चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने ऑर्डिनेंस के जरिए हरियाणा के गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए कमेटी तो बना दी, लेकिन इस कमेटी के जरिए हरियाणा में गुरुद्वारों को जिस तरह से अपने अधीन लिया जा रहा है इसको लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर मुखर हो गया है. इस मामले को लेकर उन्होंने मीडिया के सामने अपनी बात रखी. साथ ही हरियाणा सरकार पर भी निशाना साधा.
मर्दन साहिब गुरुद्वारा के उप प्रधान हरकेश सिंह मॉडी ने चंडीगढ़ में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनसे गलत तरीके से हरियाणा की गुरुद्वारों का प्रबंध लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये गुरु घर की बेअदबी है. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जो हरियाणा सरकार ने एडहॉक कमेटी बनाई है, वह पूरी तरह से आरएसएस और हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही है. हरियाणा के गुरुद्वारों पर कब्जा करने का जो तरीका अपनाया जा रहा है वह बिल्कुल जायज नहीं है. उन्होंने कहा कि गुरुद्वारों पर कब्जा लेने के लिए जबरन गुरुद्वारों के ताले काटे गए.
उन्होंने कहा कि हम कुरुक्षेत्र गुरुद्वारे में देखने गए कि आखिर वहां पर किया क्या गया है. हमने किसी को कुछ नहीं कहा, गुरुद्वारों का प्रबंध लेने का भी तरीका होता है. जबरन ताले नहीं तोड़े जाते. कोर्ट ने भले ही निर्णय अलग गुरुद्वारा कमेटी बनाने का दिया हो, लेकिन प्रबंधन कमेटी के सदस्य बनाने का निर्णय सरकार ने खुद ले लिया.
उन्होंने कहा कि 1925 के एक्ट को जब कोर्ट ने रद्द नही किया तो सरकार द्वारा किस तरह रद्द किया गया. कुरुक्षेत्र गुरुद्वारे में सिविल वर्दी में पुलिस थी, उन्होंने ही हालात बिगाड़े। वहा पर हमारे किसी भी व्यक्ति ने हाथ नही उठाया. उन्होंने कहा कि गलत तरीके से सरकार हरियाणा के गुरुद्वारों को हथियाना चाहती है. सरकार द्वारा सीईओ की नियुक्ति की गई, वह असवैधानिक है. गुरुद्वारों के ताले तोड़ना घोर पाप है.
इसके साथ ही उन्होंने करमजीत सिंह महंत पर भी सवाल उठाए. कर्मजीत सिंह महंत जिन्हें हरियाणा गुरुद्वारे प्रबंधन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. यह जायज नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी सिख संगत से अपील है कि सरकार के हाथ में हरियाणा के गुरुद्वारों का प्रबंधन ना दे. इसके खिलाफ खड़े हों. इससे पहले इस मामले को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी भी इस मामले पर अपना बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि एचएसजीपीए की एडहॉक कमेटी में ज्यादातर अमृतधारी सिख नहीं है.
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उन्होंने हरियाणा सरकार के एचएसजीपीसी को लेकर पारित किए गए ऑर्डिनेंस पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने 18 महीने के लिए एडहॉक कमेटी बनाई. अगर चुनाव इस बीच नहीं हुए तो फिर यह कमेटी 18 महीने रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने गुरुद्वारों के कब्जे लेने के लिए पुलिस भेजी जोकि वहां जूते सहित अंदर घुसे. उन्होंने कहा कि यह सिख धर्म के साथ दखल अंदाजी है और सिख धर्म की उलंघना है. वहीं इस मुद्दे पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने तीन मार्च को एसजीपीसी का जनरल हाउस भी बुलाया है, जिसमें अगली कार्रवाई पर चर्चा होगी.