चंडीगढ़/हिमाचल प्रदेश: बीते दिन हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी पुलिस ने मंडी शहर में डुप्लीकेट एटीएम बनाकर ठगी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इनसे पुलिस को अभी तक 2 स्कीमिंग डिवाईस, 7 सिम कार्ड, 3 मोबाईल फोन, 25 एटीएम कार्ड और 2 लाख 89 हजार की नकदी बरामद हुई है. एटीएम क्लोनिंग के जरिए ठगी करने वाला ये गिरोह उत्तर भारत के सात राज्यों में सक्रिय था.
हैरान करने वाली बात यह भी है कि इसे अंजाम देने वाले सभी युवा 20 वर्ष से भी कम उम्र के हैं. यह खुलासे आज एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने आयोजित पत्रकार वार्ता में किए. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह तीनों युवा बीती 28 जनवरी को पठानकोट से होते हुए मंडी आए थे और यहां एक होटल में रूके हुए थे. जांच में ये भी पता चला है कि 31 जनवरी और 1 फरवरी को यह कुल्लू भी गए थे.
शातिरों नें सॉफ्टवेयर की मदद से स्कीमिंग डिवाइस बनाए
पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि इन युवाओं ने किसी सॉफ्टवेयर की मदद से स्कीमिंग डिवाइस बनाए हैं. जिनके पास जीएसएम चिप वाले एटीएम नहीं हैं यह उन्हीं को अपना शिकार बना रहे हैं. एटीएम रूम में पहले से अपनी मौजूदगी रखते हुए यह युवा मदद के बहाने से एटीएम को लेकर उसे स्कैन कर देते हैं और चुपके से उसका पिन भी देख लेते हैं.
उसके बाद यह उसका डुप्लीकेट एटीएम यानी एटीएम क्लोनिंग के जरिए ठगी को अंजाम देते हैं. मंडी जिला में अभी तक ऐसी दो शिकायतें आई हैं. जिनपर पुलिस कार्रवाई कर रही है. इनके निशाने पर हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ओपरेटिव बैंक के ही एटीएम थे. इसमें मंडी और सुंदरनगर के एटीएम मुख्य रूप से शामिल हैं.
डेमो वीडियो बनाकर लोगों को किया जाएगा जागरूक
पुलिस पूछताछ में अभी तक इन युवाओं ने खुद को हरियाणा का रहने वाला बताया है और यह भी बताया कि इनकी यह ठगी जम्मू कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में चल रही थी. हिमाचल में अभी इनका आगमन हुआ ही था कि पुलिस ने इन्हें धर दबोचा है.
शालिनी अग्निहोत्री ने लोगों से अपील की है कि वह किसी भी अंजान व्यक्ति को अपना एटीएम न दें और न ही पिन बताएं. उन्होंने कहा कि यह युवा किस तरह से धोखाधड़ी कर रहे थे. उसको लेकर पूरा एक डैमो वीडियो बनाकर लोगों को इस फ्रॉड के प्रति जागरूक किया जाएगा.
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