित हो ही जाती है और साइबर (cyber crime in faridabad) अपराधी ऐसे ही झूठे प्रलोभनों का फायदा उठाते हैं. उन्होंने बताया कि 1930 पर पुलिस को फरीदाबाद निवासी अर्जुन से शिकायत प्राप्त हुई कि उसे नया फोन खरीदना था. नया फोन खरीदने के लिए उसने गूगल पर एक सस्ता ऑफर देखा और उस नंबर पर संपर्क किया.

बात करने पर साइबर ठगों ने उसे बातों में ले फोन की बुकिंग के नाम पर उसकी संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर ली. सस्ता फ़ोन देने के चक्कर में साइबर ठगों ने पीड़ित से एक लाख एक हजार रुपये की ठगी की. ठगी समझ आते ही तुरंत उसने अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन पर दी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तुरंत सारे रुपए फ्रीज किये और पीड़ि को वापस लौटाएं.

हिसार में भी साइबर ठगों का अटैक- प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को हिसार निवासी बाला राम से शिकायत प्राप्त हुई कि वह एक रिटायर्ड गार्डनर है. उसे ऑनलाइन बैंकिंग का ज्यादा ज्ञान नहीं है. उसके पास अनजान नंबर से कॉल आई और उसने बातों-बातों में भरोसा बनाया और मेरे खाते की सारी जानकारी ले ली. थोड़ी देर बाद मैसेज आये तो पता चला कि खाते से तकऱीबन 2.30 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं. (cyber crime in haryana)

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी ट्रांजेक्शन को रोका और पीड़ित के सारे रुपए वापस करवाए. प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार इस बाबत बहुत संवेदनशील है और लोगों को जागरूक कर रही है कि अपने खाते कि जानकारी किसी से ना शेयर करें और न ही किसी को ओटीपी दें.

साइबर ठगों का शिकार होते-होते बचा कुरुक्षेत्र निवासी- प्रवक्ता ने जानकारी दी कि साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत प्राप्त हुई कि कुरुक्षेत्र निवासी मामराज मिश्रा ने टाटा के इलेक्ट्रिक व्हीकल की डीलरशिप के लिए संपर्क किया था. डीलरशिप की कागजी कार्रवाई के बाद उसने अलग-अलग मौकों पर 10 दिन में तकरीबन 30 लाख रुपए दे दिए थे. काफी समय बीतने के बाद भी जब डीलरशिप नहीं प्राप्त हुई तो पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ और उसने तुरंत अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दी. पुलिस ने खातों की जांच की और तुरंत 3.10 लाख रुपए बचाने में सफलता हासिल की. केस दर्ज कर पुलिस ने आगे कार्रवाई शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: साइबर क्राइम इन रेवाड़ी: एनीडेस्क एप डाउनलोड करा वारदात को दिया अंजाम, ओटीपी बताते ही निकाले 76 हजार

गुरुग्राम में भी साइबर ठगों का झांसा- वहीं, जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि ठगों ने अब ज्योतिषियों के नाम पर भी ठगी करनी शुरू कर दी है. गुरुग्राम निवासी अर्जुन ने अपनी शिकायत देते हुए बताया कि उसने वशीकरण की सुविधा के लिए ऑनलाइन नंबर ढूंढा था. साइबर ठग ने बातों में उलझा कर पीड़ित (cyber crime in gurugram) से 54 हजार रुपये की ठगी की. उसे तुरंत इसकी जानकारी साइबर हेल्पलाइन पर दी जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सारे रुपये पीड़ित को लौटा दिए.

ये भी पढ़ें- मौजूदा एम्पैनल्ड अधिकारियों को सौंपी जाएगी ग्रुप ए और बी अधिकारियों के मामलों की जांच

अतिरिक्त पुलिस, महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि ऑनलाइन दुनिया में अत्यधिक जानकारी का उपलब्ध होना भी अपने आप में एक समस्या है. ऑनलाइन दुनिया में सब कुछ आसानी से उपलब्ध होने के कारण आमजन सही और गलत में भेद नहीं कर पाते हैं. गूगल पर सस्ती और आकर्षित सुविधाएं देने के नाम पर लोग ठगी का शिकार होते हैं. प्रदेश में जनता के लिए साइबर जागरूकता कार्यक्रम को साइबर अपराध के प्रति जानकारी दी जा रही है. इसी कारण से साइबर हेल्पलाइन 1930 पर आने वाली शिकायतों की दर बढ़ गई है और इसी कारण से हम पैसे बचाने में अब कामयाब हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें- गैंगस्टर राजू ठेहट हत्याकांड में नहीं लेडी डॉन का हाथ, बोली- काला जठेड़ी ने नहीं ली दुश्मन देश से मदद

चंडीगढ़: साइबर की दुनिया से वर्तमान में कोई अछूता नहीं है. जहां इंटरनेट छात्रों के लिए वरदान साबित हुआ है. वहीं दुनिया के किसी भी कोने में बैठे परिवार संग जुड़ने का आसान तरीका भी बना है. इंटरनेट का आम जिन्दगी में दखल कुछ यूं हुआ है कि इसके बिना रोजमर्रा के (Increasing cases of cybercrime) काम भी मुश्किल लगने लगे हैं. घर बैठे कुछ खरीदना हो या ऑनलाइन खाना मंगवाना हो यहां तक कि दुनिया में किसी भी समय किसी से भी बात करनी हो तो मोबाइल फोन में सब समाधान हैं. लेकिन अगर आप एंड्रॉयड फोन के जरिए नेट बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है.

साइबर क्राइम ब्रांच ने बचाए 9 लाख 80 हजार रुपये- इसी के साथ ही बैंकिंग प्रणाली भी बैंक से दूर एक छोटे से फोन में सिमट कर रह गई, लेकिन इसी आधुनिकता ने अपराधियों को भी इसी दुनिया में खींच लिया है. भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गई साइबर हेल्पलाइन 1930 इन्हीं अपराधियों के हौसले को ध्वस्त करने का कार्य कर रही है. प्रदेश की स्टेट साइबर नोडल एजेंसी, स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा ने (State Crime Branch Haryana) साइबर शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करते हुए मात्र 3 दिन में 9 लाख 80 हजार रुपये बचाये हैं.

साइबर हेल्पलाइन नंबर- 1930 करेगा आपकी मदद- दरअसल पुलिस प्रवक्ता ने इस जानकारी देते हुए बताया कि अक्तूबर माह को साइबर जागरूकता माह के तौर पर मनाया गया था. जिसकी थीम सी योरसेल्फ इन साइबर (see yourself in cyber) थी. अक्टूबर महीने में प्रदेश के सभी जिलों में तकरीबन 3300 साइबर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. जिसके कारण आम जनता में साइबर अपराधों के प्रति समझ और साइबर हेल्पलाइन 1930 के (Cyber Helpline Number 1930) बारे में जागरूकता आई थी. उसी का नतीजा है कि अब साइबर अपराध होते ही शिकायत तुरंत हेल्पलाइन पर दी जाती है और पुलिस खाते को फ्रीज कर पैसे लौटा देती है.

कैथल में साइबर क्राइम- वहीं, प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को हेल्पलाइन पर शिकायत प्राप्त हुई जिसमें कैथल निवासी शिकायतकर्ता सतनाम सिंह ने बताया कि उसके पास कनाडा से एक अनजान फोन (cyber crime in kaithal) आया. फोन करने वाले ने दूर का रिश्तेदार बनकर शिकायतकर्ता को बातों में लिया और मदद के नाम पर पैसे मांगे. इमरजेंसी का डर दिखाकर सतनाम सिंह से साइबर ठगों ने 3 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए. जैसे ही शिकायतकर्ता को ठगी का पता चला. (cyber department issues advisory)

उसने तुरंत शिकायत साइबर हेल्पलाइन पर दी. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने खाता फ्रीज कर 2.86 लाख रुपये बचाये. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस तरह की मोडस ऑपरेंडी में इमरजेंसी के नाम पर डराया जाता है और पीडि़त को बातों में लेकर मदद के नाम उगाही कर ली जाती है. इसके बारे में कई बार जनता को आगाह भी किया गया है कि ऐसी कॉल से सावधान रहें और बातों में न आएं.

साइबर ठगों के निशाने पर फरीदाबाद- उन्होंने बताया कि ऑनलाइन सामान खरीदने पर इतने ऑफर आ रहे हैं कि सामान्य जनता ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए आकर्षित हो ही जाती है और साइबर (cyber crime in faridabad) अपराधी ऐसे ही झूठे प्रलोभनों का फायदा उठाते हैं. उन्होंने बताया कि 1930 पर पुलिस को फरीदाबाद निवासी अर्जुन से शिकायत प्राप्त हुई कि उसे नया फोन खरीदना था. नया फोन खरीदने के लिए उसने गूगल पर एक सस्ता ऑफर देखा और उस नंबर पर संपर्क किया.

बात करने पर साइबर ठगों ने उसे बातों में ले फोन की बुकिंग के नाम पर उसकी संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर ली. सस्ता फ़ोन देने के चक्कर में साइबर ठगों ने पीड़ित से एक लाख एक हजार रुपये की ठगी की. ठगी समझ आते ही तुरंत उसने अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन पर दी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तुरंत सारे रुपए फ्रीज किये और पीड़ि को वापस लौटाएं.

हिसार में भी साइबर ठगों का अटैक- प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस को हिसार निवासी बाला राम से शिकायत प्राप्त हुई कि वह एक रिटायर्ड गार्डनर है. उसे ऑनलाइन बैंकिंग का ज्यादा ज्ञान नहीं है. उसके पास अनजान नंबर से कॉल आई और उसने बातों-बातों में भरोसा बनाया और मेरे खाते की सारी जानकारी ले ली. थोड़ी देर बाद मैसेज आये तो पता चला कि खाते से तकऱीबन 2.30 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं. (cyber crime in haryana)

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी ट्रांजेक्शन को रोका और पीड़ित के सारे रुपए वापस करवाए. प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार इस बाबत बहुत संवेदनशील है और लोगों को जागरूक कर रही है कि अपने खाते कि जानकारी किसी से ना शेयर करें और न ही किसी को ओटीपी दें.

साइबर ठगों का शिकार होते-होते बचा कुरुक्षेत्र निवासी- प्रवक्ता ने जानकारी दी कि साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत प्राप्त हुई कि कुरुक्षेत्र निवासी मामराज मिश्रा ने टाटा के इलेक्ट्रिक व्हीकल की डीलरशिप के लिए संपर्क किया था. डीलरशिप की कागजी कार्रवाई के बाद उसने अलग-अलग मौकों पर 10 दिन में तकरीबन 30 लाख रुपए दे दिए थे. काफी समय बीतने के बाद भी जब डीलरशिप नहीं प्राप्त हुई तो पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ और उसने तुरंत अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दी. पुलिस ने खातों की जांच की और तुरंत 3.10 लाख रुपए बचाने में सफलता हासिल की. केस दर्ज कर पुलिस ने आगे कार्रवाई शुरू कर दी है.

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गुरुग्राम में भी साइबर ठगों का झांसा- वहीं, जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि ठगों ने अब ज्योतिषियों के नाम पर भी ठगी करनी शुरू कर दी है. गुरुग्राम निवासी अर्जुन ने अपनी शिकायत देते हुए बताया कि उसने वशीकरण की सुविधा के लिए ऑनलाइन नंबर ढूंढा था. साइबर ठग ने बातों में उलझा कर पीड़ित (cyber crime in gurugram) से 54 हजार रुपये की ठगी की. उसे तुरंत इसकी जानकारी साइबर हेल्पलाइन पर दी जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सारे रुपये पीड़ित को लौटा दिए.

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अतिरिक्त पुलिस, महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि ऑनलाइन दुनिया में अत्यधिक जानकारी का उपलब्ध होना भी अपने आप में एक समस्या है. ऑनलाइन दुनिया में सब कुछ आसानी से उपलब्ध होने के कारण आमजन सही और गलत में भेद नहीं कर पाते हैं. गूगल पर सस्ती और आकर्षित सुविधाएं देने के नाम पर लोग ठगी का शिकार होते हैं. प्रदेश में जनता के लिए साइबर जागरूकता कार्यक्रम को साइबर अपराध के प्रति जानकारी दी जा रही है. इसी कारण से साइबर हेल्पलाइन 1930 पर आने वाली शिकायतों की दर बढ़ गई है और इसी कारण से हम पैसे बचाने में अब कामयाब हो रहे हैं.

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Last Updated : Dec 10, 2022, 12:51 PM IST
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