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हरियाणा की महिला रणजी टीम का हिस्सा बनीं बागपत की सिमरन, गांव पहुंचने पर जश्न

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मंगलवार को जश्न का माहौल था. सभी लोग गांव की बेटी सिमरन का स्वागत करने को उत्सुक थे. सिमरन हरियाणा की रणजी टीम का हिस्सा बन चुकी हैं. वह हरियाणा से खेलकर गांव वापस आई थीं.

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हरियाणा की महिला रणजी टीम का हिस्सा बनीं बागपत की सिमरन
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Published : Mar 30, 2021, 9:50 PM IST

बागपतः होनहार बिरवान के होत चिकने पात. इस पुरानी कहावत को सही साबित किया है बागपत की सिमरन ने. जिले का एक छोटा सा मुस्लिम बाहुल्य गांव असारा 13 वर्ष पहले अचानक उस वक्त चर्चा में आ गया था, जब एक खाप पंचायत ने लड़कियों के जीन्स पहनने पर पाबंदी लगाने का फरमान सुना दिया था. अब 13 साल बाद सिमरन के इस्तकबाल में इसी असारा गांव ने पलक-पांवड़े बिछा दिए और हर गांववासी ने सिमरन का खुलकर स्वागत किया.

रणजी टीम का हिस्सा बनने पर खुशी की लहर
सिमरन हरियाणा की महिला रणजी टीम का अहम हिस्सा हैं. वह मंगलवार को हरियाणा से गांव पहुंचीं तो उनका जमकर स्वागत किया गया. उनका कुछ समय पहले ही चयन हरियाणा की महिला रणजी क्रिकेट टीम में हुआ है. वह टीम में ऑलराउंडर की हैसियत से खेलती हैं.

हरियाणा की महिला रणजी टीम का हिस्सा बनीं बागपत की सिमरन

बचपन से शौक
बागपत के मुस्लिम बाहुल्य गांव की बेटी सिमरन को बचपन से ही खेलने का शौक था. उसने अपने गांव के इंटर कॉलेज में आयोजित एक दौड़ प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया. इस दौड़ में छात्र और छात्राओं की दौड़ एक साथ थी. सिमरन ने सभी को पछाड़ते हुए प्रथम स्थान हासिल किया. यहीं से सिमरन के मन में खेल के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना अंगड़ाई लेने लगा. सिमरन बताती हैं कि वह टेनिस स्टार सानिया मिर्जा से बहुत प्रभावित थीं और टेनिस ही खेलना चाहती थीं लेकिन गांव में टेनिस खेलने की कोई सुविधा नहीं थी. तब सिमरन ने क्रिकेट की तरफ रुख किया. सिमरन गांव के कॉलेज की फील्ड पर पसीना बहाने लगीं. इसके बाद सिमरन को डॉ. मुन्ना नाम के कोच मिले और सिमरन का क्रिकेट का सफर शुरू हो गया. जबर्दस्त मेहनत के बाद सिमरन का चयन हरियाणा महिला रणजी क्रिकेट टीम में हो गया. सिमरन ने टीम में ऑलराउंडर की हैसियत से खेलना शुरू किया और आज सिमरन हरियाणा की महिला रणजी टीम का अहम हिस्सा हैं.

ये भी पढ़िए: पानीपत नेशनल हाईवे पर राकेश टिकैत और गुरनाम चढूनी की टीम के बीच हुआ क्रिकेट मैच

कठिन संघर्ष से मंजिल
आज की क्रिकेट स्टार सिमरन को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा. परिवार की माली हालत काफी खस्ता होने के कारण सिमरन को कई-कई किलोमीटर पैदल जाकर प्रैक्टिस करनी पड़ती थी. साथ ही गांव के रूढ़िवादी लोगों की टिप्पणियां और फब्तियां भी सुननी पड़ती थीं. यहां तक कि क्रिकेट खेलने के कारण सिमरन के परिवार के खिलाफ कुछ अलमबरदारों ने फरमान भी जारी कर दिए थे लेकिन जीवटता की धनी सिमरन ने सब बाधाओं को पार करके आखिर अपना एक मुकाम पा ही लिया.

बागपतः होनहार बिरवान के होत चिकने पात. इस पुरानी कहावत को सही साबित किया है बागपत की सिमरन ने. जिले का एक छोटा सा मुस्लिम बाहुल्य गांव असारा 13 वर्ष पहले अचानक उस वक्त चर्चा में आ गया था, जब एक खाप पंचायत ने लड़कियों के जीन्स पहनने पर पाबंदी लगाने का फरमान सुना दिया था. अब 13 साल बाद सिमरन के इस्तकबाल में इसी असारा गांव ने पलक-पांवड़े बिछा दिए और हर गांववासी ने सिमरन का खुलकर स्वागत किया.

रणजी टीम का हिस्सा बनने पर खुशी की लहर
सिमरन हरियाणा की महिला रणजी टीम का अहम हिस्सा हैं. वह मंगलवार को हरियाणा से गांव पहुंचीं तो उनका जमकर स्वागत किया गया. उनका कुछ समय पहले ही चयन हरियाणा की महिला रणजी क्रिकेट टीम में हुआ है. वह टीम में ऑलराउंडर की हैसियत से खेलती हैं.

हरियाणा की महिला रणजी टीम का हिस्सा बनीं बागपत की सिमरन

बचपन से शौक
बागपत के मुस्लिम बाहुल्य गांव की बेटी सिमरन को बचपन से ही खेलने का शौक था. उसने अपने गांव के इंटर कॉलेज में आयोजित एक दौड़ प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया. इस दौड़ में छात्र और छात्राओं की दौड़ एक साथ थी. सिमरन ने सभी को पछाड़ते हुए प्रथम स्थान हासिल किया. यहीं से सिमरन के मन में खेल के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना अंगड़ाई लेने लगा. सिमरन बताती हैं कि वह टेनिस स्टार सानिया मिर्जा से बहुत प्रभावित थीं और टेनिस ही खेलना चाहती थीं लेकिन गांव में टेनिस खेलने की कोई सुविधा नहीं थी. तब सिमरन ने क्रिकेट की तरफ रुख किया. सिमरन गांव के कॉलेज की फील्ड पर पसीना बहाने लगीं. इसके बाद सिमरन को डॉ. मुन्ना नाम के कोच मिले और सिमरन का क्रिकेट का सफर शुरू हो गया. जबर्दस्त मेहनत के बाद सिमरन का चयन हरियाणा महिला रणजी क्रिकेट टीम में हो गया. सिमरन ने टीम में ऑलराउंडर की हैसियत से खेलना शुरू किया और आज सिमरन हरियाणा की महिला रणजी टीम का अहम हिस्सा हैं.

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कठिन संघर्ष से मंजिल
आज की क्रिकेट स्टार सिमरन को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा. परिवार की माली हालत काफी खस्ता होने के कारण सिमरन को कई-कई किलोमीटर पैदल जाकर प्रैक्टिस करनी पड़ती थी. साथ ही गांव के रूढ़िवादी लोगों की टिप्पणियां और फब्तियां भी सुननी पड़ती थीं. यहां तक कि क्रिकेट खेलने के कारण सिमरन के परिवार के खिलाफ कुछ अलमबरदारों ने फरमान भी जारी कर दिए थे लेकिन जीवटता की धनी सिमरन ने सब बाधाओं को पार करके आखिर अपना एक मुकाम पा ही लिया.

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